अगर आप नौकरीपेशा हैं और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत भरी है। साल 2025 में केंद्र सरकार ने ग्रेच्युटी (Gratuity) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। खास बात ये है कि ₹35,000 मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अब सीधे ₹1.41 लाख तक का लाभ मिल सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ये नया नियम क्या है, किसे मिलेगा फायदा, और आप कैसे इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं।
ग्रेच्युटी क्या होती है?
ग्रेच्युटी एक तरह की सेवा लाभ राशि होती है जो किसी कर्मचारी को उसके लंबे समय तक काम करने के बदले में दी जाती है। यह भुगतान तब किया जाता है जब कोई कर्मचारी:
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रिटायर होता है
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नौकरी छोड़ता है (न्यूनतम 5 साल की सेवा के बाद)
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किसी दुर्घटना या मृत्यु के कारण सेवा समाप्त होती है
यह एक टैक्स-फ्री राशि होती है (कुछ सीमा तक), और कर्मचारियों के लिए यह भविष्य में वित्तीय सुरक्षा का साधन बनती है।
2025 में क्या बदला है ग्रेच्युटी के नियम में?
सरकार ने 2025 में श्रम सुधारों के तहत ग्रेच्युटी फॉर्मूले में बदलाव किया है। अब ग्रेच्युटी की गणना के लिए:
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अधिकारिता अवधि की गणना सरल की गई है
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बेसिक + डीए को बढ़ाया गया है
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कुछ सेक्टरों में न्यूनतम सेवा अवधि को घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया है (विशेष रूप से कॉन्ट्रैक्ट या अस्थायी कर्मचारियों के लिए)
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न्यूनतम ग्रेच्युटी राशि की सीमा भी बढ़ा दी गई है
इन परिवर्तनों का सीधा असर ग्रेच्युटी की रकम पर पड़ेगा, जिससे अब कम सैलरी वाले कर्मचारियों को भी अधिक राशि मिल सकेगी।
₹35,000 सैलरी वालों को कैसे मिलेगा ₹1.41 लाख का फायदा?
सरल भाषा में समझें तो:
ग्रेच्युटी = (अंतिम वेतन × सेवा वर्ष × 15) / 26
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अंतिम वेतन = ₹35,000 (मान लें बेसिक + डीए)
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सेवा अवधि = 7 साल
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फॉर्मूला = (35,000 × 7 × 15) / 26 = ₹1,41,346
यह कैलकुलेशन दर्शाता है कि अगर कोई कर्मचारी ₹35,000 सैलरी पर 7 साल तक नौकरी करता है, तो उसे नई ग्रेच्युटी नीति के तहत ₹1.41 लाख से अधिक की रकम मिल सकती है।
किन कर्मचारियों को मिलेगा सीधा लाभ?
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सरकारी कर्मचारी
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निजी क्षेत्र के कर्मचारी (यदि कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के अधीन आती है)
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ठेका और अस्थायी कर्मचारी, जिन्हें अब न्यूनतम सेवा अवधि में राहत दी गई है
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EPF/ESIC पंजीकृत कर्मचारी
क्या ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है?
जी हां, ₹20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री होती है यदि कर्मचारी सरकारी संस्था या मान्यता प्राप्त कंपनी में कार्यरत है। इससे अधिक राशि टैक्स के अंतर्गत आ सकती है।
नौकरी बदलने पर क्या होगा?
अगर आप नौकरी बदलते हैं और आपने नई कंपनी में भी ग्रेच्युटी पात्रता की शर्तें पूरी की हैं, तो आप अलग-अलग संस्थानों से भी ग्रेच्युटी ले सकते हैं। कुछ कंपनियाँ नौकरी बदलने पर ग्रेच्युटी को carry-forward भी करती हैं।
नए नियमों से होने वाले फायदे:
कम सेवा अवधि में भी ग्रेच्युटी पात्रता
कम सैलरी में अधिक ग्रेच्युटी
टैक्स फ्री राशि
वित्तीय सुरक्षा और सेविंग
रिटायरमेंट प्लानिंग में सहायक
किसे नुकसान हो सकता है?
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जो कर्मचारी 5 साल से कम सेवा के बाद नौकरी छोड़ते हैं (नियम सब पर लागू नहीं)
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जिन्हें बेसिक सैलरी पर ग्रेच्युटी नहीं दी जाती
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जो अनियमित कंपनियों में काम करते हैं जहाँ ग्रेच्युटी लागू नहीं होती
ग्रेच्युटी क्लेम कैसे करें?
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नौकरी छोड़ने या रिटायरमेंट के 30 दिनों के भीतर फॉर्म G जमा करें
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कंपनी/HR डिपार्टमेंट से ग्रेच्युटी आवेदन की प्रक्रिया जानें
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पहचान प्रमाण और सेवा प्रमाण संलग्न करें
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भुगतान 30 दिन के भीतर किया जाना चाहिए
निष्कर्ष
2025 में ग्रेच्युटी के बदले नियमों ने कामकाजी लोगों के लिए बड़ा फायदा ला दिया है। ₹35,000 जैसी मिड-लेवल सैलरी पर भी अब ₹1.41 लाख तक का फायदा संभव है, जो पहले इतना सहज नहीं था। सरकार का यह कदम कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने और भविष्य सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय है।
अगर आप भी कर्मचारी हैं तो अपने HR विभाग से ग्रेच्युटी से संबंधित नए नियमों की जानकारी ज़रूर लें और इसका पूरा लाभ उठाएं।