RBI के खजाने में कितना है सोना, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश

भारत की अर्थव्यवस्था में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की भूमिका केवल मौद्रिक नीतियों और बैंकों के नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि वह देश के विदेशी मुद्रा भंडार और गोल्ड रिज़र्व यानी सोने के भंडारण के लिए भी जिम्मेदार है। हाल ही में RBI द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह साफ हुआ है कि भारत के पास कितना सोना है और उसकी मौजूदा कीमत क्या है। इस जानकारी ने आम लोगों से लेकर निवेशकों तक को हैरान कर दिया है।

RBI के पास कितना है सोना?

RBI हर साल अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सोने के भंडार का विवरण जारी करता है। वर्ष 2025 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, RBI के पास लगभग 822 मीट्रिक टन सोना मौजूद है। इसमें से करीब 308 टन सोना भारत में सुरक्षित रखा गया है, जबकि बाकी 514 टन विदेशी बैंकों (जैसे बैंक ऑफ इंग्लैंड और BIS) में स्टोर किया गया है।

सोने की कीमत: चौंकाने वाले आंकड़े

अगर हम वर्तमान में 1 टन सोने की कीमत की बात करें तो यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग ₹55 करोड़ से ₹60 करोड़ प्रति टन के बीच है। इस हिसाब से RBI के पास मौजूद 822 टन सोने की अनुमानित कीमत करीब ₹50,000 करोड़ से ₹60,000 करोड़ के बीच बैठती है।

ध्यान दें: यह कीमत समय-समय पर सोने के भाव के अनुसार ऊपर-नीचे हो सकती है।

क्यों रखता है RBI इतना सोना?

  1. आर्थिक स्थिरता के लिए: सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब मुद्रा या बाजार अस्थिर होता है, तब सोना आर्थिक स्थिरता का संकेत देता है।

  2. विदेशी व्यापार और रिज़र्व बैलेंस: सोना विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता है, जो अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में विश्वास बढ़ाता है।

  3. डॉलर निर्भरता में कमी: RBI सोने को डॉलर के विकल्प के रूप में रिज़र्व में रखता है ताकि विदेशी मुद्रा की अस्थिरता से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित न हो।

RBI ने कब से बढ़ाया गोल्ड रिज़र्व?

पिछले कुछ वर्षों में RBI ने लगातार अपने गोल्ड रिज़र्व में इजाफा किया है। खासकर 2020 के बाद, जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बढ़ी, RBI ने डॉलर पर निर्भरता कम करने और गोल्ड की हिस्सेदारी बढ़ाने की नीति अपनाई।

गोल्ड रिज़र्व और आम जनता का संबंध

आप सोच रहे होंगे कि RBI के पास इतना सोना है तो इसका आपकी जिंदगी से क्या लेना-देना? आइए समझते हैं:

  • ब्याज दरों पर असर: गोल्ड रिज़र्व जितना मजबूत होगा, RBI के पास आर्थिक संकट में बेहतर निर्णय लेने की शक्ति होगी।

  • रुपया और डॉलर का संतुलन: अधिक गोल्ड रिज़र्व देश की करेंसी की स्थिति मजबूत करता है, जिससे रुपए की वैल्यू स्थिर बनी रहती है।

  • निवेश की संभावनाएं: RBI की गोल्ड खरीदारी यह संकेत देती है कि सोना एक अच्छा निवेश विकल्प बना रहेगा।

निष्कर्ष

RBI का गोल्ड स्टॉक केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह भारत की आर्थिक ताकत का प्रतीक है। 822 टन से अधिक का यह भंडार न केवल वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के समय देश को स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि आम जनता के लिए भी विश्वास का कारण बनता है। अगर आप भी निवेश की सोच रहे हैं, तो RBI की यह रणनीति आपको सोने में निवेश करने की प्रेरणा दे सकती है।

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