शादी के बाद पत्नी की कमाई, गहनों और बैंक बैलेंस पर किसका हक, सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ी चुप्पी

शादी के बाद पति और पत्नी का जीवन साझेदारी पर आधारित होता है, लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि पत्नी की कमाई, गहनों (Stridhan) और बैंक बैलेंस पर किसका अधिकार होता है? क्या पति इन चीजों पर दावा कर सकता है या वो पूरी तरह पत्नी की संपत्ति मानी जाएगी?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक बड़ा फैसला सुनाया, जिसने इस मुद्दे पर चली आ रही अनिश्चितता को दूर कर दिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि शादी के बाद भी पत्नी की संपत्ति सिर्फ उसकी निजी संपत्ति है, और उस पर किसी और का दावा नहीं हो सकता — यहां तक कि पति का भी नहीं।

क्या है Stridhan (स्त्रीधन)?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि Stridhan क्या होता है।

Stridhan वह संपत्ति होती है जो:

  • शादी के समय, शादी के बाद या किसी खास मौके पर पत्नी को मिली हो — जैसे कि गहने, नकदी, उपहार, ज़मीन, बैंक बैलेंस आदि।

  • यह संपत्ति पत्नी को पिता, माता, रिश्तेदारों या ससुराल वालों से मिली हो।

  • इसमें पत्नी की खुद की कमाई और सेविंग्स भी शामिल होती हैं।

कानूनी रूप से:

Stridhan पर केवल पत्नी का पूर्ण स्वामित्व होता है। यह संपत्ति सिर्फ पत्नी की मानी जाती है, और पति या उसके परिवार को इस पर कोई अधिकार नहीं होता।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा:

“पति के पास यदि पत्नी का Stridhan है, और वह उसे लौटाने से मना करता है, तो यह ‘आपराधिक विश्वासघात’ (Criminal Breach of Trust) माना जाएगा।”

क्या कहती है धारा 405 और 406 IPC:

  • धारा 405: विश्वासघात (Criminal Breach of Trust)

  • धारा 406: अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी की संपत्ति लौटाने से मना करता है तो उसके खिलाफ 3 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

इसलिए अगर पति या ससुराल वालों ने पत्नी के गहने या पैसा रख लिए हैं और उसे वापस नहीं कर रहे हैं, तो वे कानूनी अपराध के तहत दंडनीय हो सकते हैं।

पत्नी की कमाई पर किसका हक?

  • पत्नी की नौकरी, बिज़नेस या किसी और माध्यम से होने वाली कमाई पूरी तरह उसकी खुद की संपत्ति होती है।

  • पति को उस पर किसी भी प्रकार का स्वामित्व अधिकार नहीं है।

  • पत्नी यदि चाहें तो अपनी कमाई से घर चलाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन यह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर करता है।

अगर पति ज़बरदस्ती करे?

यदि पति या ससुराल वाले पत्नी की कमाई पर जबरन हक जताते हैं या नियंत्रण रखते हैं, तो यह मानसिक उत्पीड़न (domestic violence) के अंतर्गत आता है और उस पर भी कानूनी कार्रवाई संभव है।

बैंक बैलेंस और जॉइंट अकाउंट का मुद्दा

बैंक में जमा राशि पर अधिकार:

  • अगर बैंक अकाउंट केवल पत्नी के नाम पर है, तो उसमें जमा पैसा सिर्फ पत्नी की संपत्ति है।

  • अगर जॉइंट अकाउंट है, तो नियमों के अनुसार दोनों का अधिकार होता है – लेकिन यदि पैसा केवल पत्नी की कमाई है और जबरन खर्च किया जा रहा है, तो पत्नी कानूनी सहायता ले सकती है।

महिला के अधिकारों की कानूनी सुरक्षा

भारत का कानून महिलाओं के आर्थिक अधिकारों की रक्षा करता है:

अधिकार कानून
Stridhan की सुरक्षा हिंदू विवाह अधिनियम, धारा 14
घरेलू हिंसा से सुरक्षा घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005
विश्वासघात पर सजा IPC की धारा 405 और 406
पति द्वारा उत्पीड़न पर कार्यवाही धारा 498A IPC

अगर पति गहने और पैसा न लौटाए तो क्या करें?

  1. पुलिस में शिकायत दर्ज करें – महिला अपने नजदीकी थाने में IPC की धारा 406 और 498A के तहत रिपोर्ट कर सकती है।

  2. महिला आयोग से संपर्क करें – राज्य महिला आयोग या राष्ट्रीय महिला आयोग से संपर्क किया जा सकता है।

  3. परिवार अदालत (Family Court) में केस दाखिल करें – पत्नी Stridhan की वापसी के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है।

  4. डोमेस्टिक वॉयलेंस एक्ट के तहत राहत मांग सकती हैं – इसमें आर्थिक शोषण को भी शामिल किया गया है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q. क्या शादी के बाद पत्नी के गहने पति को दिए जा सकते हैं?
A. अगर पत्नी स्वेच्छा से दे तो दे सकती है, लेकिन मजबूरी या दबाव में देने की स्थिति में वो Stridhan वापसी की मांग कर सकती है।

Q. पति अगर गहने लौटाने से इनकार करे तो क्या हो सकता है?
A. IPC धारा 406 के तहत केस दर्ज होगा और सजा संभव है।

Q. क्या पत्नी अपनी कमाई से खरीदी चीजों पर दावा कर सकती है?
A. हां, जो भी चीज़ पत्नी ने अपनी कमाई से खरीदी है वह उसकी व्यक्तिगत संपत्ति मानी जाती है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महिलाओं के अधिकारों की रक्षा में एक बड़ा कदम है। अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि पत्नी की कमाई, गहने, और बैंक बैलेंस पर सिर्फ उसी का अधिकार है, पति या ससुराल पक्ष का नहीं। यदि कोई महिला चाहे तो वह कानून का सहारा लेकर अपनी संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकती है।

शादी साझेदारी का नाम है, न कि किसी की संपत्ति पर हक जमाने का। यदि आप महिला हैं और आपके Stridhan पर जबरन कब्जा है, तो अब चुप न रहें – कानून आपके साथ है।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group