भारत में अपना घर या जमीन खरीदना हर व्यक्ति का सपना होता है। लेकिन यह सपना कई बार एक बुरे अनुभव में बदल सकता है यदि ज़रूरी सतर्कता नहीं बरती गई हो। फ्लैट या प्लॉट खरीदने से पहले कुछ महत्वपूर्ण कानूनी और व्यावहारिक पहलुओं को समझना बेहद जरूरी है, ताकि आप ठगी, विवाद या आर्थिक नुकसान से बच सकें।
इस लेख में हम आपको बताएंगे ऐसी 6 जरूरी बातें जो हर प्रॉपर्टी खरीदार को सौदा करने से पहले ज़रूर जाननी चाहिए।
1. ज़मीन या फ्लैट के कागज़ात की पूरी जांच करें
जब भी आप कोई फ्लैट या प्लॉट खरीदने का सोचें, सबसे पहले उसके मालिकाना हक और संबंधित दस्तावेजों की गहराई से जांच करें। जैसे कि टाइटल डीड, खसरा/खतौनी, लैंड रजिस्ट्री, तथा अन्य वैधता प्रमाण पत्र। इन दस्तावेजों से यह पुष्टि होती है कि प्रॉपर्टी बेचने वाला वास्तव में उसका कानूनी मालिक है या नहीं।
इसके अलावा, जमीन पर किसी प्रकार का बकाया टैक्स या ऋण भी नहीं होना चाहिए। इसके लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना जरूरी होता है।
2. रजिस्ट्री और म्युटेशन रिकॉर्ड की जांच करें
किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले उसकी रजिस्ट्री होना अनिवार्य है। यह दस्तावेज कानूनी रूप से यह साबित करता है कि संपत्ति वास्तव में किसके नाम है। इसके साथ ही, म्युटेशन रिकॉर्ड यानी कि नामांतरण दस्तावेज यह दर्शाता है कि सरकार के रिकॉर्ड में वह संपत्ति किसके नाम दर्ज है।
अगर इन दोनों दस्तावेजों में अंतर हो तो सौदे को रोक देना चाहिए और पहले पूरी स्पष्टता सुनिश्चित करनी चाहिए।
3. बिल्डिंग प्लान और मंजूरी देखें
अगर आप बिल्डर से फ्लैट या प्लॉट खरीद रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि जिस जमीन पर निर्माण हुआ है या हो रहा है, वह स्थानीय प्राधिकरण से अनुमोदित है। नक्शा पास हुआ है या नहीं, यह भी पता लगाना जरूरी है।
अगर नक्शा पास नहीं है या प्रोजेक्ट अनधिकृत है, तो भविष्य में निर्माण रुक सकता है या गिराया भी जा सकता है। इसलिए बिल्डर से अप्रूवल कॉपी जरूर मांगें।
4. संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद तो नहीं?
भारत में बहुत सारी संपत्तियों पर पहले से ही कोई कोर्ट केस या कानूनी विवाद चल रहे होते हैं, जिनकी जानकारी खरीदार को नहीं दी जाती। ऐसे में आप अनजाने में एक विवादित संपत्ति खरीद सकते हैं और बाद में कोर्ट-कचहरी में फंस सकते हैं।
इससे बचने के लिए लोकल अथॉरिटी या अदालत में जाकर पता करें कि उस जमीन पर कोई केस तो नहीं चल रहा है। आप RTI के माध्यम से भी जानकारी ले सकते हैं।
5. प्रॉपर्टी पर पहले से कोई लोन तो नहीं?
अक्सर लोग वह फ्लैट या प्लॉट बेचने की कोशिश करते हैं जिस पर पहले से होम लोन या किसी वित्तीय संस्थान का कर्ज होता है। ऐसे मामलों में यदि बैंक से निपटारा नहीं हुआ है, तो प्रॉपर्टी पर बैंक का अधिकार होता है।
इसलिए खरीदारी से पहले यह सुनिश्चित करें कि प्रॉपर्टी पर कोई बकाया लोन नहीं है। इसके लिए “नो ड्यूस सर्टिफिकेट” और “लोन क्लोजर स्टेटमेंट” जरूर लें।
6. बिक्री अनुबंध को रजिस्टर्ड करवाएं
बाजार में बहुत से लोग केवल एक सादे कागज़ पर लिखा हुआ सेल एग्रीमेंट बनाकर प्रॉपर्टी की डील कर लेते हैं, जो कानूनी रूप से मान्य नहीं होता। यदि आप किसी भी प्रॉपर्टी का सौदा कर रहे हैं, तो उस अनुबंध को रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर रजिस्टर्ड करवाना आवश्यक है।
साथ ही, स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की जानकारी पहले से लेकर उचित भुगतान करें ताकि आगे कोई समस्या न आए।
अतिरिक्त सुझाव
विषय | क्या जांचें? |
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टैक्स भुगतान | प्रॉपर्टी टैक्स पिछले वर्षों से भरा हुआ है या नहीं |
लोकेशन | संपत्ति किसी सरकारी अधिग्रहण या योजना के तहत तो नहीं |
आस-पास की सुविधाएं | स्कूल, अस्पताल, सड़क, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधा |
वकील की सलाह | किसी अनुभवी वकील से दस्तावेजों की समीक्षा कराएं |
निष्कर्ष
फ्लैट या प्लॉट खरीदना जीवन का एक बड़ा निवेश है। यह कदम सोच-समझकर, सही जानकारी और सावधानी के साथ उठाना जरूरी होता है। अगर आप ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखते हैं, तो आप एक सुरक्षित और लाभदायक प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
कभी भी जल्दबाज़ी में निर्णय न लें, दस्तावेजों की पूरी जांच करें और जब भी जरूरत हो, किसी विशेषज्ञ या वकील की सलाह ज़रूर लें। यही आपके सपनों के घर की ओर पहला सुरक्षित कदम होगा।