अगर आप किराए के घर में रहते हैं या अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देते हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। सरकार ने 1 जुलाई 2025 से किराएदारी को लेकर बड़ा नियम लागू कर दिया है। अब बिना डिजिटल स्टांप रेंट एग्रीमेंट करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि नया नियम क्या है, डिजिटल स्टांप क्या होता है, क्यों जरूरी है, कितना जुर्माना लग सकता है और इससे किराएदार और मकान मालिक को कैसे फायदा होगा।
किराए के एग्रीमेंट में डिजिटल स्टांप क्यों जरूरी?
भारत में किराएदारी के झगड़े सबसे ज्यादा कोर्ट तक पहुंचते हैं। मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद की सबसे बड़ी वजह सही एग्रीमेंट न होना या स्टांप ड्यूटी का भुगतान न होना है।
इसीलिए सरकार ने अब डिजिटल स्टांप सिस्टम को जरूरी बना दिया है, ताकि —
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किराया एग्रीमेंट पूरी तरह वैध और रजिस्टर्ड हो।
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किसी तरह का फर्जीवाड़ा या विवाद न हो।
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किराएदार और मकान मालिक दोनों के हक सुरक्षित रहें।
क्या होता है डिजिटल स्टांप?
डिजिटल स्टांप पेपर यानी ई-स्टांपिंग एक ऑनलाइन प्रक्रिया है जिसमें आप किराएदारी एग्रीमेंट के लिए स्टांप शुल्क ऑनलाइन जमा करते हैं। इसके बाद एक यूनिक डिजिटल स्टांप सर्टिफिकेट जारी होता है, जो रजिस्ट्री का वैध सबूत होता है।
पहले लोग नकली स्टांप पेपर या पुराना स्टांप पेपर इस्तेमाल करते थे, जिससे धोखाधड़ी के केस बढ़ते थे। डिजिटल स्टांप से ये खतरा खत्म हो जाता है।
नया नियम क्या कहता है?
नए नियम के मुताबिक —
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1 जुलाई 2025 से हर किराएदार और मकान मालिक को किराए का एग्रीमेंट डिजिटल स्टांप के साथ ही करना होगा।
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बिना डिजिटल स्टांप पेपर के एग्रीमेंट को अवैध माना जाएगा।
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अगर कोई बिना डिजिटल स्टांप रेंट देता है या लेता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
जुर्माना कितना लगेगा?
किराया एग्रीमेंट की स्टांप ड्यूटी आमतौर पर किराए की रकम और एग्रीमेंट की अवधि के हिसाब से तय होती है।
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अगर आप स्टांप ड्यूटी नहीं चुकाते तो यह जुर्माना योग्य अपराध है।
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जुर्माना स्टांप शुल्क की रकम का 10 गुना तक हो सकता है।
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उदाहरण: अगर आपके एग्रीमेंट पर 500 रुपये की स्टांप ड्यूटी बनती थी और आपने डिजिटल स्टांप नहीं लिया, तो आपको 5,000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
कई राज्यों में यह जुर्माना और सख्त हो सकता है। साथ ही, प्रॉपर्टी सील या अन्य कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
कौन देखेगा यह नियम?
राज्य सरकार का राजस्व विभाग (Revenue Department), स्टांप रजिस्ट्रार कार्यालय और लोकल म्युनिसिपल अथॉरिटी मिलकर इसका पालन सुनिश्चित करेंगे।
अब रजिस्ट्री, म्युनिसिपल टैक्स, बिजली कनेक्शन जैसी सेवाओं में भी डिजिटल स्टांप एग्रीमेंट अनिवार्य दस्तावेज होगा।
किराएदार को क्या फायदा होगा?
डिजिटल स्टांप से किराएदार को भी फायदा है —
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सही एग्रीमेंट से किराएदार के अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
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मकान मालिक मनमानी नहीं कर सकेगा।
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कोई भी झगड़ा कोर्ट में जाने पर किराएदार को मजबूत सबूत मिलेगा।
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एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी डिजिटल स्टांप एग्रीमेंट मान्य होगा।
मकान मालिक को क्या फायदा होगा?
मकान मालिक को भी इससे सुरक्षा मिलेगी —
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किराएदार अगर किराया न दे तो लीगल एक्शन आसान होगा।
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अगर किराएदार समय पर खाली न करे तो कोर्ट में वैध दस्तावेज रहेगा।
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टैक्स रिटर्न में किराए की इनकम का रिकॉर्ड क्लियर रहेगा।
कैसे बनाएं डिजिटल स्टांप?
डिजिटल स्टांप पेपर बनवाना बेहद आसान है —
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राज्य सरकार की अधिकृत वेबसाइट या अधिकृत स्टांप वेंडर से ई-स्टांपिंग करें।
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ऑनलाइन फॉर्म भरें — प्रॉपर्टी डिटेल, किराया, अवधि आदि दर्ज करें।
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स्टांप शुल्क ऑनलाइन पे करें।
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सफल भुगतान के बाद यूनिक डिजिटल स्टांप सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
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एग्रीमेंट के साथ इसे अटैच करें।
किन राज्यों में जरूरी है?
दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे कई राज्यों ने डिजिटल स्टांप पहले ही लागू कर दिया है। अब यह सिस्टम देशभर में लागू होने की तैयारी में है। 1 जुलाई से सभी राज्यों को यह नियम लागू करना होगा।
क्या पुराने किराएदारों को भी जरूरी है?
अगर आपका पुराना एग्रीमेंट बिना डिजिटल स्टांप के है, तो उसकी अवधि खत्म होने पर नया एग्रीमेंट डिजिटल स्टांप के साथ कराना जरूरी होगा। अगर एग्रीमेंट रिन्यू नहीं हुआ तो भी नया नियम लागू होगा।
रेंट एग्रीमेंट में किन बातों का ध्यान रखें?
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एग्रीमेंट में किराया, डिपॉजिट, अवधि, नोटिस पीरियड सब क्लियर लिखें।
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मकान मालिक और किराएदार दोनों के सिग्नेचर हों।
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दो गवाहों के सिग्नेचर कराना न भूलें।
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डिजिटल स्टांप सर्टिफिकेट एग्रीमेंट के साथ अटैच हो।
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एग्रीमेंट की एक कॉपी मकान मालिक और किराएदार, दोनों के पास हो।
बिना डिजिटल स्टांप एग्रीमेंट कराने पर खतरा
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अगर मकान मालिक किराएदार को बिना डिजिटल स्टांप एग्रीमेंट से घर देता है तो उसे कोर्ट में दिक्कत हो सकती है।
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किराएदार अगर बेदखली या किराया विवाद का केस लड़े तो मकान मालिक के पास वैध एग्रीमेंट न होने से केस कमजोर पड़ सकता है।
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बिना स्टांप पेपर के एग्रीमेंट की वैधता बहुत कमजोर होती है।
निष्कर्ष
सरकार का नया नियम सीधे-सीधे मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए बड़ा अलर्ट है। अगर आप किराए का घर ले रहे हैं या दे रहे हैं तो 1 जुलाई 2025 से पहले डिजिटल स्टांप एग्रीमेंट जरूर बनवाएं।
इससे न सिर्फ आपका पैसा बचेगा बल्कि कोर्ट-कचहरी के चक्कर भी कम होंगे। जुर्माना और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए सही नियमों का पालन करना ही समझदारी है।