भारत सरकार ने टोल टैक्स नीति में एक बड़ा बदलाव करते हुए अब किलोमीटर के आधार पर टोल वसूली की योजना को लागू करने का ऐलान किया है। इस नई टोल पॉलिसी के अनुसार, जितना अधिक आप सड़क पर यात्रा करेंगे, उतना ही अधिक टोल टैक्स देना होगा। इससे ना सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि फास्टैग के दुरुपयोग और मैनुअल वसूली पर भी लगाम लगेगी।
नया टोल टैक्स सिस्टम क्या है?
अब तक देश में ज्यादातर टोल टैक्स फिक्स चार्ज के तौर पर लिया जाता था, चाहे आप पूरी सड़क पर चलें या नहीं। लेकिन अब यह प्रणाली पूरी तरह बदलने वाली है। सरकार किलोमीटर आधारित टोल टैक्स वसूली प्रणाली को शुरू करने जा रही है, जिसमें वाहन की दूरी को जीपीएस से मापा जाएगा और उसी आधार पर टोल चार्ज कटेगा।
कैसे करेगा यह सिस्टम काम?
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जीपीएस बेस्ड ट्रैकिंग – गाड़ियों में लगे GPS डिवाइस के माध्यम से यह ट्रैक किया जाएगा कि वाहन ने कितनी दूरी तय की है।
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ऑटोमैटिक डिडक्शन – तय दूरी के आधार पर टोल टैक्स ऑटोमैटिकली फास्टैग या लिंक किए गए बैंक खाते से कटेगा।
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रियल टाइम अपडेट – वाहन मालिक अपने मोबाइल पर टोल डिडक्शन का नोटिफिकेशन देख पाएंगे।
क्या बदल जाएगा इस नई नीति के आने से?
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कम दूरी पर कम चार्ज – जो लोग केवल 10-20 किलोमीटर ही सफर करते हैं, उन्हें पहले की तुलना में काफी कम टोल देना होगा।
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लॉन्ग ड्राइव पर असर – जो लोग एक राज्य से दूसरे राज्य तक लंबी दूरी तय करते हैं, उनके लिए टोल टैक्स में वृद्धि हो सकती है।
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अधिक पारदर्शिता – टैक्स का बिल रीयल टाइम में दिखेगा, जिससे कोई कंफ्यूजन नहीं रहेगा।
किस तारीख से लागू होगी नई टोल पॉलिसी?
सूत्रों के अनुसार, 1 जुलाई 2025 से देशभर में नई टोल टैक्स पॉलिसी को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। सबसे पहले इसे एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर लागू किया जाएगा, और फिर धीरे-धीरे स्टेट हाईवे और ग्रामीण टोल नाकों पर।
किन रूट्स पर सबसे अधिक असर?
नीचे दिए गए रूट्स को नई पॉलिसी में सबसे महंगा बताया जा रहा है:
रूट | अनुमानित दूरी | नया टोल शुल्क |
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दिल्ली – लखनऊ एक्सप्रेसवे | 535 KM | ₹600 – ₹750 |
मुंबई – पुणे एक्सप्रेसवे | 94 KM | ₹150 – ₹180 |
आगरा – लखनऊ एक्सप्रेसवे | 302 KM | ₹350 – ₹400 |
दिल्ली – जयपुर हाईवे | 270 KM | ₹300 – ₹350 |
विशेष छूटें किसे मिलेंगी?
सरकार ने संकेत दिया है कि निम्न वर्ग के यात्रियों और कुछ विशेष श्रेणियों को छूट दी जा सकती है, जैसे:
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वरिष्ठ नागरिक
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विकलांग
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आपातकालीन सेवाएं (एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड)
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ग्रामीण परिवहन वाहन
इसके फायदे क्या होंगे?
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डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
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भ्रष्टाचार में कमी
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ईंधन की बचत (लंबी कतारें खत्म होंगी)
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टोल नाकों पर ट्रैफिक में कमी
लोगों की प्रतिक्रियाएं
जहां एक ओर लोग नई प्रणाली की पारदर्शिता और सुविधा से खुश हैं, वहीं कुछ लोगों को लंबी दूरी पर ज्यादा टोल लगने से चिंता है।
“कम दूरी के यात्रियों को इससे बहुत राहत मिलेगी, लेकिन लॉन्ग रूट पर जेब थोड़ी ढीली करनी पड़ेगी।” – दिल्ली के एक ट्रक चालक
निष्कर्ष
भारत सरकार की यह नई टोल टैक्स नीति तकनीक के उपयोग से पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे छोटे यात्रियों को राहत मिलेगी, लेकिन लंबी दूरी के यात्री अब योजना बनाकर सफर करेंगे। यह बदलाव देश की परिवहन प्रणाली को और अधिक प्रभावी, स्मार्ट और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।