आजकल पर्सनल लोन लेना बेहद आसान हो गया है। नौकरीपेशा लोग, बिजनेस करने वाले या अचानक पैसे की ज़रूरत पड़ने पर लोग बिना किसी गारंटी के पर्सनल लोन ले लेते हैं। लेकिन जब समय पर EMI नहीं चुकाई जाती या लोन डिफॉल्ट हो जाता है, तो बैंक या वित्तीय संस्थाएं सख्त कार्रवाई कर सकती हैं।
अगर आप या कोई जानने वाला पर्सनल लोन नहीं चुका पा रहा है, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ज़रूरी है। यहां हम आपको विस्तार से बताएंगे कि बैंक क्या कदम उठा सकता है, कौन-कौन सी कानूनी प्रक्रिया होती है, और एक कर्ज़दार के क्या अधिकार होते हैं।
पर्सनल लोन न चुकाने की स्थिति क्या होती है?
जब कोई व्यक्ति बैंक से लिए गए पर्सनल लोन की किस्तें (EMIs) लगातार 3 महीने या उससे अधिक समय तक नहीं चुकाता है, तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर सकता है।
इस स्थिति में बैंक आपके खिलाफ वसूली (Recovery) और कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकता है।
बैंक क्या-क्या कर सकता है अगर लोन नहीं चुकाया गया?
1. CIBIL स्कोर को कर देगा खराब
लोन न चुकाने पर सबसे पहला असर आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है।
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स्कोर 300 तक गिर सकता है।
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भविष्य में कोई भी बैंक या NBFC लोन देने से इंकार कर सकता है।
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क्रेडिट कार्ड अप्रूवल भी मुश्किल हो जाता है।
2. वसूली एजेंट भेज सकता है
बैंक रिकवरी के लिए एजेंट्स नियुक्त करता है, जो बार-बार कॉल, ईमेल, मैसेज या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं।
हालांकि, RBI के नियमों के अनुसार, रिकवरी एजेंट:
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आपको सुबह 7 बजे से पहले या रात 7 बजे के बाद संपर्क नहीं कर सकते।
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डराने-धमकाने या अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
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महिलाओं से बात करने के लिए महिला एजेंट ही भेजा जाना चाहिए।
3. लीगल नोटिस भेज सकता है
अगर आप बार-बार रिकवरी कॉल्स को इग्नोर करते हैं, तो बैंक आपको कानूनी नोटिस (Legal Notice) भेज सकता है।
इसमें लोन डिफॉल्ट की जानकारी और अंतिम तारीख तक भुगतान करने की चेतावनी होती है।
4. कोर्ट केस या डेब्ट रिकवरी ट्राइब्यूनल (DRT) में शिकायत
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बैंक आपके खिलाफ देय राशि की वसूली के लिए दीवानी केस (Civil Suit) कर सकता है।
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अगर लोन बड़ा है तो मामला सीधे DRT में भी जा सकता है।
5. गारंटर या को-एप्लीकेंट के खिलाफ भी कार्रवाई
अगर आपने लोन लेते समय किसी को गारंटर या को-एप्लीकेंट बनाया है, तो बैंक उनसे भी पैसा वसूल सकता है।
क्या बैंक आपके सामान को जब्त कर सकता है?
पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है यानी इसके लिए आपने कोई गारंटी (जैसे प्रॉपर्टी, गाड़ी, सोना) नहीं रखी होती।
इसलिए:
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बैंक सीधे आपकी संपत्ति को ज़ब्त नहीं कर सकता
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लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद सैलरी गार्निशमेंट (Salary Attachment) या बैंक अकाउंट फ्रीज़ कराया जा सकता है।
क्या आपको जेल हो सकती है?
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पर्सनल लोन न चुकाना दीवानी मामला (Civil Case) है, आपराधिक (Criminal) नहीं
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जब तक धोखाधड़ी या जानबूझकर फर्जी दस्तावेजों से लोन न लिया गया हो, तब तक जेल नहीं हो सकती
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लेकिन कोर्ट समन भेज सकता है और आपकी अनुपस्थिति में वारंट भी जारी हो सकता है
कर्ज़दार के अधिकार (Borrower Rights)
सम्मानपूर्वक व्यवहार का अधिकार
RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंक और उसके एजेंट आपको डराने-धमकाने या गाली-गलौज नहीं कर सकते।
वसूली प्रक्रिया की जानकारी
बैंक को आपको पहले से वसूली की पूरी प्रक्रिया और बकाया रकम की जानकारी देनी होती है।
शिकायत दर्ज कराने का अधिकार
अगर कोई रिकवरी एजेंट गलत व्यवहार करता है, तो आप RBI या बैंक की ग्रेविएंस सेल में शिकायत कर सकते हैं।
लोन पुनर्गठन (Loan Restructuring) का अधिकार
अगर आप अस्थायी रूप से भुगतान नहीं कर पा रहे, तो आप बैंक से EMI कम करने, समय बढ़ाने या री-स्केड्यूलिंग की मांग कर सकते हैं।
क्या करें अगर EMI नहीं भर पा रहे?
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बैंक से संपर्क करें – समस्या बताएं और लोन को फिर से शेड्यूल कराने की कोशिश करें।
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पार्ट पेमेंट करें – जितना भी संभव हो उतनी राशि जमा करें, इससे डिफॉल्ट नहीं लगेगा।
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गारंटर की मदद लें – गारंटर के माध्यम से बात बन सकती है।
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क्रेडिट काउंसलिंग लें – कुछ एनजीओ और संस्थाएं वित्तीय सलाह देती हैं।
निष्कर्ष
पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर बैंक आपके खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर सकता है, जैसे कि CIBIL स्कोर डाउन करना, लीगल नोटिस भेजना, कोर्ट केस करना और गारंटर से रिकवरी करना। हालांकि, बैंक सीधे आपकी संपत्ति नहीं जब्त कर सकता और जेल भेजना भी आखिरी विकल्प होता है।
अगर आप भी लोन चुकाने में असमर्थ हैं, तो समय रहते बैंक से बातचीत करें और समाधान खोजें। याद रखें – समस्या से भागना नहीं, बल्कि समझदारी से समाधान निकालना ही सही रास्ता है।