आज के दौर में संपत्ति में निवेश करने के साथ-साथ टैक्स बचत और कानूनी सुरक्षा भी एक अहम मुद्दा बन चुका है। अगर आप जमीन या मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना आपके लिए जरूरी है कि पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदना न सिर्फ एक समझदारी भरा कदम है, बल्कि इसमें कई आर्थिक और कानूनी फायदे भी मिलते हैं।
सरकार भी महिलाओं को संपत्ति के मालिक बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, और इसी दिशा में कई राज्यों ने रजिस्ट्रेशन शुल्क से लेकर टैक्स में छूट तक की व्यवस्था की है।
पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने के 7 बड़े फायदे
1. रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी छूट
देश के कई राज्यों में महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराने पर पुरुषों की तुलना में कम स्टांप ड्यूटी ली जाती है।
उदाहरण के लिए:
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दिल्ली में पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 6% है जबकि महिलाओं के लिए सिर्फ 4%।
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उत्तर प्रदेश में महिलाओं को 1-2% की छूट दी जाती है।
इससे लाखों रुपये की बचत संभव है।
2. टैक्स छूट और डिडक्शन का लाभ
अगर पत्नी को-ऑनर या संपत्ति की मालिक होती है, और वह स्वयं कमाने वाली है, तो वह भी:
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होम लोन के ब्याज पर डिडक्शन ले सकती है (Section 24B के तहत ₹2 लाख तक)
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प्रिंसिपल अमाउंट पर भी डिडक्शन ले सकती है (Section 80C के तहत ₹1.5 लाख तक)
अगर पति-पत्नी दोनों इनकम टैक्स देते हैं, तो यह डबल फायदा बन सकता है।
3. महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देना
पति द्वारा पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदने से महिला को स्वामित्व अधिकार मिलता है। यह एक मजबूत सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का तरीका भी है।
शादीशुदा महिलाओं को अक्सर आर्थिक निर्णयों से दूर रखा जाता है, लेकिन इस कदम से वे आत्मनिर्भर बनती हैं।
4. बेनामी संपत्ति अधिनियम से सुरक्षा
अगर आप पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं और रकम बैंक ट्रांजैक्शन के माध्यम से ट्रांसफर होती है, तो यह बेनामी लेन-देन कानून (Benami Transactions Act) का उल्लंघन नहीं होगा।
शर्त: यह साबित हो सके कि पैसा पति का था और संपत्ति पत्नी के नाम पर उसकी सहमति से खरीदी गई।
5. संपत्ति की सुरक्षा और विवाद से बचाव
पति की मृत्यु या किसी कानूनी विवाद की स्थिति में अगर प्रॉपर्टी पत्नी के नाम होती है, तो उस पर उनका सीधा हक होता है।
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कोर्ट-कचहरी के चक्कर कम लगते हैं
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विरासत विवादों में भी पत्नी को परेशानी नहीं होती
6. होम लोन में आसान स्वीकृति
महिलाओं को बैंकों द्वारा होम लोन पर अक्सर:
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कम ब्याज दर
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प्रोसेसिंग फीस में छूट
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तेज अप्रूवल
जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। कई बैंक महिला कर्जदारों को विशेष स्कीम्स में शामिल करते हैं।
7. पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाना
पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदना केवल वित्तीय निर्णय नहीं है — यह एक विश्वास और सम्मान का प्रतीक भी है। इससे परिवार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती है और उनमें आत्मनिर्भरता की भावना आती है।
पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
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पैसा कहां से आ रहा है, उसका रिकॉर्ड रखें
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रीयल ओनरशिप और डीड डॉक्यूमेंट क्लियर होने चाहिए
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पत्नी का नाम रजिस्ट्री में स्पष्ट रूप से दर्ज होना चाहिए
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दोनों के पैन कार्ड और आधार कार्ड जुड़े हों
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टैक्स सेविंग के लिए इन्कम टैक्स सेक्शन के अनुसार डिवीजन सही तरीके से किया गया हो
किन मामलों में नहीं मिलेगा लाभ?
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अगर पत्नी के नाम पर सिर्फ दिखावे के लिए प्रॉपर्टी खरीदी गई और वह हाउसवाइफ हैं, तो टैक्स छूट उन्हीं तक सीमित रहेगी जो आय कर देते हैं।
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पत्नी के नाम पर खरीदकर बाद में उसे रेंटल इनकम देने पर पूरी इनकम पति की मानी जाएगी (as per Income Tax Clubbing provisions)।
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बेनामी लेनदेन की स्थिति में उचित दस्तावेज़ नहीं होने पर कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं।
राज्यवार स्टांप ड्यूटी छूट (उदाहरण):
राज्य | पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी | महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी |
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दिल्ली | 6% | 4% |
उत्तर प्रदेश | 7% | 6% या 5% |
हरियाणा (शहरी) | 7% | 5% |
राजस्थान | 5% | 4% |
पंजाब | 6% | 4% |
FAQs: पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदने से जुड़े सवाल
Q1. क्या हाउसवाइफ के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं?
हाँ, लेकिन बेनामी न लगे इसलिए फंडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
Q2. क्या पति और पत्नी दोनों को टैक्स छूट मिलती है?
हाँ, अगर दोनों की इनकम अलग-अलग है और दोनों लोन में को-बॉरोअर हैं।
Q3. क्या पत्नी को लोन में प्राथमिकता मिलती है?
हाँ, कई बैंकों में महिला कर्जदारों को ब्याज दरों में रियायत दी जाती है।
निष्कर्ष
पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदना आज के समय में एक समझदारी भरा और फायदेमंद फैसला है। इससे न केवल टैक्स में राहत मिलती है बल्कि सामाजिक रूप से भी महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिलती है।
अगर आप भविष्य में घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो पत्नी के नाम पर निवेश कर एक मजबूत और फायदेभरा कदम जरूर उठाएं।