अब नहीं चलेगा जुगाड़! 2025 से जमीन रजिस्ट्री के लिए आधार, फेस स्कैन और OTP अनिवार्य – वरना लगेगा तगड़ा जुर्माना!

भारत में जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव 2025 से लागू होने जा रहा है। सरकार अब जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड, फेस स्कैन और OTP वेरिफिकेशन को अनिवार्य बनाने जा रही है। अगर कोई व्यक्ति इस नई प्रक्रिया को नजरअंदाज करता है या उल्लंघन करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

यह बदलाव न केवल भूमि घोटालों और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए है, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल, तेज और भरोसेमंद बनाने का भी हिस्सा है।

क्या है नया नियम?

2025 से जमीन की रजिस्ट्री करते समय निम्नलिखित तीन चीजें अनिवार्य होंगी:

  1. आधार कार्ड वेरिफिकेशन:
    रजिस्ट्री के समय विक्रेता और खरीदार दोनों को अपना वैध आधार नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके जरिए उनकी पहचान की पुष्टि की जाएगी।

  2. फेस स्कैन तकनीक:
    अब रजिस्ट्री कार्यालय में दोनों पक्षों का फेस स्कैन किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे स्वयं उपस्थित हैं और कोई पहचान की धोखाधड़ी न हो।

  3. OTP वेरिफिकेशन:
    पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP को डालकर अंतिम सत्यापन करना होगा। बिना OTP के रजिस्ट्री प्रोसेस आगे नहीं बढ़ेगी।

नियम तोड़ा तो लगेगा तगड़ा जुर्माना!

इस नई व्यवस्था में अगर कोई व्यक्ति:

  • जाली दस्तावेजों से रजिस्ट्री कराता है,

  • फर्जी आधार कार्ड या गलत OTP से धोखा देता है,

  • फेस स्कैन प्रक्रिया से बचने की कोशिश करता है,

तो उस पर भारी आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही उस रजिस्ट्री को रद्द भी किया जा सकता है।

सरकार ने साफ किया है कि इस डिजिटल प्रक्रिया से कानूनी मुकदमे, धोखाधड़ी के केस और जमीन कब्जे के विवाद बहुत हद तक रुक जाएंगे।

क्यों जरूरी है ये बदलाव?

पिछले कुछ सालों में भारत के विभिन्न राज्यों में जमीन से जुड़े घोटालों, फर्जी रजिस्ट्री और डुप्लिकेट दस्तावेजों के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। कई बार गरीब, बुजुर्ग या अनपढ़ लोगों की जमीनें धोखे से हथिया ली जाती हैं।

इसलिए सरकार ने 2025 से इस नई तकनीकी व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है ताकि:

  • फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगे

  • भूमि विवादों में कमी आए

  • डिजिटल दस्तावेजों से पारदर्शिता बढ़े

  • सभी रजिस्ट्री प्रक्रिया एक डिजिटल सिस्टम में रिकॉर्ड हो

कौन-कौन से राज्य पहले से कर रहे हैं यह प्रयोग?

कुछ राज्य जैसे:

  • आंध्र प्रदेश,

  • उत्तर प्रदेश,

  • महाराष्ट्र,

  • हरियाणा,

  • और तेलंगाना

पहले से ही फेस रिकग्निशन और आधार वेरिफिकेशन आधारित रजिस्ट्री सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट चला रहे हैं, जहां इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।

अब केंद्र सरकार इसे देशभर में लागू करने जा रही है, ताकि एक 統一 और सुरक्षित रजिस्ट्री सिस्टम तैयार किया जा सके।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया कैसी होगी 2025 से?

स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस:

  1. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर आवेदन करें

  2. विक्रेता और खरीदार – दोनों को आधार लिंक मोबाइल पर OTP प्राप्त होगा

  3. OTP सत्यापित करें

  4. कार्यालय में दोनों का फेस स्कैन होगा

  5. सफल वेरिफिकेशन के बाद ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी

  6. रजिस्ट्री कंप्लीट होने के बाद दस्तावेज डिजिटल रूप में प्रदान किए जाएंगे

आम जनता को क्या होगा फायदा?

  • फर्जी रजिस्ट्री से बचाव

  • कानूनी सुरक्षा में बढ़ोतरी

  • डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे

  • भूमाफियाओं और बिचौलियों से राहत

  • पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी

किन लोगों को रहना चाहिए सतर्क?

  • जिनके पास आधार नहीं है, उन्हें तुरंत बनवाना चाहिए

  • जिनके मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं हैं, उन्हें अपडेट कराना जरूरी है

  • जो व्यक्ति रजिस्ट्री में बिचौलियों के जरिए काम कराते हैं, अब वह तरीका फेल हो जाएगा

  • फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्री कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी

निष्कर्ष

सरकार का यह कदम जमीन रजिस्ट्री की दुनिया में एक क्रांतिकारी परिवर्तन साबित हो सकता है। जहां एक ओर भूमि से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी, वहीं आम नागरिकों को मिलेगा सुरक्षित और पारदर्शी अनुभव

2025 से लागू यह नया नियम निश्चित रूप से भारत में डिजिटल गवर्नेंस और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में एक बड़ा मील का पत्थर होगा।

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