चलती ट्रेन में यात्री की मौत पर मिलेगा मुआवजा या नहीं? जानें रेलवे का नियम

रेलवे से हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। लंबा सफर हो या छोटा, ट्रेनें देश की लाइफलाइन हैं। लेकिन कई बार सफर के दौरान ऐसी अनहोनी घट जाती है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता — जैसे अगर चलती ट्रेन में यात्री की मौत हो जाए तो परिवार को क्या होगा? क्या रेलवे मुआवजा देता है? या फिर कोई भी हक नहीं बनता? यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।

आज हम आपको बताएंगे कि रेलवे के नियम क्या कहते हैं — कब मुआवजा मिलता है, कब नहीं और परिवार को क्या करना चाहिए।

चलती ट्रेन में मौत: कैसे होती हैं घटनाएं?

अक्सर ट्रेन सफर में यात्री की मौत कई कारणों से हो सकती है:
 हार्ट अटैक या बीमारी से अचानक मौत
 ट्रेन हादसे में मौत (जैसे दुर्घटना, पटरी से उतरना, आग लगना)
 ट्रेन से गिर जाने से मौत
 अपराध या हमला

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इनमें से हर स्थिति में रेलवे का मुआवजा नियम अलग होता है। इसलिए यात्रियों और उनके परिवार को यह जानकारी होना बहुत जरूरी है।

क्या रेलवे हर मौत पर मुआवजा देता है?

नहीं! रेलवे हर मौत पर मुआवजा नहीं देता। रेलवे एक्ट, 1989 और रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल नियमों के अनुसार अगर मौत ट्रेन हादसे या रेलवे की लापरवाही से होती है, तो मुआवजा दिया जाता है। लेकिन अगर मौत प्राकृतिक कारणों से हो (जैसे हार्ट अटैक) तो रेलवे कोई मुआवजा नहीं देता।

कब मिलेगा मुआवजा?

1. ट्रेन हादसा या दुर्घटना

अगर किसी यात्री की मौत ट्रेन के पटरी से उतरने, टक्कर होने या आग लगने से होती है तो रेलवे को अनिवार्य रूप से मुआवजा देना होता है। ऐसे मामलों में ₹5 लाख से ज्यादा का मुआवजा तय होता है।

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2. ट्रेन से गिरने पर

अगर कोई यात्री चलती ट्रेन से गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है तो भी रेलवे मुआवजा देता है — बशर्ते कि उस यात्री का टिकट वैध हो और हादसा दुर्घटनावश हुआ हो। कई बार यात्री खुद दरवाजा खोलकर लटकते हैं, सेल्फी लेते हैं या शराब पीकर गिरते हैं — ऐसे मामलों में रेलवे जिम्मेदारी से इनकार कर सकता है।

3. आतंकी हमला, डकैती, या हमला

अगर ट्रेन में यात्रा करते हुए किसी यात्री पर हमला होता है और उसकी मौत हो जाती है तो भी रेलवे को जिम्मेदार माना जाता है और परिवार को मुआवजा दिया जाता है।

कब नहीं मिलेगा मुआवजा?

 बीमारी या हार्ट अटैक से मौत
 यात्री की खुद की लापरवाही (जैसे चलती ट्रेन में खिड़की या दरवाजे से बाहर झांकना)
 नशे की हालत में दुर्घटना
 रेलवे परिसर में लेकिन यात्रा से अलग हादसा (जैसे प्लेटफॉर्म पर गिरकर मौत)

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रेलवे मुआवजा का नियम – जरूरी बातें

रेलवे एक्ट की धारा 124A के तहत दुर्घटना या अनहोनी में यात्री के परिवार को मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके लिए ये शर्तें जरूरी हैं:

 यात्री के पास वैध टिकट हो।
 मौत ट्रेन हादसे या रेल प्रशासन की लापरवाही से हुई हो।
 परिवार को क्लेम ट्रिब्यूनल में दावा करना होगा।
 टिकट या FIR जैसे सबूत जरूरी होते हैं।

मुआवजा कैसे मिलता है?

 हादसे के बाद यात्री के परिजनों को सबसे पहले नजदीकी रेलवे स्टेशन या GRP में FIR दर्ज करानी चाहिए।
 इसके बाद रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (RCAT) में आवेदन देना होता है।
 क्लेम ट्रिब्यूनल जरूरी दस्तावेज देखकर फैसला देता है और रेलवे को मुआवजा देने का आदेश देता है।
 प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुआवजा सीधे परिवार को मिलता है।

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कितना मुआवजा मिलता है?

रेलवे एक्ट में तय मुआवजा अमाउंट का जिक्र है —
 दुर्घटना में मौत पर न्यूनतम ₹5 लाख मुआवजा।
 गंभीर चोट लगने पर ₹50 हजार से लेकर ₹2 लाख तक।
 स्पेशल केस में कोर्ट ज्यादा मुआवजा भी दे सकता है।

क्या इंश्योरेंस जरूरी है?

रेलवे ने कुछ ट्रेनों में यात्रा बीमा की सुविधा भी शुरू की है। ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते वक्त आप मामूली रकम देकर इंश्योरेंस ले सकते हैं। अगर आप इंश्योरेंस लेते हैं तो एक्सीडेंटल डेथ की स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम भी मिलता है।

टिकट जरूरी क्यों है?

मुआवजा पाने के लिए वैध टिकट जरूरी है। अगर मृतक के पास टिकट नहीं था तो परिवार को मुआवजा पाने में परेशानी होगी। इसलिए हमेशा टिकट लेना जरूरी है — चाहे वो जनरल हो या रिजर्वेशन।

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रेलवे की जिम्मेदारी क्या है?

रेलवे को अपने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है। इसके लिए कोच में अलार्म चेन, CCTV, सुरक्षा गार्ड्स, फायर सेफ्टी जैसे इंतजाम किए जाते हैं। हादसा रेलवे की गलती से हुआ तो रेलवे को मुआवजा देना ही होगा।

क्या कोर्ट जा सकते हैं?

अगर रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में परिवार को संतोषजनक राहत नहीं मिलती तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की जा सकती है। कई बार रेलवे ट्रिब्यूनल क्लेम रिजेक्ट कर देता है, ऐसे में परिवार को न्यायालय का सहारा लेना पड़ता है।

निष्कर्ष

चलती ट्रेन में यात्री की मौत पर मिलेगा मुआवजा या नहीं? जानें रेलवे का नियम — अब आप समझ गए होंगे कि हर मौत पर मुआवजा नहीं मिलता। अगर मौत दुर्घटना, हादसे या रेलवे की लापरवाही से होती है तो मुआवजा मिलेगा, लेकिन प्राकृतिक मौत या यात्री की लापरवाही में रेलवे मुआवजा नहीं देता।

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इसलिए यात्रा के दौरान हमेशा सावधानी बरतें, टिकट लेकर ही सफर करें और अनावश्यक खतरा न लें। जरूरी हो तो यात्रा इंश्योरेंस जरूर करवाएं ताकि किसी अनहोनी में परिवार को आर्थिक मदद मिल सके।

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