अब बिना मुकदमा लड़े जमीन से हटेगा कब्जाधारी – जानें सुप्रीम कोर्ट का नया तरीका

भारत में जमीन-जायदाद के झगड़े सबसे ज्यादा आम माने जाते हैं। हर दूसरे गांव, कस्बे और शहर में कहीं न कहीं प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा (Illegal Possession) की शिकायतें मिलती रहती हैं। कई लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते रहते हैं और सालों तक केस चलता रहता है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के एक बड़े फैसले ने ऐसे लोगों को राहत दी है।

अब आप बिना मुकदमा लड़े ही अपनी जमीन को कब्जाधारी से खाली करा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है सुप्रीम कोर्ट का नया तरीका और कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

भारत में अवैध कब्जा क्यों है बड़ा मसला?

भारत में जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में कुछ लोग धोखे से, दबाव से या फर्जी कागजों के जरिए दूसरों की जमीन पर कब्जा कर लेते हैं।

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इन्हीं सब वजहों से सुप्रीम कोर्ट ने कब्जाधारी हटाने के लिए एक सीधा तरीका सुझाया है।

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में साफ कहा कि यदि कोई व्यक्ति आपकी जमीन पर अवैध कब्जा करता है तो आप सीधे पुलिस और प्रशासन से शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आपको लंबा मुकदमा नहीं लड़ना होगा।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लैंड रेवेन्यू एक्ट और सरकारी कानूनों में पहले से यह प्रावधान है कि अवैध कब्जे की स्थिति में राजस्व अधिकारी (Tehsildar/SDM) और स्थानीय प्रशासन तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।

क्या है नया तरीका? जानें स्टेप बाय स्टेप

अब जानिए कैसे बिना मुकदमा लड़े आप जमीन खाली करा सकते हैं:

कब्जे का सबूत तैयार करें

सबसे पहले जरूरी है कि आप यह साबित कर पाएं कि जमीन आपकी है। इसके लिए रखें:

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नजदीकी तहसील या राजस्व विभाग में शिकायत करें

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि कब्जा होने पर पीड़ित व्यक्ति को पहले तहसीलदार, एसडीएम या डीएम से संपर्क करना चाहिए।

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पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं

अगर प्रशासन तुरंत कार्रवाई न करे तो स्थानीय थाने में भी शिकायत दर्ज कराएं।

FIR और धारा 145 CrPC

अगर कब्जाधारी दबाव बनाता है या झगड़ा करता है तो पुलिस CrPC की धारा 145 के तहत कार्रवाई कर सकती है।

 कोर्ट में जाने की जरूरत कब पड़ेगी?

अगर प्रशासन और पुलिस के बाद भी कब्जा नहीं हटता, तभी आपको सिविल कोर्ट में कब्जा हटाने के लिए केस फाइल करना होगा।
लेकिन अब पहले की तरह सीधे मुकदमा लड़ने की मजबूरी नहीं है। पहले प्रशासन से मदद लें।

कौन लोग उठा सकते हैं फायदा?

क्या सरकारी जमीन पर भी लागू होगा?

सुप्रीम कोर्ट का फैसला निजी जमीन विवाद के लिए है। सरकारी जमीन या पंचायत की जमीन पर कब्जा हटाने के लिए भी यही तरीका काम आएगा। प्रशासन को अधिकार है कि वह अवैध कब्जाधारी को नोटिस देकर तुरंत जमीन खाली कराए।

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कब्जा हटवाते समय किन बातों का रखें ध्यान

किस धारा के तहत होता है कब्जा मुक्त?

राजस्व कानून में Section 133 और Section 145 CrPC में कब्जा हटवाने का प्रावधान है। इसके अलावा कई राज्यों के Revenue Act में भी ये प्रावधान हैं। तहसीलदार और एसडीएम को यह अधिकार है कि वे अवैध कब्जाधारी पर जुर्माना भी लगा सकते हैं।

क्या कब्जाधारी पर जुर्माना या सजा हो सकती है?

हां। अगर कोई व्यक्ति बार-बार कब्जा करता है या प्रशासन के आदेश के बाद भी जमीन खाली नहीं करता तो:

निष्कर्ष

अब बिना मुकदमा लड़े जमीन से कब्जा हटाना मुमकिन है। सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है। कब्जाधारी से परेशान लोग अब लंबी तारीखों और कोर्ट के चक्कर काटने के बजाय सीधे प्रशासन की मदद से कब्जा हटवा सकते हैं।

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जरूरी है कि आप सही दस्तावेज़ संभालकर रखें और नियम के मुताबिक सही अफसर से शिकायत करें। इससे अवैध कब्जाधारी की मुश्किल बढ़ेगी और आपकी जमीन सुरक्षित रहेगी।

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