कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि घर, फ्लैट या जमीन के पेपर्स कहीं रखकर खो जाते हैं या चोरी हो जाते हैं। ऐसे में लोगों को लगता है कि अब उनकी प्रॉपर्टी पर खतरा है या उन्हें दोबारा कागज नहीं मिल सकते। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है! भारतीय कानून में ऐसे मामलों के लिए पूरा सिस्टम मौजूद है। अगर आपके मकान, फ्लैट या प्लॉट के कागज खो गए हैं तो आप आसानी से डुप्लीकेट पेपर्स बनवा सकते हैं। आइए जानते हैं पूरा तरीका स्टेप बाय स्टेप।
सबसे पहले करें एफआईआर दर्ज
अगर आपके घर या जमीन के पेपर्स खो गए हैं तो सबसे पहला कदम है कि आप निकटतम पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज कराएं। एफआईआर में स्पष्ट रूप से बताएं कि आपके कौन से दस्तावेज, कब और कहां खोए हैं। यह एफआईआर बाद में डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट बनवाने में जरूरी सबूत होगी।
एफआईआर की कॉपी रखें संभालकर
एफआईआर की एक कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें। बैंक, रजिस्ट्री ऑफिस या नगरपालिका में इसे दिखाना जरूरी होगा। इसलिए इसे कई कॉपी में निकालकर रखें।
अखबार में दें गुमशुदगी का विज्ञापन
एफआईआर दर्ज कराने के बाद आपको एक स्थानीय समाचार पत्र में गुमशुदगी का विज्ञापन (Lost Notice) देना होगा। इसमें साफ-साफ लिखें कि आपके प्रॉपर्टी के पेपर्स खो गए हैं। इसमें दस्तावेज का नाम, संपत्ति का पता, मालिक का नाम और संपर्क जानकारी लिखना जरूरी है।
यह विज्ञापन इसलिए जरूरी है ताकि कोई व्यक्ति अगर वो दस्तावेज पाए तो वापस लौटा सके और फर्जीवाड़ा न हो।
15 दिन का इंतजार करें
अखबार में विज्ञापन देने के बाद कम से कम 15 दिन इंतजार करना जरूरी होता है। यह नोटिस पीरियड कहलाता है। अगर इस दौरान किसी ने दस्तावेज वापस नहीं किए तो आप डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
रजिस्ट्री ऑफिस जाएं
15 दिन बाद आप अपनी संबंधित प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रार ऑफिस यानी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाएं। वहां जाकर बताएं कि आपके डॉक्यूमेंट खो गए हैं और आप डुप्लीकेट पेपर बनवाना चाहते हैं।
आपको निम्न दस्तावेज जमा करने होंगे:
एफआईआर की कॉपी
अखबार में छपे विज्ञापन की कटिंग
मालिकाना हक साबित करने वाले अन्य पेपर (बिजली बिल, टैक्स रसीद)
पहचान पत्र (Aadhaar Card, PAN Card)
आवेदन पत्र
हलफनामा दें
रजिस्ट्री ऑफिस में आपको एक अफिडेविट (हलफनामा) भी देना होगा। इसमें शपथपूर्वक लिखा जाएगा कि आपके दस्तावेज सच में खो गए हैं और आप उनका गलत इस्तेमाल नहीं करेंगे।
रजिस्ट्री ऑफिस से मिलेगी नकल
सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में आपके रिकार्ड से पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी यानी Certified Copy निकाली जाती है। यह कॉपी वैध मानी जाती है और यह आपके खोए दस्तावेज का विकल्प बनती है। इसे ही डुप्लीकेट रजिस्ट्री कहा जाता है।
बैंक के लिए क्या करें?
अगर आप लोन ले रहे हैं या प्रॉपर्टी बेचनी है तो बैंक को भी यही डुप्लीकेट रजिस्ट्री दिखाई जा सकती है। बैंक आमतौर पर Certified Copy स्वीकार कर लेते हैं। हालांकि कुछ मामलों में बैंक NOC भी मांग सकते हैं। इसके लिए वकील की सलाह लें।
जमीन के रिकॉर्ड में क्या अपडेट होगा?
अगर जमीन के कागज खोए हैं तो राजस्व विभाग में जाकर वरासत या नामांतरण रिकॉर्ड चेक कर लें। पटवारी या तहसील से खतौनी और खसरा नंबर की नकल ले लें। ये भी वैध दस्तावेज होते हैं।
क्या कोई जुर्माना देना होगा?
डुप्लीकेट रजिस्ट्री के लिए आमतौर पर कुछ नॉमिनल फीस लगती है। यह अलग-अलग राज्यों में अलग होती है। कुछ जगह 500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक चार्ज लिया जाता है। कुछ मामलों में वकील की फीस अलग से देनी पड़ सकती है।
क्या कोर्ट जाना जरूरी है?
आमतौर पर एफआईआर, अखबार में विज्ञापन और रजिस्ट्री ऑफिस की प्रक्रिया से काम हो जाता है। लेकिन अगर कोई विवाद खड़ा हो जाए, जैसे कोई दूसरा व्यक्ति उसी दस्तावेज को लेकर दावा करे तो कोर्ट का सहारा लेना पड़ सकता है।
क्या कोई फ्रॉड हो सकता है?
अगर आपके खोए पेपर्स गलत हाथों में चले जाएं तो कोई फर्जीवाड़ा हो सकता है। इसलिए तुरंत एफआईआर और अखबार में विज्ञापन देना बहुत जरूरी है। इससे आप साबित कर सकते हैं कि दस्तावेज आपके ही थे और अब अमान्य हैं।
निष्कर्ष
अगर आपके घर, फ्लैट या जमीन के पेपर्स खो गए हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है। भारत में कानून और प्रक्रिया पूरी तरह से आपके साथ हैं। सही तरीके से एफआईआर, विज्ञापन और सब-रजिस्ट्रार ऑफिस की प्रक्रिया पूरी करके आप आसानी से डुप्लीकेट दस्तावेज बनवा सकते हैं।
याद रखें, दस्तावेजों की कॉपी और रसीदें हमेशा संभालकर रखें और परिवार को भी इन सबका रिकॉर्ड जरूर दें।