पत्नी के नाम प्रॉपर्टी तो किसकी होगी मालिकाना हक, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

भारत में संपत्ति विवाद सबसे ज्यादा परिवारों के बीच होते हैं। खासकर जब पति अपनी पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदता है, तब सवाल उठता है – क्या असली मालिक पत्नी होती है या पति? कई लोग इसे महज टैक्स बचत या सुरक्षा की दृष्टि से करते हैं, लेकिन बाद में यही एक बड़ा विवाद बन जाता है। हाल ही में हाईकोर्ट ने इस पर एक बड़ा फैसला सुनाकर साफ कर दिया है कि ऐसी प्रॉपर्टी पर किसका मालिकाना हक (Ownership Right) माना जाएगा।

पत्नी के नाम प्रॉपर्टी – क्या कहता है भारतीय कानून?

भारत में Benami Transactions (Prohibition) Act, 1988 के तहत किसी और के नाम पर संपत्ति खरीदने पर सख्त रोक है। लेकिन कुछ अपवाद भी हैं – जैसे पति अगर अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदता है तो यह बेनामी संपत्ति नहीं मानी जाती।

कानून में क्या कहा गया है?

यह भी पढ़े:
जमीन या मकान पर अवैध कब्जा, तुरंत उठाएं ये कदम कब्जाधारी की होगी छुट्टी
  • अगर पति अपनी कमाई से पत्नी के नाम संपत्ति खरीदता है तो वह बेनामी नहीं है।

  • लेकिन जब तक यह साबित नहीं होता कि पैसा पति ने दिया है और संपत्ति सिर्फ नाम मात्र के लिए पत्नी के नाम पर है, तब तक पत्नी को ही मालिकाना हक माना जाएगा।

क्या था हाईकोर्ट का मामला?

हाल ही में एक हाईकोर्ट में केस आया जिसमें पति ने अपनी पत्नी के नाम मकान खरीदा था। पति का दावा था कि उसने अपनी मेहनत की कमाई से मकान खरीदा, इसलिए उस पर असली हक उसका ही है। दूसरी तरफ पत्नी का कहना था कि मकान उसके नाम पर रजिस्टर्ड है, इसलिए मालिक वही है।

यह भी पढ़े:
अवैध कब्जा हटाना चाहते हैं? जानें 2025 में संपत्ति कब्जा कानून क्या कहता है

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा:

  • रजिस्ट्री रिकॉर्ड में जिसका नाम दर्ज है, वही मालिक माना जाएगा।

  • अगर पति यह साबित नहीं कर पाता कि पत्नी महज नाम के लिए मालिक है, तो पत्नी को ही संपत्ति का मालिकाना हक मिलेगा।

    यह भी पढ़े:
    घर में कितना सोना रखना कानूनन सही, जानें नियम और लिमिट
  • केवल पैसा देने से मालिकाना हक अपने आप नहीं बनता।

  • प्रॉपर्टी का दस्तावेज, नामांतरण और टैक्स रिकॉर्ड – सब कुछ मालिकाना हक तय करने में अहम होते हैं।

पति के नाम से खरीदी प्रॉपर्टी में पत्नी का हक

यहां पर एक और अहम पहलू है –
अगर कोई पति पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदता है तो उस पर विवाद के समय यह साबित करना पति की जिम्मेदारी होती है कि पत्नी नाम मात्र की मालिक है।

यह भी पढ़े:
विश्व के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे से चमका रतलाम, प्रॉपर्टी के दामों ने तोड़े रिकॉर्ड
  • उदाहरण के लिए अगर पत्नी इस मकान को बेचना चाहे तो वह बिना पति की इजाजत भी बेच सकती है अगर वह रजिस्ट्री में अकेली मालिक है।

  • अगर पति यह साबित करना चाहता है कि यह बेनामी सौदा है तो उसे ठोस सबूत देने होंगे – जैसे बैंक ट्रांजेक्शन, खरीद का इरादा, गवाह आदि।

बेनामी संपत्ति कानून से जुड़ी जरूरी बातें

Benami Transactions (Prohibition) Amendment Act, 2016 के अनुसार:

यह भी पढ़े:
सिर्फ इन लोगों को मिलेगा मौका, ₹100 में होगी प्लॉट की रजिस्ट्री
  • किसी भी संपत्ति को अगर किसी और के नाम पर खरीदा गया है लेकिन पैसा किसी और ने दिया है और नाम पर रखा है तो वह बेनामी मानी जाएगी।

  • पति-पत्नी, पिता-पुत्र, भाई-बहन के नाम पर खरीदी गई संपत्ति इस कानून में अपवाद हैं, लेकिन उसमें भी मालिकाना हक साबित करना जरूरी होता है।

  • गलत इरादे से बेनामी संपत्ति रखने पर जुर्माना और सजा भी हो सकती है।

    यह भी पढ़े:
    प्लॉट खरीदने के बाद पछताना न पड़े, पहले चेक करें ये जरूरी रिकॉर्ड

कब होता है विवाद?

अक्सर पति-पत्नी के बीच रिश्ते में दरार आने पर यह मामला बड़ा बन जाता है।

इसलिए कोर्ट हर मामले में सबूतों के आधार पर ही फैसला देती है।

प्रॉपर्टी विवाद से कैसे बचें?

 पति-पत्नी को रजिस्ट्री के वक्त मालिकाना हक का सही दस्तावेज तैयार करना चाहिए।
 ज्वाइंट ओनरशिप (Joint Ownership) में दोनों के नाम से प्रॉपर्टी खरीदें।
 बैंक ट्रांजेक्शन और पेमेंट रिकॉर्ड क्लियर रखें।
अगर मकान नाम मात्र के लिए पत्नी के नाम है तो रजिस्ट्री में यह बात नोट करवाएं।
 वसीयत (Will) बनाकर रखें ताकि भविष्य में कोई झगड़ा न हो।

पत्नी के नाम प्रॉपर्टी – मालिक कौन?

साफ शब्दों में समझें तो:

यह भी पढ़े:
राशन कार्ड पर नई मुश्किल! इस राज्य में 20.58 लाख लाभार्थियों को होगा नुकसान

क्या पति पत्नी से वापस ले सकता है संपत्ति?

कानूनन नहीं।
अगर पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी गई है और उसने कोई गिफ्ट डीड या एग्रीमेंट नहीं किया तो पति के पास कोई हक नहीं है कि वह उसे वापस ले सके।
हाँ, अगर साबित हो कि धोखा हुआ या फ्रॉड हुआ तो कोर्ट में मामला उठाया जा सकता है।

निष्कर्ष

हाईकोर्ट के हालिया फैसले से यह साफ हो गया कि अगर पति ने पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी है तो मालिक वही होगी जिसका नाम रजिस्ट्री में लिखा है। इसलिए ऐसे मामलों में विवाद से बचने के लिए दस्तावेज और सबूत मजबूत रखें।

यह भी पढ़े:
लोन लेने के लिए अब इतना सिबिल स्कोर जरूरी, वरना कोई बैंक नहीं देगा पैसा, नया नियम लागू

अगर आप भी अपनी पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं तो यह बातें जरूर याद रखें:

ताकि आने वाले समय में कोई विवाद न हो और घर-परिवार की शांति बनी रहे।

यह भी पढ़े:
SBI समेत इन 10 बैंकों में 1 साल की FD पर 8.55% तक ब्याज, तुरंत करें निवेश

Leave a Comment

Join Whatsapp Group