सरकारी या निजी नौकरी करने वालों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि पेंशन पाने के लिए कितने साल की नौकरी जरूरी है? क्या अगर आप 50 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ देते हैं तो आपको पेंशन नहीं मिलेगी? ऐसे सवाल लाखों कर्मचारियों के मन में उठते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पेंशन के लिए कितने साल की सर्विस जरूरी है, क्या शर्तें होती हैं और समय से पहले रिटायरमेंट का क्या असर होता है।
पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सर्विस पीरियड क्या है?
भारत में अलग-अलग पेंशन योजनाओं के अलग-अलग नियम हैं। अगर बात सरकारी कर्मचारियों की करें तो केंद्रीय या राज्य सरकार में पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा जरूरी मानी जाती है।
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EPS (Employees’ Pension Scheme) के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम 10 साल की सेवा जरूरी होती है।
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अगर आपने 10 साल से कम काम किया है तो आपको पेंशन नहीं बल्कि EPF अकाउंट से निकासी करनी पड़ेगी।
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सरकारी नौकरियों में पुरानी पेंशन योजना (OPS) में भी न्यूनतम 10 साल की सेवा जरूरी होती है।
क्या 50 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ने पर पेंशन नहीं मिलेगी?
यह पूरी तरह आपके सेवा काल और पेंशन योजना पर निर्भर करता है। अगर आपने 10 साल या उससे अधिक नौकरी की है और आप 50 की उम्र से पहले भी सेवा छोड़ देते हैं तो कुछ मामलों में आपको डिफर्ड पेंशन (Deferred Pension) मिल सकती है। यानी आपको रिटायरमेंट की तय उम्र (60 साल) के बाद ही पेंशन का लाभ मिलेगा।
लेकिन अगर आपकी सर्विस 10 साल से कम है तो आपको पेंशन नहीं बल्कि आपका जमा EPF/CPF पैसा ही मिलेगा।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) का क्या नियम है?
सरकारी और निजी संस्थानों में VRS यानी Voluntary Retirement Scheme का विकल्प होता है। इसके तहत आप 20 साल की सर्विस या 50 साल की उम्र पूरी होने पर स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले सकते हैं।
अगर आपने 20 साल नौकरी की है लेकिन 50 की उम्र से पहले VRS ले लेते हैं तो भी आपको पेंशन और अन्य रिटायरमेंट बेनिफिट मिलते हैं।
अगर आप पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सर्विस पीरियड पूरा नहीं करते तो पेंशन नहीं मिलेगी।
EPS के तहत कैसे मिलेगी पेंशन?
Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत:
कम से कम 10 साल की सेवा जरूरी है।
रिटायरमेंट की उम्र 58 साल मानी जाती है।
आप 50 साल की उम्र में भी रिड्यूस्ड पेंशन (Reduced Pension) के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन पेंशन की राशि थोड़ी कम हो जाती है।
अगर आप 10 साल से कम सर्विस के बाद नौकरी छोड़ देते हैं तो आप स्कीम से सिर्फ विदड्रॉअल बेनिफिट ही ले सकते हैं।
50 साल की उम्र से पहले जॉब छोड़ने के नुकसान
50 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ने के कुछ नुकसान भी हैं:
आपको पूरी पेंशन नहीं मिलती (अगर सर्विस पूरी नहीं है)।
भविष्य में स्थिर आय स्रोत खत्म हो जाता है।
पीएफ में जमा राशि तो मिल जाती है, लेकिन पेंशन का फायदा नहीं।
मेडिकल और अन्य रिटायरमेंट बेनिफिट भी प्रभावित हो सकते हैं (कंपनी पॉलिसी पर निर्भर)।
प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए क्या नियम है?
प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों के लिए EPF और EPS स्कीम लागू होती है। इसमें भी वही शर्तें लागू होती हैं। कई कंपनियां अपनी तरफ से अलग से ग्रेच्युटी और रिटायरमेंट बेनिफिट देती हैं, लेकिन इसके लिए भी न्यूनतम सेवा पीरियड जरूरी होता है।
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ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की नौकरी जरूरी है।
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EPS पेंशन के लिए 10 साल की नौकरी जरूरी है।
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कंपनी की पॉलिसी के अनुसार 15-20 साल की सेवा पर रिटायरमेंट बेनिफिट मिल सकते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग क्यों जरूरी है?
कई लोग नौकरी के बीच में अचानक जॉब छोड़ने का फैसला कर लेते हैं। लेकिन पेंशन और भविष्य की स्थिर आय को देखते हुए यह फैसला सोच-समझकर करना चाहिए। कोशिश करें कि आप पेंशन के लिए न्यूनतम सेवा अवधि पूरी करें ताकि बुढ़ापे में आर्थिक दिक्कत न आए।
समय से पहले नौकरी छोड़ने पर क्या विकल्प हैं?
अगर आप 50 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ना चाहते हैं तो कुछ विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
EPF अकाउंट से जमा राशि निकाल सकते हैं।
EPS विदड्रॉअल बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं।
नई नौकरी लेकर पहले की सर्विस जोड़ सकते हैं।
प्राइवेट पेंशन योजनाओं या NPS में निवेश कर सकते हैं।
NPS से कैसे मिलेगी पेंशन?
अगर आप सरकारी पेंशन योजना से बाहर हैं तो NPS (National Pension System) एक अच्छा विकल्प है। इसमें आप 60 साल की उम्र तक निवेश कर सकते हैं। अगर आप 50 की उम्र से पहले नौकरी छोड़ देते हैं तो भी आपका NPS अकाउंट चलता रहेगा। आप योगदान जारी रख सकते हैं और 60 के बाद पेंशन ले सकते हैं।
निष्कर्ष
तो अब आप समझ गए होंगे कि पेंशन पाने के लिए कितने साल की नौकरी जरूरी है। मोटे तौर पर 10 साल की न्यूनतम सेवा जरूरी है। अगर आप 50 साल की उम्र से पहले नौकरी छोड़ते हैं तो यह देखना जरूरी है कि आपने कितने साल काम किया है। कोशिश करें कि पेंशन पाने के लिए जरूरी सेवा अवधि पूरी करें और रिटायरमेंट प्लानिंग को हमेशा गंभीरता से लें। इससे बढ़ती उम्र में आपको आर्थिक सुरक्षा और स्थिर आय मिलती रहेगी।