भारतीय रेलवे में सफर के दौरान यात्री अक्सर घर का बना हुआ खाना लेकर चलते हैं ताकि रास्ते में स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिल सके और खर्च भी बचे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कुछ विशेष नियमों का पालन नहीं किया गया, तो रेलवे विभाग की ओर से भारी जुर्माना लग सकता है? जी हां, रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और स्वच्छता को देखते हुए कुछ सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं। अगर आप इन नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो लाखों रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि ट्रेन में घर का खाना ले जाते समय किन 5 बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है ताकि आप परेशानी से बच सकें और यात्रा सुखद हो।
1. ज्वलनशील सामान या गैस स्टोव ना ले जाएं
कई बार यात्री घर का खाना गर्म करने के लिए गैस सिलेंडर, स्टोव या हीटर जैसे उपकरण अपने साथ लेकर चल देते हैं, जो रेलवे सुरक्षा नियमों का खुला उल्लंघन है। ट्रेन में किसी भी प्रकार का ज्वलनशील सामान ले जाना प्रतिबंधित है।
यदि कोई यात्री ऐसा करता है, तो रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 164 के तहत उस पर ₹50,000 से ₹1 लाख तक का जुर्माना और 3 साल तक की सजा हो सकती है।
सुझाव:
घर से पूरी तरह से पका और पैक किया हुआ खाना ही लेकर चलें।
2. खाना इस तरह पैक करें कि बदबू न फैले
भारतीय रेलवे में हजारों यात्री एक ही कोच में सफर करते हैं। ऐसे में अगर किसी यात्री के खाने से तेज गंध आती है, तो दूसरों को असुविधा हो सकती है। इसलिए रेलवे ने स्पष्ट किया है कि तीव्र गंध वाले पदार्थों जैसे – मछली, अंडा, अचार, या अन्य बदबूदार खाद्य पदार्थों को सावधानीपूर्वक पैक किया जाए।
नियम तोड़ने पर:
कंडक्टर या रेलवे स्टाफ यात्री को चेतावनी दे सकता है, बार-बार ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
सुझाव:
खाना ले जाने से पहले एल्युमिनियम फॉयल या एयरटाइट डब्बों का इस्तेमाल करें।
3. ज्यादा मात्रा में खाना या खाद्य सामान ना ले जाएं
ट्रेन में यात्रा करते समय सिर्फ व्यक्तिगत उपभोग के लिए ही खाना या खाद्य सामग्री साथ ले जानी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में खाद्य सामान लेकर चलता है, तो यह व्यवसायिक उद्देश्य माना जा सकता है और उस पर कार्यवाही हो सकती है।
रेलवे नियम:
यदि कोई व्यक्ति बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थ लेकर चल रहा है और उसका उद्देश्य व्यावसायिक लगता है, तो रेलवे उस सामान को जब्त कर सकती है और पेनल्टी लगा सकती है।
4. कचरा फैलाने पर लग सकता है जुर्माना
रेल यात्रा के दौरान खाने के बाद उपयोग किए गए डिब्बे, प्लेट, प्लास्टिक बैग आदि का उचित निपटान बेहद जरूरी है। रेलवे स्टेशन और ट्रेन को स्वच्छ रखने के लिए कचरा फैलाने पर जुर्माने का प्रावधान है।
फाइन की राशि:
रेलवे एक्ट की धारा 145 और 147 के तहत सार्वजनिक जगह गंदा करने पर ₹500 से ₹2,000 तक का जुर्माना हो सकता है।
सुझाव:
अपना कचरा हमेशा डस्टबिन में डालें और प्लेटफॉर्म या कोच को गंदा न करें।
5. खाद्य विभाग और FSSAI की गाइडलाइंस का पालन करें
यदि आप खाना पैक करके बेचने के उद्देश्य से यात्रा कर रहे हैं, जैसे कुछ छोटे विक्रेता करते हैं, तो आपके पास FSSAI का लाइसेंस होना अनिवार्य है। अन्यथा, रेलवे और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी आपको दंडित कर सकते हैं।
जरूरी बात:
FSSAI अप्रूव्ड पैकेजिंग, लेबलिंग, और तापमान नियंत्रण नियमों का पालन जरूरी है।
क्या कहता है रेलवे अधिनियम?
भारतीय रेलवे अधिनियम के अनुसार, यात्रा के दौरान किसी भी तरह का गैर-कानूनी सामान ले जाना, स्टेशन या कोच में गंदगी फैलाना, अन्य यात्रियों को असुविधा देना या सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करना दंडनीय अपराध है।
यहां एक नजर डालें संबंधित प्रावधानों पर:
धारा | नियम का उल्लंघन | जुर्माना / सजा |
---|---|---|
164 | ज्वलनशील वस्तु ले जाना | ₹50,000–₹1 लाख जुर्माना / 3 साल की जेल |
145 | गंदगी फैलाना | ₹500–₹2000 जुर्माना |
147 | अनधिकृत गतिविधि | जुर्माना और गिरफ्तारी |
निष्कर्ष
अगर आप ट्रेन में सफर करते समय घर का खाना ले जा रहे हैं, तो ऊपर दी गई 5 बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन नियमों का पालन न सिर्फ आपको जुर्माने और कानूनी कार्रवाई से बचाएगा, बल्कि यह आपके और बाकी यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करेगा।
समझदारी यही है कि नियमों का पालन करें और यात्रा को सुखद बनाएं।