अगर आप बैंकिंग लेन-देन में चेक का उपयोग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक बाउंस से जुड़े नियमों को और सख्त बना दिया है। अब अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो आपको आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी सजा का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि चेक बाउंस क्या है, इसके क्या कारण हो सकते हैं और इसके लिए क्या नियम-कानून लागू होते हैं।
चेक बाउंस क्या होता है?
जब कोई व्यक्ति किसी को पेमेंट करने के लिए चेक जारी करता है और बैंक उसे क्लियर नहीं कर पाता, तो उसे चेक बाउंस कहा जाता है। इसका मतलब है कि चेक में दी गई राशि प्राप्तकर्ता को नहीं मिलती। बैंक द्वारा चेक को “dishonoured” घोषित किया जाता है।
चेक बाउंस होने के मुख्य कारण
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बैंक खाते में पर्याप्त राशि न होना
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चेक पर हस्ताक्षर मेल न खाना
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चेक की वैधता समाप्त हो जाना (3 महीने)
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चेक पर ओवरराइटिंग या गलती होना
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चेक पर आवश्यक जानकारी अधूरी होना
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अकाउंट बंद या फ्रीज होना
नया नियम: अब भुगतना होगा बड़ा झटका
सरकार ने हाल ही में चेक बाउंस से संबंधित मामलों को गंभीरता से लेते हुए नए प्रावधान लागू किए हैं। अब यह केवल एक सिविल मामला नहीं रहेगा, बल्कि आपराधिक श्रेणी में आएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 138 (Negotiable Instruments Act)
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चेक बाउंस होने पर धारा 138 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
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इसमें 2 साल तक की सजा और/या दोगुने अमाउंट तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
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यह एक गैर-जमानती अपराध बन सकता है अगर बार-बार चेक बाउंस होता है।
शिकायत की प्रक्रिया
अगर किसी का चेक बाउंस होता है, तो वह निम्न प्रक्रिया अपना सकता है:
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डिमांड नोटिस भेजना
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प्राप्तकर्ता को 30 दिनों के भीतर नोटिस भेजना होगा।
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15 दिनों का समय देना
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भुगतानकर्ता को भुगतान करने के लिए 15 दिनों का मौका दिया जाता है।
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केस फाइल करना
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अगर 15 दिनों में भी भुगतान नहीं किया गया, तो अदालत में केस दायर किया जा सकता है।
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अब RBI भी सख्त
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे बार-बार चेक बाउंस करने वाले खातों पर सख्त नजर रखें और आवश्यक कार्रवाई करें। बार-बार ऐसा करने वाले खाताधारकों के ऊपर:
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अकाउंट हो सकता है ब्लॉक
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क्रेडिट स्कोर हो सकता है खराब
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अगली बार चेक जारी करने पर बैंक कर सकता है मना
बिजनेस और व्यापारी वर्ग हो जाएं सावधान
व्यापारियों के लिए यह नियम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि वे रोजाना कई चेक का उपयोग करते हैं। अब कोई भी ग्राहक जानबूझकर गलत चेक जारी करता है, तो उस पर धोखाधड़ी का केस भी बन सकता है।
चेक बाउंस से कैसे बचें?
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चेक देने से पहले अपने खाते में पर्याप्त राशि सुनिश्चित करें।
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हमेशा सही और स्पष्ट हस्ताक्षर करें।
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चेक को समय के भीतर उपयोग करें।
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चेक पर किसी भी प्रकार की ओवरराइटिंग न करें।
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किसी को चेक देने से पहले दो बार जांच लें।
ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ती अहमियत
आज के डिजिटल युग में UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे विकल्प काफी तेज और सुरक्षित माने जाते हैं। इन विकल्पों को अपनाकर चेक बाउंस जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
अगर आपका चेक बाउंस होता है, तो यह अब केवल एक साधारण गलती नहीं है, बल्कि एक गंभीर अपराध बन चुका है। सरकार और RBI ने मिलकर इस दिशा में सख्त कदम उठाए हैं ताकि लेन-देन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे। ऐसे में हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह चेक का प्रयोग सोच-समझकर करे और सभी नियमों का पालन करे।