भैंस पालने वालों को केंद्र सरकार की तरफ से ₹1.81 लाख तक की सब्सिडी, जानिए प्रक्रिया

देश के ग्रामीण और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार भैंस पालन (Buffalo Rearing) को बढ़ावा देने के लिए किसानों और पशुपालकों को ₹1.81 लाख तक की सब्सिडी दे रही है। यह योजना डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme – DEDS) के तहत चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य डेयरी सेक्टर को मजबूत बनाना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।

अगर आप भी भैंस पालने की योजना बना रहे हैं, तो यह स्कीम आपके लिए एक सुनहरा मौका है। आइए जानते हैं इस योजना की पूरी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और पात्रता शर्तें।

योजना का नाम और उद्देश्य

  • योजना का नाम: डेयरी उद्यमिता विकास योजना (DEDS)

  • प्रारंभ: केंद्र सरकार द्वारा NABARD (नाबार्ड) के माध्यम से

  • उद्देश्य: दूध उत्पादन को बढ़ावा देना, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन, पशुपालन को लाभकारी व्यवसाय बनाना

 कितनी सब्सिडी मिलेगी?

केंद्र सरकार इस योजना के तहत भैंस पालने पर ₹1.81 लाख तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है। सब्सिडी राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी भैंसें पालने की योजना बना रहे हैं और आपका कुल निवेश कितना है।

उदाहरण:

यदि कोई व्यक्ति 2 दुधारू भैंसें खरीदता है और ₹4.5 लाख तक का निवेश करता है, तो उसे कुल लागत का लगभग 33% तक सब्सिडी मिल सकती है:

  • SC/ST श्रेणी के लिए: 33% तक सब्सिडी

  • अन्य श्रेणियों के लिए: 25% तक सब्सिडी

कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्न पात्रता आवश्यक है:

  1. उम्र: आवेदक की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए

  2. नागरिकता: भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है

  3. पहली बार लाभार्थी: जिन लोगों ने पहले यह सब्सिडी नहीं ली हो

  4. डेयरी व्यवसाय करने की योजना: भैंस पालने का इरादा या प्रारंभिक योजना होनी चाहिए

  5. भूमि या पशुशाला की व्यवस्था: पशुओं को रखने के लिए उपयुक्त स्थान

जरूरी दस्तावेज

इस योजना के लिए आवेदन करते समय नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  • आधार कार्ड

  • पैन कार्ड

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • जाति प्रमाण पत्र (यदि SC/ST में आते हैं)

  • बैंक पासबुक या कैंसल चेक

  • स्थान की स्वामित्व या किरायेदारी का प्रमाण

  • भैंस पालन की योजना या प्रस्ताव

  • वैध मोबाइल नंबर

आवेदन की प्रक्रिया

Step 1: योजना की जानकारी प्राप्त करें

नजदीकी बैंक या नाबार्ड कार्यालय से योजना के बारे में जानकारी लें।

Step 2: आवेदन फॉर्म भरें

डेयरी यूनिट योजना के लिए निर्धारित प्रोजेक्ट रिपोर्ट और आवेदन फॉर्म भरें।

Step 3: बैंक में सबमिट करें

सभी जरूरी दस्तावेजों और योजना प्रस्ताव के साथ आवेदन बैंक में जमा करें। बैंक प्रस्ताव की समीक्षा करेगा और आगे NABARD को भेजेगा।

Step 4: लोन मंजूरी

बैंक आपको योजना के लिए लोन स्वीकृत करेगा।

Step 5: सब्सिडी स्वीकृति

NABARD से स्वीकृति मिलने के बाद सब्सिडी राशि आपके लोन अकाउंट में सीधे जमा कर दी जाएगी।

योजना के प्रमुख लाभ

  1. सरकारी सहायता से भैंस पालन आसान

  2. कम निवेश में अधिक कमाई का मौका

  3. रोजगार का सशक्त जरिया

  4. SC/ST वर्ग को अतिरिक्त सब्सिडी

  5. NABARD द्वारा सुरक्षित प्रक्रिया

भैंस पालन से जुड़ी खास बातें

  • एक दुधारू भैंस से औसतन 8–10 लीटर दूध प्रतिदिन मिल सकता है

  • दूध को स्थानीय बाजार या डेयरी कंपनियों को बेचकर प्रतिदिन ₹300–500 की आमदनी हो सकती है

  • सरकारी पशु चिकित्सा सहायता भी मुफ्त या रियायती दरों पर उपलब्ध होती है

  • गोबर से बायोगैस और जैविक खाद भी तैयार कर सकते हैं

सलाह: भैंस पालन कैसे करें सफल

  1. सही नस्ल का चयन करें: मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाणा जैसी दुधारू नस्लें चुनें

  2. पशुशाला की साफ-सफाई पर ध्यान दें

  3. पौष्टिक आहार और नियमित टीकाकरण करवाएं

  4. दूध संग्रहण और बिक्री की पुख्ता व्यवस्था रखें

  5. स्थानीय पशु चिकित्सक से समय-समय पर सलाह लें

 निष्कर्ष

यदि आप भैंस पालन को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में शुरू करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए शानदार मौका है। सरकार की तरफ से ₹1.81 लाख तक की सब्सिडी मिलने से आपकी लागत कम हो जाएगी और लाभ ज्यादा मिलेगा।

भैंस पालें, दूध बेचें और सरकारी सहायता से कमाएं मोटा मुनाफा। अभी आवेदन करें और इस योजना का पूरा लाभ उठाएं।

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