आज के दौर में CIBIL स्कोर (क्रेडिट स्कोर) सिर्फ लोन लेने या क्रेडिट कार्ड पाने तक ही सीमित नहीं रह गया है। अब इसका असर आपकी नौकरी पर भी पड़ सकता है। हाल ही में हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिससे उन लोगों को बड़ा झटका लग सकता है जिनका CIBIL स्कोर खराब है।
क्या है CIBIL स्कोर और क्यों है जरूरी?
CIBIL स्कोर, जिसे क्रेडिट स्कोर भी कहते हैं, आपकी वित्तीय साख को दिखाता है। यह स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच होता है। जितना ज्यादा स्कोर, उतना ही अच्छा माना जाता है।
750+ स्कोर: बहुत अच्छा, आसानी से लोन पास।
650-750 स्कोर: ठीक-ठाक, लेकिन शर्तें कड़ी हो सकती हैं।
600 से कम: खतरे की घंटी, लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत।
अब इसी स्कोर को आधार बनाकर कई कंपनियां और सरकारी संस्थाएं उम्मीदवारों की फाइनेंशियल स्थिति को भी परखने लगी हैं।
हाईकोर्ट का बड़ा आदेश – नौकरी में भी देखेंगे CIBIL
हाल ही में एक सरकारी संस्था ने खराब CIBIL स्कोर के आधार पर एक उम्मीदवार को नौकरी देने से मना कर दिया। मामला कोर्ट तक पहुंचा और हाईकोर्ट ने यह कहते हुए संस्था के फैसले को सही ठहराया कि जो व्यक्ति अपनी आर्थिक जिम्मेदारियां नहीं निभा सकता, उस पर सरकारी या संवेदनशील नौकरी में कैसे भरोसा किया जा सकता है?
किस केस में आया यह फैसला?
दरअसल, एक कैंडिडेट ने बैंक जॉब के लिए आवेदन किया था। चयन प्रक्रिया में पता चला कि उसके ऊपर कई पुराने लोन डिफॉल्ट हैं और उसका CIBIL स्कोर बहुत कम है। बैंक ने कैंडिडेट को नौकरी देने से मना कर दिया।
आरोप लगा कि बैंक ने भेदभाव किया है, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि CIBIL स्कोर कम होना वित्तीय लापरवाही को दर्शाता है, और ऐसी स्थिति में बैंक सही है।
किन जॉब्स में देखा जा सकता है CIBIL स्कोर?
अब धीरे-धीरे कई क्षेत्र अपने कर्मचारियों का क्रेडिट स्कोर चेक करने लगे हैं, खासकर –
बैंकिंग सेक्टर
इंश्योरेंस सेक्टर
फाइनेंस कंपनियां
सरकारी बैंक व सरकारी फाइनेंशियल संस्थान
सेंसिटिव डेटा से जुड़े डिपार्टमेंट्स
ऐसा इसलिए क्योंकि इन संस्थाओं में पैसों का सीधा लेन-देन होता है और कर्मचारी की ईमानदारी व वित्तीय स्थिति पर शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
खराब CIBIL वालों को क्या करना चाहिए?
अगर आपका CIBIL स्कोर खराब है तो आप इन जरूरी बातों को फॉलो करके उसे सुधार सकते हैं:
क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाएं: टाइम पर बिल भरें।
EMI समय पर दें: किसी भी लोन की किश्त न चूकें।
पुराना ड्यू क्लियर करें: कोई पुराना पेंडिंग लोन या ओवरड्यू चुकता करें।
CIBIL रिपोर्ट चेक करें: कोई गलती हो तो उसे सही करवाएं।
नया क्रेडिट संभलकर लें: लिमिट से ज्यादा लोन ना लें।
क्या पुराना स्कोर सुधर सकता है?
हां! कोई भी व्यक्ति अपने पुराने खराब स्कोर को ठीक कर सकता है। लेकिन इसमें समय लगता है। आमतौर पर 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग सकता है, अगर आप सभी भुगतान समय पर करें और नया डिफॉल्ट न बनाएं।
क्या सभी नौकरियों में जरूरी होगा CIBIL स्कोर?
फिलहाल सभी नौकरियों में CIBIL स्कोर चेक करना अनिवार्य नहीं है। यह सिर्फ फाइनेंस, बैंकिंग या कुछ सेंसिटिव सरकारी पदों पर ही लागू हो रहा है। लेकिन आने वाले समय में प्राइवेट कंपनियां भी इस ट्रेंड को अपना सकती हैं।
क्या खराब CIBIL वालों को मिलेगी दूसरी नौकरी?
अगर आपका स्कोर खराब है तो डरने की जरूरत नहीं। हर सेक्टर में यह नियम लागू नहीं है। अगर आप फाइनेंस या बैंकिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो बेहतर होगा पहले अपना स्कोर सुधार लें। दूसरे फील्ड में, जैसे टेक्निकल, एजुकेशन, हेल्थ सेक्टर आदि में अभी CIBIL स्कोर ज्यादा मायने नहीं रखता।
नौकरी देने से इनकार पर क्या आप कोर्ट जा सकते हैं?
इस केस में कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जहां वित्तीय विश्वसनीयता जरूरी है, वहां खराब CIBIL स्कोर वालों को बाहर रखना सही है। यानी ऐसे केस में कोर्ट से राहत मिलना मुश्किल है। हां, अगर कोई गलत तरीके से भेदभाव करता है, तो आप लीगल रास्ता जरूर अपना सकते हैं।
हाईकोर्ट का संदेश – वित्तीय जिम्मेदारी जरूरी
हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि आर्थिक जिम्मेदारियों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। जो लोग जानबूझकर लोन या EMI नहीं चुकाते, उनके लिए संवेदनशील पदों पर भरोसा करना सही नहीं है। यह फैसला आने वाले समय में कई बड़ी कंपनियों और सरकारी विभागों के लिए मिसाल बन सकता है।
निष्कर्ष
आजकल सिर्फ डिग्री और इंटरव्यू पास करना ही काफी नहीं है। अगर आप बैंक, फाइनेंस या सरकारी नौकरी में करियर बनाना चाहते हैं, तो अपना CIBIL स्कोर भी मजबूत रखें।
खराब CIBIL वालों को नौकरी मिलने में दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन वक्त रहते ध्यान दें तो आप इसे सुधार सकते हैं। EMI समय पर भरें, क्रेडिट कार्ड लिमिट से ज्यादा खर्च न करें और अपने रिकॉर्ड को साफ रखें। तभी आप नौकरी के हर दरवाजे को खुला रख सकते हैं।