बिहार वालों के लिए बड़ी खबर! 1 जुलाई से बदल जाएगा जमीन रजिस्ट्री का तरीका

अगर आप बिहार में जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। बिहार सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जो 1 जुलाई से पूरे राज्य में लागू हो जाएगा। इस बदलाव से रजिस्ट्री प्रक्रिया पहले से ज्यादा पारदर्शी और आसान होगी, लेकिन नियमों को न जानने पर लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।

आइए जानते हैं कि क्या है नया बदलाव, क्यों किया गया यह फैसला और अब रजिस्ट्री कराने वालों को क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी।

क्यों बदल रहा है बिहार में जमीन रजिस्ट्री का सिस्टम?

पिछले कुछ वर्षों में बिहार में जमीन विवाद और फर्जीवाड़े के हजारों मामले सामने आए हैं। पुराने सिस्टम में बिचौलियों और दलालों की वजह से कई बार खरीदारों को ठगा जाता था। फर्जी कागजों से रजिस्ट्री हो जाना, एक ही जमीन की डबल रजिस्ट्री या नामांतरण में देरी जैसी शिकायतें आम थीं।

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सरकार अब इस पूरे सिस्टम को डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर जोर दे रही है। इसी वजह से 1 जुलाई से जमीन रजिस्ट्री की नई व्यवस्था लागू की जा रही है ताकि लोगों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर न काटने पड़े और रिश्वतखोरी भी रुके।

नया नियम: अब कैसे होगी जमीन रजिस्ट्री?

नए नियमों के तहत बिहार में जमीन रजिस्ट्री से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलाव इस प्रकार हैं:

 पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन: अब आवेदन से लेकर फीस जमा करने और रजिस्ट्री स्लिप डाउनलोड करने तक सबकुछ ऑनलाइन होगा।

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 समय पर नामांतरण: रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण (mutation) की प्रक्रिया भी अपने आप शुरू हो जाएगी। इसके लिए अलग से आवेदन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 बायोमेट्रिक और फोटो वेरीफिकेशन: अब खरीदार और विक्रेता दोनों की पहचान बायोमेट्रिक और लाइव फोटो के जरिए सुनिश्चित होगी, जिससे फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा।

 पुराने रिकॉर्ड होंगे लिंक: नई रजिस्ट्री प्रक्रिया में जमीन के पुराने रिकॉर्ड को भी डिजिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।

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 बिना वकील के भी कर सकेंगे रजिस्ट्री: नया सिस्टम इतना आसान होगा कि लोग खुद ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और वकील या एजेंट पर निर्भरता कम होगी।

किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा?

नए नियमों से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो छोटे शहरों और गांवों में जमीन खरीदते-बेचते हैं। पहले ऐसे इलाकों में फर्जी बैनामा, नकली दस्तावेज और दलालों का दबदबा ज्यादा था। अब डिजिटल वेरिफिकेशन से यह सब काफी हद तक रुक जाएगा।

इसके अलावा जिन लोगों को कोर्ट-कचहरी में महीनों चक्कर काटने पड़ते थे, उनका समय और पैसा दोनों बचेगा।

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कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?

अब सवाल है कि नई व्यवस्था में रजिस्ट्री के लिए आवेदन कैसे करें। इसके लिए बिहार सरकार ने पोर्टल तैयार किया है, जिसका लिंक जल्द ही जिला कार्यालयों में चस्पा कर दिया जाएगा।

ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:

राजस्व और भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
नया आवेदन फॉर्म भरें।
जरूरी दस्तावेज अपलोड करें जैसे – जमीन का खतियान, नक्शा, विक्रेता-खरीदार का आईडी प्रूफ।
ऑनलाइन फीस जमा करें।
रजिस्ट्री की तारीख और समय स्लॉट चुनें।
फिक्स तारीख पर सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में जाकर बायोमेट्रिक और फोटो वेरिफिकेशन करवाएं।
रजिस्ट्री स्लिप ऑनलाइन डाउनलोड करें।

नामांतरण की प्रक्रिया अपने आप कैसे होगी?

पहले रजिस्ट्री के बाद नामांतरण यानी mutation के लिए अलग से आवेदन देना पड़ता था और यह महीनों तक लटका रहता था। अब नया सिस्टम जैसे ही आपकी रजिस्ट्री पूरी होगी, आपके नाम पर नामांतरण का रिक्वेस्ट अपने आप संबंधित अंचल कार्यालय में चला जाएगा।

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सरकारी कर्मचारी 15 से 30 दिनों में आपका नाम रिकॉर्ड में अपडेट कर देंगे और उसकी सूचना भी SMS से मिलेगी।

क्या अब भी कोर्ट या वकील की जरूरत होगी?

अगर आपका मामला सीधा-सादा है, यानी जमीन विवाद मुक्त है, तो नया डिजिटल सिस्टम बिना कोर्ट और वकील के ही काम कर देगा। लेकिन अगर जमीन पर केस चल रहा है या कई मालिकों के बीच बंटवारा होना है तो फिर कोर्ट के आदेश जरूरी होंगे।

नया नियम न मानने पर क्या हो सकता है?

नए नियमों के तहत बिना ऑनलाइन आवेदन या बिना बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के कोई भी रजिस्ट्री मान्य नहीं होगी। अगर किसी ने पुराने तरीके से फर्जी कागजों के दम पर रजिस्ट्री कराई तो वह रद्द कर दी जाएगी और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

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लोगों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

ऑनलाइन आवेदन खुद करें या भरोसेमंद व्यक्ति से ही करवाएं।
अपने दस्तावेज खुद जांचें, किसी एजेंट के कहने पर साइन न करें।
रजिस्ट्री से पहले जमीन के पुराने रिकॉर्ड ऑनलाइन जरूर देख लें।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूर करवाएं, किसी और से अंगूठा न लगवाएं।

निष्कर्ष

बिहार में जमीन रजिस्ट्री का नया नियम न सिर्फ पारदर्शिता लाएगा बल्कि लोगों को फर्जीवाड़े से भी बचाएगा। अगर आप भी 1 जुलाई के बाद जमीन खरीदने-बेचने की योजना बना रहे हैं तो नए नियमों को जरूर समझ लें।

नियमों का पालन करें, सरकारी वेबसाइट से सही जानकारी लें और बिचौलियों से सावधान रहें। तभी आप अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीन को सुरक्षित रख पाएंगे।

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