अपनी कमाई से खरीदी प्रॉपर्टी तलाक के बाद जा सकती है हाथ से – कोर्ट की कड़ी चेतावनी

यदि आपने अपनी मेहनत की कमाई से एक फ्लैट या जमीन खरीदी है और आप यह सोचते हैं कि यह पूरी तरह सिर्फ आपकी है, तो अब सावधान हो जाइए। भारत के उच्च न्यायालयों, विशेषकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में तलाक और संपत्ति को लेकर ऐसा फैसला सुनाया है जो करोड़ों शादीशुदा पुरुषों को प्रभावित कर सकता है।

तलाक के बाद पत्नी आपकी कमाई से खरीदी गई प्रॉपर्टी पर दावा कर सकती है, भले ही वह सिर्फ आपके नाम पर हो। यह फैसला मेट्रीमोनियल प्रॉपर्टी (Matrimonial Property) की परिभाषा को लेकर न्यायालय के रुख को दर्शाता है। आइए जानते हैं क्या कहा कोर्ट ने, और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने एक तलाक से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा:

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“यदि पति ने शादी के बाद अपनी कमाई से प्रॉपर्टी खरीदी है, और उसमें पत्नी ने घरेलू ज़िम्मेदारियों का निर्वहन किया है, तो वह संपत्ति पूरी तरह पति की नहीं मानी जाएगी।”

इसका मतलब ये है कि घरेलू महिला का घर चलाना, बच्चों की देखभाल करना और पति को सहयोग देना भी योगदान माना जाएगा, और इसलिए पत्नी को उस संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है।

क्या है Matrimonial Property?

Matrimonial Property उस संपत्ति को कहा जाता है:

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इसमें मकान, फ्लैट, जमीन, गाड़ी, निवेश, बैंक अकाउंट आदि भी शामिल हो सकते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?

  1. सिर्फ नाम पर मालिकाना हक नहीं माना जाएगा
    अब सिर्फ यह कहना कि प्रॉपर्टी मेरे नाम पर है, पर्याप्त नहीं है।

  2. पत्नी के घरेलू योगदान को भी मिलेगा कानूनी मान्यता
    यदि पत्नी ने जॉब नहीं की लेकिन घर संभाला, तो उसे योगदान माना जाएगा।

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  3. तलाक के दौरान बंटवारे का आधार सिर्फ आर्थिक नहीं होगा
    अब समाजिक और घरेलू सहयोग भी बंटवारे में अहम फैक्टर बनेंगे।

महिलाओं को क्यों दिया गया ये अधिकार?

भारत में लाखों महिलाएं शादी के बाद अपना करियर छोड़कर परिवार की सेवा करती हैं। वो घर, बच्चे, बुजुर्ग, रसोई और पति का ख्याल रखती हैं। यह “अदृश्य श्रम” अब कानूनी रूप से महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है।

इसलिए कोर्ट का कहना है कि अगर पत्नी ने अपने हिस्से का योगदान दिया है, तो वह संपत्ति में हिस्सेदार बनती है।

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 कानूनी नियम और प्रावधान:

कौन-कौन सी संपत्तियां प्रभावित हो सकती हैं?

  1. शादी के बाद खरीदा गया मकान

  2. जॉइंट अकाउंट या FD

  3. गहने या महंगे सामान

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  4. वाहन

  5. निवेश (म्यूचुअल फंड, शेयर, इंश्योरेंस आदि)

पुरुष क्या सावधानी रखें?

 शादी से पहले खरीदी संपत्ति को स्पष्ट करें

यदि आपने शादी से पहले कोई प्रॉपर्टी खरीदी है, तो उसका दस्तावेज, रजिस्ट्री और डेट अपने पास रखें।

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जॉइंट निवेश से बचें (यदि आप क्लेम नहीं देना चाहते)

कई बार पति पत्नी दोनों के नाम से लोन, निवेश या मकान होता है, जो बाद में क्लेम का आधार बन सकता है।

शादी के बाद खरीदी संपत्ति में क्लियर एग्रीमेंट बनवाएं

अगर दोनों पार्टनर संपत्ति में बराबर नहीं निवेश कर रहे, तो एग्रीमेंट में साफ हो कि किसका कितना हिस्सा होगा।

 प्रॉपर्टी गिफ्ट डीड न करें बिना सोचे

कई लोग पत्नी को गिफ्ट डीड में संपत्ति दे देते हैं, जिसे बाद में बदलना मुश्किल हो सकता है।

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कोर्ट के फैसले का असर किस पर होगा?

निष्कर्ष:

“मेहनत की कमाई से खरीदी संपत्ति आपकी पूरी तरह निजी नहीं रह सकती अगर आपने उसे शादी के बाद खरीदा है और पत्नी ने घरेलू सहयोग दिया है।” – सुप्रीम कोर्ट

इसलिए आज की बदलती कानूनी व्यवस्था में सिर्फ नाम पर नहीं, बल्कि संपत्ति के उपयोग और योगदान के आधार पर ही मालिकाना हक तय होगा।

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सावधानी ही समझदारी है – प्रॉपर्टी निवेश करते समय, शादी के बाद की योजना बनाते समय और एग्रीमेंट बनवाते समय सही कदम उठाएं ताकि भविष्य में आपकी संपत्ति कानूनी पेंच में न फंसे।

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