भारत में सरकारी नौकरी को अक्सर सबसे सुरक्षित और आरामदायक जॉब माना जाता है। लाखों लोग हर साल सरकारी नौकरी पाने के लिए मेहनत करते हैं क्योंकि इसमें सैलरी के साथ-साथ कई छुट्टियां और भत्ते मिलते हैं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के एक नए आदेश ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा बदलाव कर दिया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों को अब हफ्ते भर काम करना होगा और छुट्टियों पर रोक लग सकती है।
इस आर्टिकल में जानते हैं – सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश क्या है, क्यों लिया गया ये फैसला, किसे लागू होगा और आम कर्मचारियों पर इसका क्या असर पड़ेगा। साथ ही जानिए, नए नियमों से जुड़े कानून के प्रावधान, कर्मचारियों के अधिकार और इससे जुड़े जरूरी सवाल-जवाब।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों को हफ्ते में सातों दिन काम के लिए तैयार रहना होगा अगर काम की जरूरत पड़ी तो। कोर्ट का कहना है कि सार्वजनिक हित सर्वोपरि है और कर्मचारियों का कर्तव्य है कि वो अपने विभाग को प्राथमिकता दें।
हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि हफ्ते के सातों दिन छुट्टी खत्म कर दी गई है, बल्कि ये आदेश खास हालात में लागू होगा। कोर्ट ने कहा कि अगर विभाग में जरूरी सेवाओं में स्टाफ की कमी होती है या इमरजेंसी हालात बनते हैं तो विभाग प्रमुख कर्मचारियों को छुट्टियों पर रोक सकते हैं और उन्हें हफ्ते भर काम पर बुला सकते हैं।
क्यों लिया गया ऐसा फैसला?
देश में कई बार ऐसे हालात बनते हैं जब सरकारी कर्मचारी हड़ताल या अचानक छुट्टियों पर चले जाते हैं। इससे पब्लिक डिलीवरी सिस्टम पर असर पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी सेवाएं बाधित नहीं होनी चाहिए।
आदेश में कोर्ट ने कहा:
“सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक हैं। अगर विभाग को उनकी जरूरत है तो हफ्ते भर की सेवा देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”
किन कर्मचारियों पर लागू होगा नया आदेश?
सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश विशेष रूप से उन विभागों पर लागू होगा जहां Essential Services चलती हैं, जैसे:
बिजली विभाग
जल आपूर्ति विभाग
नगर निगम
स्वास्थ्य विभाग
सरकारी अस्पताल
परिवहन और रेलवे से जुड़े कुछ सेक्टर
इसके अलावा किसी आपदा, इमरजेंसी या विशेष परिस्थिति में किसी भी सरकारी विभाग को ये अधिकार होगा कि वो कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर हफ्ते भर की ड्यूटी लगा सके।
क्या हर सरकारी कर्मचारी को अब 7 दिन काम करना होगा?
नहीं! सामान्य हालात में पहले की तरह साप्ताहिक अवकाश और छुट्टियां जारी रहेंगी। ये नियम सिर्फ तब लागू होगा जब:
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विभाग में स्टाफ की कमी हो
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आपदा या आपातकालीन स्थिति हो
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विशेष सरकारी योजना या मिशन मोड का काम हो
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सार्वजनिक हित में कोई बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा हो
कर्मचारियों के अधिकार क्या कहते हैं?
सरकारी कर्मचारियों के पास Fundamental Right to Leave नहीं है। छुट्टी विभाग प्रमुख की स्वीकृति से ही मिलती है। छुट्टी एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं।
यही वजह है कि कोर्ट ने भी कहा कि अगर डिपार्टमेंट छुट्टियां कैंसल कर दे तो कर्मचारी इसे चुनौती नहीं दे सकते क्योंकि पब्लिक इंटरेस्ट सर्वोपरि होगा।
अगर कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आए तो क्या होगा?
अगर कोई कर्मचारी इस आदेश के बाद भी अपनी ड्यूटी पर हाजिर नहीं होता है तो विभाग उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। इसमें सैलरी रोकना, सर्विस ब्रेक, या सस्पेंशन जैसी सजा भी हो सकती है।
क्या कोरोना जैसे हालात में भी लागू होगा?
हां, दरअसल सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश ऐसे हालात को ध्यान में रखते हुए ही दिया गया है। कोरोना काल में कई विभागों ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं। अब कोर्ट ने इस पर स्पष्टता दे दी कि आपात हालात में हफ्ते भर काम करना वैध और जरूरी है।
क्या अन्य राज्यों में भी लागू होगा?
सुप्रीम कोर्ट का आदेश पूरे देश के सरकारी विभागों पर लागू होगा। राज्य सरकारें अपने स्तर पर इससे जुड़ा आदेश निकाल सकती हैं। कई राज्यों में पहले से ही मेडिकल और इमरजेंसी सर्विस में हफ्ते भर की शिफ्ट चलती है।
सरकारी कर्मचारी क्या करें?
अपनी विभागीय गाइडलाइन पढ़ें
हफ्ते भर की ड्यूटी से जुड़ा नया नोटिफिकेशन ध्यान से देखें
छुट्टी की अर्जी समय पर दें और स्वीकृति लें
अगर आपातकालीन ड्यूटी लगे तो नियम मानें, वरना पेनल्टी झेलनी पड़ सकती है
कर्मचारी यूनियन क्या कह रही है?
कई कर्मचारी यूनियन इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग कर रही हैं। यूनियन का कहना है कि कर्मचारियों पर पहले से काम का बोझ ज्यादा है, हफ्ते भर काम करने से पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा।
हालांकि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यह नियम सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही लागू होगा।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद साफ हो गया है कि सरकारी कर्मचारियों को जरूरत पड़ने पर हफ्ते भर ड्यूटी करनी होगी। हालांकि रोज़ाना के हालात में पुरानी छुट्टियां और अवकाश व्यवस्था ही लागू रहेगी।
कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे नए नियमों को समझें, विभागीय आदेशों को फॉलो करें और जरूरी कागजात तैयार रखें ताकि कोई विवाद न हो।