यूपी को जल्द मिलेगा नया एक्सप्रेसवे! ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, गडकरी ने दिए संकेत

उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक और खुशखबरी आई है। लगातार बढ़ते ट्रैफिक और घंटों जाम में फंसे लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार एक और नया एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसके संकेत दिए हैं।

गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यूपी में सड़क नेटवर्क को और मजबूत किया जाएगा ताकि तेजी से बढ़ रहे वाहनों के दबाव को संभाला जा सके और ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म की जा सके।

क्यों जरूरी है यूपी को नया एक्सप्रेसवे?

उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में सड़क और एक्सप्रेसवे नेटवर्क तेजी से बढ़ा है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट पहले ही चालू हैं। इसके बावजूद कई जगहों पर अब भी जाम की समस्या बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, मेरठ जैसे बड़े शहरों में भारी ट्रैफिक से लोग परेशान रहते हैं। ऐसे में नए एक्सप्रेसवे से शहरों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और लॉजिस्टिक्स भी आसान होगा।

नितिन गडकरी ने क्या कहा?

नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार यूपी में विकास की गति को और तेज करना चाहती है। इसी के तहत एक और 6 लेन या 8 लेन एक्सप्रेसवे बनाने पर विचार चल रहा है। गडकरी ने अधिकारियों को योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सड़कों और हाईवे का बड़ा रोल है। नए हाईवे के जरिए यूपी में औद्योगिक क्षेत्रों, किसानों और व्यापारियों को भी फायदा होगा।

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किस रूट पर बन सकता है नया एक्सप्रेसवे?

हालांकि अभी फाइनल रूट तय नहीं हुआ है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि नया एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी या NCR कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बनाया जा सकता है।

इसके अलावा गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा से होकर गुजरने वाला नया रूट भी चर्चा में है ताकि दिल्ली-NCR के जाम को कम किया जा सके।

नए एक्सप्रेसवे से लोगों को क्या फायदा होगा?

 कम होगा ट्रैफिक लोड:
लोगों को जाम से राहत मिलेगी। खासकर बड़े ट्रकों और मालवाहक गाड़ियों के लिए वैकल्पिक रास्ता मिलेगा।

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 समय की बचत:
नया एक्सप्रेसवे हाई स्पीड होगा, जिससे लंबी दूरी कम समय में तय होगी। बिजनेस और इमरजेंसी ट्रैवल आसान होगा।

 उद्योग और रोजगार:
एक्सप्रेसवे के आसपास नए उद्योग, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब बनने के मौके बढ़ेंगे। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

 किसानों को लाभ:
किसानों की फसल मंडियों तक जल्दी पहुंचेगी। ट्रांसपोर्ट कॉस्ट घटेगी और दाम बेहतर मिलेंगे।

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यूपी पहले से क्यों है एक्सप्रेसवे का हब?

यूपी देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा लंबे-चौड़े एक्सप्रेसवे हैं। यहां पहले से ही करीब 1,000 किलोमीटर से ज्यादा का एक्सप्रेसवे नेटवर्क है।

यमुना एक्सप्रेसवे: दिल्ली-नोएडा को आगरा से जोड़ता है।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे: लखनऊ से आगरा के बीच शानदार कनेक्टिविटी।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: लखनऊ से गाजीपुर तक फैला हुआ।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: चित्रकूट से इटावा तक।
गंगा एक्सप्रेसवे (निर्माणाधीन): मेरठ से प्रयागराज तक।

सरकार क्यों कर रही है इतना निवेश?

उत्तर प्रदेश को सड़क नेटवर्क में मजबूत बनाकर सरकार निवेशकों को आकर्षित करना चाहती है। बड़ी कंपनियां तभी इंडस्ट्री सेटअप करती हैं जब कच्चा माल, सामान और लोग आसानी से मूव कर सकें। एक्सप्रेसवे इसी में मदद करते हैं।

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यूपी में डिफेंस कॉरिडोर, मेट्रो प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट जैसे कई प्रोजेक्ट भी इसी सोच का हिस्सा हैं।

कब तक शुरू होगा नया प्रोजेक्ट?

नया एक्सप्रेसवे फिलहाल प्लानिंग स्टेज में है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिए हैं कि DPR तैयार होते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि 2025 तक इस पर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

आने वाले समय में और क्या होगा खास?

यूपी सरकार और केंद्र मिलकर स्मार्ट सिटी, इकोनॉमिक कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल पार्क और हाइब्रिड एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहे हैं। ऐसे में नए एक्सप्रेसवे के जुड़ने से यूपी का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होगा और निवेशकों को नए मौके मिलेंगे।

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निष्कर्ष

यूपी में बढ़ती जनसंख्या और ट्रैफिक को देखते हुए नया एक्सप्रेसवे जरूरी कदम है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो आने वाले कुछ सालों में यूपी को जाम से बड़ी राहत मिलेगी और सड़क यात्रा पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक होगी।

नितिन गडकरी के इस संकेत ने साफ कर दिया है कि यूपी में कनेक्टिविटी को लेकर सरकार गंभीर है। यह आने वाले वक्त में प्रदेश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।

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