डिजिटल पेमेंट के इस दौर में UPI (Unified Payments Interface) आम लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। आजकल हर कोई मोबाइल से ही पैसे भेजने, लेने और बिल पे करने का काम कर रहा है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि अगर आप UPI से 2000 रुपये से ज्यादा ट्रांसफर करते हैं तो उस पर GST देना होगा।
ऐसे में आम लोगों के बीच सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वाकई UPI पेमेंट पर टैक्स लगेगा? क्या सरकार UPI ट्रांजैक्शन को GST के दायरे में लाने जा रही है? आइए जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई।
UPI से पेमेंट पर GST की अफवाह कैसे फैली?
कुछ दिनों से सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप्स और यूट्यूब वीडियोज में दावा किया जा रहा है कि सरकार 2000 रुपये से ज्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर 18% GST लगाने की तैयारी कर रही है। इसके बाद लोगों में डर फैल गया कि अब डिजिटल लेनदेन करना महंगा हो जाएगा और लोगों को हर पेमेंट पर टैक्स देना पड़ेगा।
क्या है UPI पेमेंट पर GST का नियम?
सबसे पहले आपको यह समझना जरूरी है कि UPI एक पेमेंट इंटरफेस है, कोई बैंकिंग प्रोडक्ट नहीं।
UPI के जरिए आप अपने बैंक अकाउंट से पैसे सीधे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करते हैं। इसमें कोई मीडिएटर चार्ज या कमीशन नहीं लगता।
वर्तमान में UPI ट्रांजैक्शन पर किसी भी तरह का GST या सर्विस चार्ज नहीं लगता। बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को NPCI (नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के गाइडलाइंस के मुताबिक ये सर्विस फ्री में देनी होती है।
सरकार ने क्या कहा?
जब यह अफवाह बहुत फैल गई तो वित्त मंत्रालय ने इस पर सफाई दी।
सरकार ने साफ कहा है कि UPI से पैसे भेजने या लेने पर कोई GST नहीं लगेगा।
सरकार ने ट्वीट करके कहा कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए UPI सर्विस पूरी तरह फ्री है और भविष्य में भी इस पर टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है।
तो फिर कहां लगता है GST?
अब सवाल आता है कि जब UPI पर GST नहीं लगता तो कहां लगता है? दरअसल, बैंक कुछ सर्विसेस जैसे क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट, लोन प्रोसेसिंग फीस, चेक बुक इश्यू चार्ज आदि पर GST लेते हैं। लेकिन ये चार्ज बैंक की सर्विस पर लागू होते हैं — ट्रांजैक्शन पर नहीं।
अगर आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस को ऑनलाइन खरीदते हैं, तो उस पर GST लगता है, लेकिन वह ट्रांजैक्शन पर नहीं बल्कि प्रोडक्ट या सर्विस की कीमत में शामिल होता है। UPI सिर्फ पेमेंट का माध्यम है, उस पर अलग से टैक्स नहीं लगता।
क्या UPI पर कोई चार्ज लग सकता है?
हाल ही में NPCI ने एक प्रस्ताव दिया था जिसमें कुछ मर्चेंट पेमेंट्स पर इंटरचेंज फीस लगाने की बात कही गई थी। लेकिन ये फीस भी आम यूजर्स पर लागू नहीं है। यह सिर्फ बड़े मर्चेंट और बैंकों के आपसी लेन-देन पर लागू होता है।
आम आदमी जब अपने दोस्त, रिश्तेदार या दुकानदार को UPI से पेमेंट करता है तो उस पर कोई शुल्क नहीं लगता।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता
सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है ताकि कैशलेस इकॉनमी को ताकत मिले।
इसके लिए सरकार बैंकों और फिनटेक कंपनियों को सब्सिडी भी देती है ताकि UPI जैसी सर्विस यूजर्स को फ्री में मिलती रहे।
हाल ही में सरकार ने UPI ट्रांजैक्शन को चार्ज फ्री बनाए रखने के लिए बैंकों को सपोर्ट करने के लिए बजट में अलग से फंड भी रखा है।
फेक न्यूज से रहें सावधान
आजकल सोशल मीडिया पर कई तरह की भ्रामक खबरें फैलाई जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि किसी भी तरह की जानकारी को पढ़ने या मानने से पहले उसकी सच्चाई सरकारी वेबसाइट या विश्वसनीय न्यूज सोर्स से चेक कर लें।
वित्त मंत्रालय या NPCI की वेबसाइट पर इस तरह की अफवाहों पर तुरंत क्लैरिफिकेशन जारी कर दिया जाता है।
अगर कभी कोई चार्ज लगे तो क्या करें?
अगर आपके बैंक ने UPI ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज लगाया है तो आप तुरंत बैंक से संपर्क करें।
इसके अलावा आप RBI या NPCI में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि NPCI के गाइडलाइंस के मुताबिक पर्सन टू पर्सन UPI पेमेंट पूरी तरह फ्री है।
निष्कर्ष
अब आप जान गए होंगे कि UPI से 2000 रुपये से ज्यादा ट्रांसफर करने पर कोई GST नहीं लगता।
सरकार ने भी साफ कर दिया है कि डिजिटल पेमेंट पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगेगा।
इसलिए आप बेफिक्र होकर UPI के जरिए पेमेंट करें और कैशलेस इंडिया को मजबूत बनाएं।