भारत में हर साल लाखों लोग फ्लैट, मकान या जमीन खरीदते हैं। लेकिन कई बार खरीददार को यह पता ही नहीं होता कि जिस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री उसने कराई है, वो सुरक्षित है या भविष्य में रद्द भी हो सकती है। अगर आप भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्री क्या है और क्यों है जरूरी?
रजिस्ट्री का मतलब होता है किसी संपत्ति के मालिकाना हक को सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज कराना। जब आप कोई जमीन, फ्लैट या मकान खरीदते हैं तो सेल डीड (Sale Deed) बनती है और इसे सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में पंजीकृत कराया जाता है। यही रजिस्ट्री कहलाती है।
रजिस्ट्री के बिना किसी भी संपत्ति पर आपका कानूनी हक साबित नहीं होता। इसलिए संपत्ति खरीदते समय रजिस्ट्री सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है।
कौन सी रजिस्ट्री होती है सबसे सुरक्षित?
जब आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि
सेलर (जिससे आप खरीद रहे हैं) के पास साफ टाइटल डीड हो।
उस जमीन या फ्लैट पर कोई केस या लोन पेंडिंग न हो।
रजिस्ट्री में पूरी पेमेंट की जानकारी सही दर्ज हो।
सबसे सुरक्षित रजिस्ट्री वही मानी जाती है, जो लीगल टाइटल डॉक्यूमेंट के साथ और बिना किसी डिस्प्यूट के होती है। इसके अलावा रजिस्ट्री पर न तो किसी बैंक का बकाया लोन होना चाहिए, न कोर्ट केस पेंडिंग।
किन हालात में रजिस्ट्री रद्द हो सकती है?
बहुत से लोग सोचते हैं कि एक बार रजिस्ट्री होने के बाद कुछ नहीं होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। कई मामलों में कोर्ट रजिस्ट्री को रद्द भी कर सकता है।
चलिए जानते हैं वो कारण जिनसे रजिस्ट्री कैंसिल हो सकती है:
फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री: अगर साबित हो जाए कि सेलर ने फर्जी दस्तावेज से रजिस्ट्री कराई है तो वह रद्द हो सकती है।
टाइटल में विवाद: अगर संपत्ति पर पहले से किसी और का दावा हो या टाइटल सही नहीं है तो रजिस्ट्री रद्द की जा सकती है।
Minor या Fraud केस: अगर रजिस्ट्री में नाबालिग का हक नजरअंदाज किया गया हो तो वह कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
फर्जीवाड़ा या धोखा: अगर बायर या सेलर ने किसी को गुमराह किया है तो भी रजिस्ट्री रद्द हो सकती है।
रजिस्ट्री को वैध कैसे बनाएं?
संपत्ति खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें ताकि आपकी रजिस्ट्री हमेशा सुरक्षित रहे:
टाइटल वेरिफिकेशन कराएं: किसी भी जमीन या फ्लैट का लीगल टाइटल वकील से चेक कराएं।
Encumbrance Certificate लें: इससे पता चलेगा कि प्रॉपर्टी पर कोई लोन, गिरवी या कोर्ट केस तो नहीं है।
Mutation और पुराना रिकॉर्ड देखें: पहले मालिक कौन था, उसके बाद किसके नाम ट्रांसफर हुआ — सब जांचें।
रजिस्ट्री के वक्त गवाह रखें: दो गवाह जरूरी होते हैं। सही व्यक्ति को गवाह बनाएं ताकि बाद में कोई दिक्कत न हो।
फुल पेमेंट करें और रसीद संभालें: पेमेंट का पूरा रिकॉर्ड रखें। नकद पेमेंट से बचें।
कौन सी रजिस्ट्री सबसे ज्यादा रिस्क वाली होती है?
कई बार लोग जल्दबाजी में ऐसे प्रॉपर्टी डील में फंस जाते हैं जिनकी लैंड टाइटल क्लियर नहीं होती।
सबसे ज्यादा रिस्क ऐसी प्रॉपर्टी में होता है जो:
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किसी केस में फंसी हो
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लीजहोल्ड लैंड हो और कन्वर्जन न हुआ हो
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ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी या अवैध कॉलोनी में बिकी हो
ऐसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री बाद में रद्द हो सकती है।
रजिस्ट्री कैंसिल होने पर क्या होता है?
अगर कोर्ट रजिस्ट्री रद्द कर देता है तो आपका मालिकाना हक खत्म हो जाता है। ऐसे में आप:
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संपत्ति बेच नहीं सकते
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बैंक लोन नहीं ले सकते
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कब्जा हटाने के लिए कोर्ट केस झेलना पड़ सकता है
इसलिए खरीद से पहले सारी जांच जरूरी है।
कौन कर सकता है रजिस्ट्री को चैलेंज?
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वास्तविक मालिक
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कानूनी उत्तराधिकारी
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कोई भी पक्ष जो हकदार है और उसके हक का हनन हुआ है
वे कोर्ट में केस कर सकते हैं और रजिस्ट्री को फर्जी या अवैध साबित कर सकते हैं।
रजिस्ट्री सुरक्षित रखने के लिए जरूरी दस्तावेज
प्रॉपर्टी खरीदते वक्त ये डॉक्यूमेंट जरूर बनवाएं और संभालकर रखें:
सेल डीड
म्युटेशन सर्टिफिकेट
टैक्स रिसीप्ट
एनकम्ब्रेंस सर्टिफिकेट
गवाहों के आईडी प्रूफ
निष्कर्ष
तो अब आप समझ गए होंगे कि फ्लैट या जमीन खरीदने से पहले रजिस्ट्री कितनी जरूरी है और किस तरह की रजिस्ट्री सबसे सुरक्षित होती है। याद रखें — खरीदारी से पहले पूरी जांच करें, सही दस्तावेज देखें और वकील की सलाह जरूर लें। ऐसा करने से आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और भविष्य में कोर्ट के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे।