डिजिटल पेमेंट के इस दौर में हम सभी UPI, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या एटीएम के जरिए पैसे ट्रांसफर करते हैं। लेकिन कई बार तकनीकी खामियों के कारण ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है और पैसा अकाउंट से कटने के बाद भी वापसी में काफी समय लग जाता है। इस परेशानी को खत्म करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अब एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अगर ट्रांजेक्शन फेल होता है, तो एक तय समय सीमा में रिफंड मिलना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस नियम से करोड़ों ग्राहकों को राहत मिलेगी जो अब तक फेल ट्रांजेक्शन के बाद रिफंड का लंबा इंतजार करते थे।
RBI का यह नया नियम क्या है?
RBI ने बैंकों, पेमेंट गेटवे, और UPI सेवा प्रदाताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
अगर कोई ट्रांजेक्शन फेल होता है तो उसका रिफंड अधिकतम 24 से 48 घंटे के भीतर ग्राहक के खाते में लौट जाना चाहिए।
इसके तहत अब बैंक या भुगतान सेवा प्रदाता किसी भी फेल ट्रांजेक्शन को लंबे समय तक पेंडिंग नहीं रख सकते। अगर वे ऐसा करते हैं तो ग्राहकों को इसके लिए मुआवजा (compensation) देना होगा।
किन-किन ट्रांजेक्शन पर लागू होगा यह नियम?
यह नया नियम निम्नलिखित ट्रांजेक्शन पर लागू होगा:
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UPI (Unified Payments Interface)
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AEPS (Aadhaar Enabled Payment System)
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IMPS (Immediate Payment Service)
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ATM ट्रांजेक्शन (Cash Withdrawal/Deposit)
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Debit/Credit कार्ड से भुगतान
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Internet Banking
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Mobile Wallets
रिफंड की समय सीमा क्या होगी?
RBI ने हर माध्यम के लिए अलग-अलग टर्नअराउंड टाइम (TAT) तय किया है। नीचे तालिका में जानकारी दी गई है:
ट्रांजेक्शन का प्रकार | रिफंड की अधिकतम समय सीमा |
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UPI पेमेंट फेल | 24 घंटे के भीतर |
AEPS असफल लेनदेन | 5 कार्यदिवस |
ATM से नकद नहीं निकला लेकिन डेबिट हुआ | 5 कार्यदिवस |
IMPS फेल ट्रांजेक्शन | 1 कार्यदिवस |
नेट बैंकिंग पेमेंट फेल | 3 कार्यदिवस |
कार्ड पेमेंट फेल | 3 कार्यदिवस |
नोट: अगर निर्धारित समयसीमा में पैसा वापस नहीं होता है, तो ग्राहक को प्रति दिन ₹100 तक का मुआवजा देने का प्रावधान भी है।
इस नियम से ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
रिफंड जल्दी मिलेगा
अब ग्राहकों को ट्रांजेक्शन फेल होने के बाद हफ्तों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। निर्धारित समय के भीतर पैसा लौट आएगा।
ग्राहक अधिकारों की सुरक्षा
यह नियम ग्राहकों के अधिकारों को मजबूत करता है। अगर बैंक लापरवाही करता है, तो उन्हें जुर्माना देना होगा।
भरोसेमंद डिजिटल सिस्टम
डिजिटल लेनदेन पर आम जनता का भरोसा और बढ़ेगा क्योंकि अब उनके पैसों की सुरक्षा और समय पर वापसी की गारंटी RBI देगा।
क्या करना होगा अगर पैसा वापस नहीं आता?
यदि आपके फेल ट्रांजेक्शन का रिफंड समय सीमा में नहीं आता है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
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सबसे पहले बैंक या ऐप के कस्टमर केयर से संपर्क करें।
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UPI ऐप (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) में “Help” या “Raise Dispute” विकल्प चुनें।
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अगर 7 दिनों के भीतर समाधान न हो तो RBI की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज करें – https://cms.rbi.org.in
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बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) से संपर्क करें।
क्या यह नियम सभी बैंकों पर लागू होगा?
हां, यह नियम:
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सभी सरकारी और प्राइवेट बैंकों
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पेमेंट बैंक
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NBFCs (Non-Banking Financial Companies)
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और सभी UPI/AEPS सेवा प्रदाताओं पर लागू होता है।
RBI ने सभी को निर्देशित किया है कि वे अपने सिस्टम को इस नियम के अनुसार अपडेट करें।
RBI का उद्देश्य क्या है?
RBI के अनुसार, भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है। ऐसे में ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना जरूरी है। इस नए नियम का मुख्य उद्देश्य:
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ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा करना
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डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मजबूत बनाना
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बैंकों और पेमेंट प्रदाताओं की जिम्मेदारी तय करना
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ग्राहकों का विश्वास बढ़ाना
निष्कर्ष
RBI का यह नया नियम न केवल डिजिटल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाता है, बल्कि यह बैंकों और फिनटेक कंपनियों की जवाबदेही भी तय करता है। यदि आप भी UPI, कार्ड या नेट बैंकिंग से लेनदेन करते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि अब फेल ट्रांजेक्शन के बाद पैसा जल्दी लौटेगा, और नहीं लौटा तो मुआवजा मिलेगा।
इसलिए अब ट्रांजेक्शन फेल होने पर घबराएं नहीं – बस समय पर रिपोर्ट करें और अपने अधिकारों को जानें।