बिहार में गर्मियों की छुट्टियों में शिक्षकों की ड्यूटी पर रोक – जानें ACS ने क्यों लिया यह सख्त कदम

बिहार सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों में गैर-शैक्षणिक कार्यों से राहत देने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) द्वारा लिया गया है, जिससे राज्यभर के लाखों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। अब गर्मियों की छुट्टियों में उन्हें मतदान, सर्वे, टीकाकरण जैसे सरकारी कार्यों में नहीं लगाया जाएगा।

यह फैसला ना केवल शिक्षकों के हित में है बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था को भी मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

इस आदेश का क्या है मतलब?

अक्सर देखा गया है कि गर्मियों की छुट्टियों में शिक्षकों को ब्लॉक स्तर, पंचायत स्तर या जिला प्रशासन के तहत विभिन्न कार्यों में नियुक्त कर दिया जाता था। इससे उनकी छुट्टियां बेकार चली जाती थीं और वे न मानसिक रूप से रिचार्ज हो पाते थे, न ही अगले सत्र की तैयारी कर पाते थे।

अब राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी शिक्षक छुट्टियों के दौरान स्कूल से बाहर किसी भी गैर-शैक्षणिक ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा।

आदेश की मुख्य बातें – एक नजर में

बिंदु विवरण
आदेश जारीकर्ता बिहार के शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS)
आदेश लागू होने की अवधि गर्मी की छुट्टियों के दौरान
किस पर लागू सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षक
जिन कार्यों में रोक BLO ड्यूटी, जनगणना, सर्वेक्षण, स्वास्थ्य शिविर, टीकाकरण इत्यादि
पालन सुनिश्चित करने वाला जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और संबंधित प्रशासनिक अधिकारी

इस फैसले के पीछे के मुख्य कारण

1. शिक्षकों की शिकायतों को गंभीरता से लेना

राज्य के शिक्षकों ने लगातार यह मांग की थी कि उन्हें छुट्टियों में अनावश्यक कार्यों में न घसीटा जाए।

2. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार

अगर शिक्षक आराम करेंगे और पाठ्यक्रम की योजना बनाएंगे, तो नई सत्र में बच्चों को और बेहतर शिक्षा मिलेगी।

3. मानसिक थकावट से बचाव

लगातार ड्यूटी से शिक्षक मानसिक रूप से थक जाते थे। छुट्टियां आराम और पुनर्नवीनीकरण के लिए जरूरी होती हैं।

4. नई शिक्षा नीति के अनुरूप

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षकों को प्रशासनिक कार्यों से मुक्त रखा जाना चाहिए ताकि वे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

किन ड्यूटीज़ से शिक्षकों को अब राहत मिलेगी?

ड्यूटी का नाम पहले की स्थिति अब क्या बदलाव
BLO ड्यूटी नियमित रूप से लगती थी अब छुट्टियों में नहीं लगेगी
टीकाकरण ड्यूटी महामारी में बहुत बार लगी अब बिना आवश्यकता नहीं लगेगी
जनगणना कई बार शामिल किया गया छुट्टियों में पूर्णतः रोक
पंचायत चुनाव शिक्षक अक्सर तैनात होते थे अब राहत दी गई है
राशन कार्ड सर्वे ड्यूटी मिलती थी अब नहीं दी जाएगी

शिक्षकों की प्रतिक्रिया

फैसले के बाद राज्य भर के शिक्षकों में खुशी की लहर है। कई शिक्षक संगठनों और यूनियनों ने इस फैसले का स्वागत किया है।

“यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। शिक्षक अब वास्तव में छुट्टियों का लाभ ले सकेंगे।” – बिहार शिक्षक महासंघ

“हम लंबे समय से यह मांग कर रहे थे। सरकार ने हमारी बात सुनी, इसके लिए धन्यवाद।” – राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ

फैसले से होने वाले प्रमुख लाभ

  • छुट्टियों का सही उपयोग: शिक्षक अब अपने समय का उपयोग नई शैक्षणिक योजना, रिफ्रेशमेंट और पारिवारिक समय में कर सकेंगे।

  • शैक्षणिक वर्ष की बेहतर तैयारी: शिक्षक मानसिक रूप से अधिक तैयार होकर नई कक्षा में पढ़ाने आएंगे।

  • छात्रों को बेहतर लाभ: शिक्षकों की ऊर्जा और योजना छात्रों की पढ़ाई में परिलक्षित होगी।

  • प्रशासनिक पारदर्शिता: सभी जिलों में एक समान नीति लागू होगी जिससे अराजकता खत्म होगी।

सरकार की जिम्मेदारी भी बढ़ी

अब जब सरकार ने यह आदेश दिया है, तो इसकी निगरानी और अनुपालन भी बेहद जरूरी है। सरकार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को जिम्मेदारी दी है कि किसी भी स्थिति में आदेश का उल्लंघन न हो।

अगर किसी शिक्षक को छुट्टियों में ड्यूटी दी जाती है, तो वह इसकी शिकायत उच्च अधिकारी से कर सकता है और कार्रवाई की जाएगी।

 भविष्य में क्या?

इस निर्णय को स्थायी रूप देने के लिए शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि इसे एक अधिसूचना (notification) के रूप में पूरे साल के लिए लागू किया जाए। साथ ही छुट्टियों में अन्य विभागों द्वारा शिक्षकों को बुलाने पर पाबंदी होनी चाहिए।

 निष्कर्ष

बिहार सरकार का यह कदम शिक्षकों के हित में है और लंबे समय से की जा रही एक मांग को पूरा करता है। शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों में आराम और योजना बनाने का समय मिलेगा, जो शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने में मदद करेगा।

ACS का यह निर्देश एक सकारात्मक पहल है जो राज्य के शिक्षा तंत्र को अधिक संगठित और उद्देश्यपूर्ण बनाएगा।

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