दादा की मौत के बाद पोते को कैसे मिलेगा हक, जानिए पैतृक संपत्ति पर कानूनी नियम और प्रक्रिया – ancestral property claim by grandson

भारत में पैतृक संपत्ति को लेकर सबसे अधिक विवाद तब सामने आते हैं जब दादा की मृत्यु हो जाती है और पोता अपनी हिस्सेदारी का दावा करता है। ऐसे मामलों में लोग अक्सर यह नहीं जानते कि कब, कैसे और किस आधार पर पोते को दादा की संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है। यह आर्टिकल इसी विषय को सरल भाषा में स्पष्ट करता है।

पैतृक संपत्ति क्या होती है?

सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) क्या है। कानून के अनुसार, पैतृक संपत्ति वह होती है:

इसमें दादा की संपत्ति, जो उन्होंने अपने पिता से पाई थी और जिसका बंटवारा नहीं हुआ हो — वो पोते के लिए पैतृक संपत्ति मानी जाएगी।

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क्या पोते को पैतृक संपत्ति में हक मिलता है?

हां, अगर संपत्ति पैतृक है, तो पोता जन्म से ही उसका सह-स्वामी (coparcener) बन जाता है।

क्या स्व-अर्जित संपत्ति में भी पोते का अधिकार होता है?

नहीं, यदि संपत्ति दादा की स्व-अर्जित (Self-Acquired) है, तो:

पैतृक संपत्ति में हिस्सा पाने की प्रक्रिया

यदि संपत्ति पैतृक है और पोता उसमें अपना हिस्सा पाना चाहता है, तो उसे निम्न प्रक्रिया अपनानी चाहिए:

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चरण विवरण
1️⃣ संपत्ति का रिकॉर्ड देखें – ज़मीन/मकान रजिस्ट्रेशन की जांच करें
2️⃣ परिवार की वंशावली (Family Tree) तैयार करें
3️⃣ पैतृक संपत्ति का सबूत इकट्ठा करें – जैसे दादा के नाम दस्तावेज
4️⃣ लीगल नोटिस भेजें अन्य कोपार्सनर्स को
5️⃣ कोर्ट में ‘Partition Suit’ दाखिल करें अगर सहमति न बने

 कौन-कौन होता है कोपार्सनर?

इन सभी को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार कोपार्सनर माना जाता है।

कोर्ट में दावा कैसे करें?

यदि परिवार में सहमति नहीं बनती है, तो पोता दीवानी न्यायालय (Civil Court) में Partition Suit फाइल कर सकता है।

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ज़रूरी दस्तावेज़:

 वसीयत होने पर क्या होता है?

अगर दादा ने वसीयत (Will) बनाई है और उसमें पोते को शामिल नहीं किया, तो:

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या पोती को भी दादा की संपत्ति में हक है?
       हां, 2005 के संशोधन के बाद बेटी और पोती दोनों को बराबर अधिकार है।

Q2. अगर दादा के बाद पिता जीवित हैं तो क्या पोता हक मांग सकता है?
      अगर संपत्ति पैतृक है, तो पिता के जीवित रहते भी पोता को अधिकार होता है।

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Q3. कोर्ट में केस कब फाइल करें?
       जब परिवार में बंटवारे पर सहमति न हो और पोता अपने हिस्से से वंचित हो रहा हो।

निष्कर्ष

दादा की मृत्यु के बाद पोता यदि पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा लेना चाहता है, तो उसे कानूनी रूप से पूरा हक है। इसके लिए वह दस्तावेज़ तैयार करे, परिवार से बात करे, और जरूरत पड़ने पर कोर्ट का सहारा ले। स्व-अर्जित संपत्ति में अधिकार केवल तभी संभव है जब वसीयत या उत्तराधिकार नियमों से वह पात्र हो।

याद रखें: हर केस अलग हो सकता है, इसलिए सही कानूनी सलाह लेना ज़रूरी है।

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