जमीन रजिस्ट्री की डीड अब घर बैठे, नहीं पड़ेगी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने की जरूरत

अगर आप भी जमीन के मालिक हैं या आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है, तो रजिस्ट्री डीड (Registry Deed) आपके लिए सबसे जरूरी दस्तावेज है। पहले इसके लिए तहसील, कोर्ट या कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब सरकार ने इसे ऑनलाइन कर दिया है। अब आप अपनी जमीन की रजिस्ट्री कॉपी घर बैठे निकाल सकते हैं — बिना किसी दलाल या वकील के।

क्या है रजिस्ट्री डीड और क्यों जरूरी है?

जब आप कोई जमीन या मकान खरीदते हैं, तो उसके मालिकाना हक को कानूनी मान्यता देने के लिए रजिस्ट्री डीड बनती है। इसे ही Sale Deed या Registry Copy भी कहा जाता है।
 यह आपके नाम जमीन के ट्रांसफर का कानूनी सबूत होता है।
 बैंक लोन लेने, जमीन बेचने या विरासत के मामले में यह दस्तावेज जरूरी होता है।
 रजिस्ट्री डीड न होने पर आप प्रॉपर्टी विवाद में फंस सकते हैं।

पहले कैसे मिलती थी रजिस्ट्री कॉपी?

पहले आपको तहसील ऑफिस, सब-रजिस्ट्रार कार्यालय या कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे। लाइन लगाना, फॉर्म भरना और दलालों की फीस देना आम बात थी। कई बार आपको सिर्फ एक कॉपी पाने के लिए कई दिन लग जाते थे।

अब क्या बदला है?

अब डिजिटल इंडिया के तहत राज्य सरकारों ने जमीन की रजिस्ट्री डीड ऑनलाइन उपलब्ध करा दी है।
 कई राज्यों में Land Records की वेबसाइट है।
 आप केवल खाता नंबर, रजिस्ट्री नंबर या खसरा नंबर डालकर डीड डाउनलोड कर सकते हैं।
 घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप से इसे PDF में निकाल सकते हैं।

कौन-कौन सी वेबसाइट्स पर मिलती है ऑनलाइन रजिस्ट्री?

अलग-अलग राज्यों के लिए अलग वेबसाइट होती हैं। जैसे:
 उत्तर प्रदेश – Bhulekh UP
 बिहार – Bihar Bhumi
 मध्य प्रदेश – MP Bhulekh
 राजस्थान – Apna Khata
 महाराष्ट्र – Mahabhulekh
 हरियाणा – Jamabandi Haryana

घर बैठे रजिस्ट्री डीड कैसे निकालें? जानें आसान तरीका

अब जानिए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस:

स्टेप 1: अपने राज्य की Land Records वेबसाइट खोलें।
स्टेप 2: “View Registry” या “Download Deed” ऑप्शन पर जाएं।
स्टेप 3: खसरा नंबर, खाता नंबर या रजिस्ट्री नंबर डालें।
स्टेप 4: मालिक का नाम और गांव/तहसील चुनें।
स्टेप 5: जानकारी सही होने पर PDF फाइल डाउनलोड करें।
स्टेप 6: आप चाहें तो इसे प्रिंट भी कर सकते हैं।

क्या ऑनलाइन डीड मान्य होती है?

जी हां! ऑनलाइन डाउनलोड की गई रजिस्ट्री डीड सरकारी रिकॉर्ड से ही आती है।
 यह कोर्ट और बैंक में मान्य होती है।
 आप इसे सबूत के तौर पर पेश कर सकते हैं।
 जरूरत पड़ने पर नजदीकी CSC सेंटर से भी सर्टिफाइड कॉपी निकलवा सकते हैं।

घर बैठे रजिस्ट्री निकालने के फायदे

 समय और पैसे की बचत – न दलाल की जरूरत, न बार-बार ऑफिस जाने की।
 24×7 सुविधा – कभी भी, कहीं से भी डाउनलोड करें।
 पारदर्शिता – कोई घूसखोरी या फर्जीवाड़ा नहीं।
 झंझट मुक्त प्रक्रिया – पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित और ऑनलाइन।

कौन-कौन से दस्तावेज लगते हैं?

ऑनलाइन रजिस्ट्री निकालने के लिए आम तौर पर आपको ये जानकारी चाहिए:
 खसरा नंबर या खाता नंबर
 रजिस्ट्री नंबर
 गांव/तहसील का नाम
 मालिक का नाम
कई पोर्टल पर OTP वेरिफिकेशन या आधार लिंकिंग से भी डीड डाउनलोड होती है।

क्या पुरानी रजिस्ट्री भी मिल सकती है?

जी हां! आप अपनी पुरानी जमीन रजिस्ट्री कॉपी भी ऑनलाइन निकाल सकते हैं। कई पोर्टल पर 1950 से अब तक का डेटा डिजिटल है। अगर ऑनलाइन नहीं दिख रहा तो आप नजदीकी तहसील या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस में आवेदन देकर डिजिटल कॉपी मंगवा सकते हैं।

जमीन रजिस्ट्री निकालते समय रखें ये सावधानी

 वेबसाइट पर सही जानकारी भरें, गलत नंबर डालने से रिकॉर्ड नहीं मिलेगा।
 कभी भी किसी दलाल को पासवर्ड या OTP न दें।
 सरकारी पोर्टल ही इस्तेमाल करें, किसी फर्जी लिंक पर डिटेल न भरें।
 डाउनलोड की गई कॉपी को PDF में सुरक्षित रखें।

घर बैठे रजिस्ट्री निकालना क्यों जरूरी है?

कई बार प्रॉपर्टी विवाद, बैंक लोन या विरासत ट्रांसफर के समय पुराने पेपर खो जाते हैं। ऐसे में बार-बार कचहरी जाना मुश्किल होता है। ऑनलाइन सुविधा से आप अपनी जमीन से जुड़े रिकॉर्ड खुद देख और डाउनलोड कर सकते हैं। इससे धोखाधड़ी भी कम होती है।

निष्कर्ष

अब दौर बदल गया है। पहले जहां जमीन की रजिस्ट्री कॉपी के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे, वहीं अब आप इसे घर बैठे अपने मोबाइल से निकाल सकते हैं। सरकारी पोर्टल्स ने यह काम बेहद आसान बना दिया है। आप भी अगर अपनी जमीन की रजिस्ट्री डीड पाना चाहते हैं तो एक बार राज्य की Land Records वेबसाइट पर जरूर जाएं और झंझट मुक्त डिजिटल सुविधा का फायदा उठाएं।

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