देश में करोड़ों गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए राशन कार्ड जीवन रेखा है। इसके जरिए लोगों को हर महीने मुफ्त या सस्ते में अनाज मिलता है। लेकिन अब एक राज्य में ऐसी खबर सामने आई है जिसने लाखों राशन कार्ड धारकों की चिंता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि इस राज्य में सरकार ने ऐसा फैसला लिया है जिससे करीब 20.58 लाख लाभार्थियों को नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है, कौन लोग होंगे प्रभावित और सरकार ने यह कदम क्यों उठाया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला उस राज्य से जुड़ा है जहां हाल ही में सरकार ने राशन कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव करने का ऐलान किया है। राज्य सरकार का कहना है कि कई ऐसे लोग भी राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं जो इसके पात्र नहीं हैं। यानी जो परिवार आर्थिक रूप से मजबूत हैं, अच्छी आमदनी रखते हैं, उनके पास पक्का घर, खेती की जमीन या दूसरी सुविधाएं हैं, वे भी गरीबों के हक का राशन ले रहे हैं।
ऐसे अपात्र लाभार्थियों को हटाने के लिए सरकार ने सख्ती से सत्यापन शुरू किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस अभियान के बाद करीब 20.58 लाख लाभार्थियों के नाम राशन कार्ड से काटे जा सकते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
राज्य सरकार का कहना है कि गरीबों के हक का अनाज अपात्र लोगों तक न पहुंचे इसके लिए राशन कार्डधारकों की जांच जरूरी है। सरकार हर साल करोड़ों रुपये राशन योजना पर खर्च करती है। अगर अपात्र लोग इस योजना का फायदा उठाते रहेंगे तो असली जरूरतमंद परिवारों को नुकसान होगा।
सरकार चाहती है कि सिर्फ वही लोग राशन कार्ड योजना के तहत रहें जो सच में गरीब और जरूरतमंद हैं। इसके लिए आधार कार्ड से लिंकिंग, बैंक खातों की जांच, घर के हालात की रिपोर्ट और संपत्ति का सत्यापन किया जा रहा है।
किन लोगों पर सबसे ज्यादा असर?
सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा असर उन परिवारों पर होगा जो पहले से अपात्र श्रेणी में आते हैं लेकिन किसी वजह से उनका नाम राशन कार्ड सूची में बना हुआ है। जैसे:
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जिनके पास पक्का मकान है।
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जिनके पास खेती की बड़ी जमीन है।
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जिनके परिवार में कोई सरकारी नौकरी में है।
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जिनके पास कार, ट्रैक्टर या चार पहिया वाहन है।
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जो आय सीमा से ज्यादा कमाते हैं।
ऐसे परिवारों को अब राशन कार्ड से बाहर किया जाएगा ताकि सही लाभार्थियों को ही योजना का लाभ मिले।
कैसे होगा सत्यापन?
राज्य सरकार ने अधिकारियों को गांव-गांव जाकर घरों का भौतिक सत्यापन करने का आदेश दिया है। इसके लिए पंचायत सचिव, लेखपाल और राशन डीलर को भी जिम्मेदारी दी गई है। कई जगह सर्वे शुरू भी हो गया है।
जांच में अगर कोई अपात्र पाया गया तो उसका नाम तुरंत राशन कार्ड से काट दिया जाएगा और भविष्य में उस परिवार को राशन नहीं मिलेगा।
क्या होगा वैध लाभार्थियों का?
अगर आप सच में पात्र हैं यानी गरीबी रेखा के नीचे आते हैं, आपकी आमदनी तय सीमा से कम है, आपके पास छोटी सी खेती या कच्चा घर है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। ऐसे लाभार्थियों को कोई नुकसान नहीं होगा। वे पहले की तरह हर महीने मुफ्त या सस्ता राशन पाते रहेंगे।
क्या है सरकार की दलील?
सरकार का कहना है कि इस अभियान से करोड़ों रुपये की बचत होगी और यह पैसा सही लाभार्थियों तक पहुंचेगा। सरकार ने अपील की है कि जिनके हालात सुधर चुके हैं वे खुद आगे आकर राशन कार्ड सरेंडर कर दें। कई जगह लोगों ने स्वेच्छा से राशन कार्ड लौटाना शुरू भी कर दिया है।
राशन कार्ड काटे जाने पर क्या करें?
अगर किसी लाभार्थी को लगता है कि उसका नाम गलत तरीके से सूची से हटा दिया गया है तो वह जिला पूर्ति कार्यालय में आवेदन देकर पुन: सत्यापन करवा सकता है। जरूरी दस्तावेज जमा कर सही जानकारी देने पर नाम वापस जुड़ सकता है।
इसके लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और घर की स्थिति के सबूत देना जरूरी होगा।
राशन कार्ड का सही इस्तेमाल क्यों जरूरी?
राशन कार्ड गरीब परिवारों के लिए सबसे जरूरी दस्तावेजों में से एक है। इसके जरिए मुफ्त अनाज, मिट्टी का तेल और कई जगहों पर गैस सब्सिडी और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। अगर अपात्र लोग गलत फायदा उठाते हैं तो असली जरूरतमंदों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पाता। इसलिए सरकार बार-बार कार्ड धारकों से सही जानकारी देने की अपील करती है।
सरकार ने दिए कड़े निर्देश
राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोई भी अधिकारी या राशन डीलर अपात्र लाभार्थी को बचाने की कोशिश न करे। अगर ऐसा पाया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। सरकार इस बार सत्यापन में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती।
निष्कर्ष
इस फैसले के बाद अगर आप भी राशन कार्ड धारक हैं तो अपनी जानकारी सही रखें। अपात्र पाए जाने पर खुद राशन कार्ड सरेंडर कर दें ताकि गरीबों का हक सुरक्षित रहे। अगर आप सच में पात्र हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। समय-समय पर दस्तावेज अपडेट रखें और सत्यापन में सहयोग करें।
सरकार का यह कदम उन लाखों परिवारों के लिए राहतभरा है जो वास्तव में जरूरतमंद हैं और उनके हिस्से का राशन किसी और के पास नहीं जाएगा।