अगर आप मकान, जमीन या फ्लैट खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए ना तो घंटों लाइन में लगना पड़ेगा और ना ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने होंगे। सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। यानी अब आप घर बैठे कुछ आसान स्टेप्स में ही संपत्ति की रजिस्ट्री करवा सकते हैं।
यह बदलाव सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को तेज़, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवाएं प्रदान करना है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम क्या है?
ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जहां खरीदार और विक्रेता इंटरनेट की मदद से अपने दस्तावेज़ अपलोड करके संपत्ति का पंजीकरण करा सकते हैं। पहले यह काम केवल मैन्युअल होता था, जिसमें बिचौलियों और एजेंटों का दखल ज़्यादा होता था। लेकिन अब यह प्रक्रिया 100% ऑनलाइन हो गई है।
किन राज्यों में लागू हुआ यह नियम?
अभी तक यह सुविधा कई राज्यों में शुरू हो चुकी है जैसे:
-
उत्तर प्रदेश
-
दिल्ली
-
महाराष्ट्र
-
मध्य प्रदेश
-
राजस्थान
-
हरियाणा
-
पंजाब
अन्य राज्य भी जल्द इस सुविधा को अपनाने वाले हैं। राज्य सरकारों के राजस्व विभाग इस सेवा को अपने-अपने पोर्टल्स पर उपलब्ध करा रहे हैं।
ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेज़
ऑनलाइन संपत्ति पंजीकरण के लिए नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की जरूरत होती है:
-
विक्रेता और खरीदार का आधार कार्ड
-
पैन कार्ड
-
बिजली बिल / पानी का बिल (एड्रेस प्रूफ)
-
प्रॉपर्टी की बिक्री डीड (Sale Deed)
-
फोटोग्राफ्स
-
प्रॉपर्टी टैक्स रिसिप्ट
-
बैंक पेमेंट रसीद
ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया – सिर्फ 3 आसान स्टेप
अब घर बैठे रजिस्ट्री करवाने के लिए सिर्फ तीन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
1. ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें
राज्य के राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं (जैसे उत्तर प्रदेश के लिए igrsup.gov.in)। वहां “Online Property Registration” या “E-Registry” विकल्प चुनें और खुद को रजिस्टर करें।
2. जानकारी और दस्तावेज़ अपलोड करें
प्रॉपर्टी की डिटेल्स भरें – जैसे स्थान, क्षेत्रफल, विक्रेता और खरीदार की जानकारी। फिर सभी जरूरी दस्तावेज़ स्कैन करके अपलोड करें।
3. फीस जमा करें और अपॉइंटमेंट लें
पोर्टल पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन जमा करें। फिर उपलब्ध तारीख़ और समय के अनुसार ई-अपॉइंटमेंट लें। कई मामलों में वीडियो कॉल से भी वेरिफिकेशन किया जा सकता है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री के फायदे
1. समय की बचत
अब छुट्टी लेकर तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की ज़रूरत नहीं। पूरा काम घर बैठे कुछ घंटों में हो सकता है।
2. भ्रष्टाचार पर रोक
बिचौलिए और दलालों का दखल पूरी तरह खत्म हो गया है। सभी कार्य सरकारी पोर्टल के जरिए सीधे होते हैं।
3. पारदर्शिता
ऑनलाइन रजिस्ट्री से प्रक्रिया ट्रैक की जा सकती है। यूज़र को हर स्टेप की जानकारी SMS और ईमेल से मिलती है।
4. 24×7 सुविधा
अब आप रात को भी रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, किसी कार्यालय के समय का इंतजार नहीं करना पड़ता।
सरकार का उद्देश्य
सरकार चाहती है कि संपत्ति खरीदने और बेचने की प्रक्रिया जल्द से जल्द और आसान हो। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना, दस्तावेज़ की नकली कॉपी रोकना और ई-स्टैम्पिंग को बढ़ावा देना मुख्य लक्ष्य है। इससे टैक्स चोरी भी रोकी जा सकेगी और हर व्यक्ति की संपत्ति सुरक्षित रहेगी।
क्या ऑनलाइन रजिस्ट्री पूरी तरह सुरक्षित है?
हाँ, यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल लॉकर, ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन, ई-साइन और ब्लॉकचेन तकनीक से सुरक्षित बनाई गई है। डाटा एनक्रिप्शन और ऑथेंटिकेशन के ज़रिए किसी भी तरह की छेड़छाड़ को रोका जाता है।
निष्कर्ष
अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री करवाना किसी सिरदर्द से कम नहीं था, लेकिन डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ने इसे बच्चों का खेल बना दिया है। सरकार के इस फैसले से न केवल जनता को सुविधा मिली है, बल्कि पारदर्शिता और विश्वसनीयता में भी वृद्धि हुई है। अगर आप भी जल्द प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं, तो इस डिजिटल सुविधा का लाभ जरूर उठाएं।