आजकल कई लोग सस्ते में घर खरीदने के चक्कर में बैंक नीलामी (Auction Property) की तरफ रुख कर रहे हैं। नीलामी से फ्लैट या प्लॉट वाकई बाजार रेट से सस्ते मिल सकते हैं। लेकिन इसके पीछे कई ऐसे कानूनी और तकनीकी पेंच होते हैं जिन्हें अगर नजरअंदाज कर दिया तो बाद में बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। इसलिए अगर आप भी नीलामी वाला घर खरीदने की सोच रहे हैं तो ये बातें जरूर जान लीजिए ताकि बाद में कोई धोखा या नुकसान न हो।
क्यों बढ़ रही है नीलामी प्रॉपर्टी की डिमांड?
बैंक या वित्तीय संस्थाएं उन प्रॉपर्टी को नीलाम कर देती हैं जिनके मालिक लोन नहीं चुका पाते। ऐसे घरों की कीमत बाजार भाव से कम होती है। यही वजह है कि लोग बैंक नीलामी को एक बेहतरीन मौका मानते हैं। लेकिन अक्सर लोग जरूरी कागजी कार्रवाई, कानूनी जांच और छुपे हुए विवादों को नजरअंदाज कर बैठते हैं। यही चूक बाद में भारी पड़ सकती है।
नीलामी वाला घर खरीदने से पहले ध्यान रखने वाली बातें
प्रॉपर्टी की लीगल स्टेटस की जांच करें
नीलामी से पहले सबसे जरूरी है कि उस प्रॉपर्टी का लीगल स्टेटस सही से पता कर लें। देख लें कि क्या प्रॉपर्टी पर कोई कोर्ट केस तो नहीं चल रहा? कहीं कोई दूसरे दावेदार तो नहीं? इसके लिए आप बैंक से ‘Encumbrance Certificate’ और ‘Title Deed’ जरूर देखें।
कब्जे की स्थिति को समझें
कई बार नीलामी प्रॉपर्टी पर अभी भी पुराने मालिक का कब्जा बना होता है। ऐसे में कब्जा खाली करवाना आपके लिए मुश्किल हो सकता है। कब्जा न मिले तो घर लेना बेकार है। इसलिए फिजिकल इंस्पेक्शन जरूर करें और कब्जे की स्थिति पक्की कर लें।
बैंक का रिजर्व प्राइस समझें
नीलामी में हर प्रॉपर्टी का एक Reserve Price होता है। यह न्यूनतम कीमत होती है जिससे कम पर बैंक प्रॉपर्टी नहीं बेचेगा। आपको पता होना चाहिए कि रिजर्व प्राइस बाजार रेट से कितना कम है और क्या आपको वाकई फायदा होगा या नहीं।
बिडिंग अमाउंट और पेमेंट शर्तें जानें
नीलामी में भाग लेने के लिए आपको पहले Earnest Money Deposit (EMD) जमा करना होता है। अगर बिडिंग जीतते हैं तो तय समय में पूरा पेमेंट करना जरूरी है। अगर पेमेंट समय पर नहीं कर पाए तो EMD जब्त हो जाएगा। इसलिए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग सही रखें।
बैंक से मिले दस्तावेजों को वेरिफाई करें
अक्सर लोग मान लेते हैं कि बैंक नीलामी है तो सब कुछ सही होगा। लेकिन कई बार बैंक के पास भी पुराने दस्तावेज अधूरे होते हैं। Sale Certificate, Possession Certificate और बाकी जरूरी पेपर खुद चेक करें। जरूरत पड़े तो किसी कानूनी सलाहकार से सलाह लें।
नीलामी प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया
नीलामी का नोटिस ध्यान से पढ़ें
प्रॉपर्टी की लोकेशन, एरिया और कानूनी स्थिति समझें
EMD जमा करें
नीलामी में हिस्सा लें और बोली लगाएं
बोली जीतने पर तय समय में पेमेंट करें
बैंक से Sale Certificate लें
रजिस्ट्री करवाकर नाम ट्रांसफर कराएं
क्या नीलामी प्रॉपर्टी पर लोन मिल जाता है?
यह एक बड़ा सवाल है। कई बैंक नीलामी वाली प्रॉपर्टी पर लोन नहीं देते क्योंकि उसमें पहले से लोन का पेच रहता है। ऐसे में आपको पूरा अमाउंट एक साथ पे करना पड़ सकता है। इसलिए पहले बैंक से लोन की स्थिति कन्फर्म करें।
नीलामी प्रॉपर्टी में क्या-क्या खतरे हो सकते हैं?
प्रॉपर्टी पर कोर्ट केस चलना
कब्जा खाली न होना
बिजली-पानी के पुराने बिल बकाया रहना
सोसाइटी में मेंटेनेंस चार्ज बकाया होना
दोहरा बेचने का विवाद
ये सब खतरे बाद में सिरदर्द बन सकते हैं। इसलिए अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करें और वकील से सलाह लें।
नीलामी से घर खरीदने के फायदे
सस्ती कीमत में प्रॉपर्टी मिल सकती है
सीधी डील बैंक से होती है
बाजार रेट से 20-30% तक सस्ता सौदा
नीलामी से घर खरीदने के नुकसान
कब्जा मिलने में परेशानी
लीगल पेच फंस सकते हैं
लोन नहीं मिलना
पेमेंट समय पर न होने पर EMD जब्त
कैसे रहें सुरक्षित?
हर दस्तावेज को वकील से चेक कराएं
पुराने मालिक से बातचीत कर स्थिति जानें
पड़ोसियों से भी जानकारी लें
फर्जी दलालों से दूर रहें
बैंक या अधिकृत संस्था से ही बोली लगाएं
निष्कर्ष
नीलामी वाला घर खरीदने से पहले ज़रूर जान लें ये बातें, वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में। सस्ते के चक्कर में जल्दबाजी न करें। हर कानूनी पहलू को अच्छी तरह जांचें, कब्जे की स्थिति समझें और बैंक की शर्तों को ठीक से पढ़ें। अगर सब कुछ सही लगे तभी बोली लगाएं। थोड़ी सी सावधानी आपका लाखों का नुकसान बचा सकती है और आपका सपना सस्ते में घर लेने का हकीकत बन सकता है।