देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एक बार फिर से अपने ग्राहकों को झटका दिया है। इस बार झटका उन लोगों को लगा है जो अपनी मेहनत की कमाई को सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश कर सुरक्षा और बेहतर रिटर्न की उम्मीद करते हैं। बैंक ने अपनी ब्याज दरों में कटौती कर दी है, जिससे लाखों ग्राहकों को सीधा नुकसान होगा।
SBI ने कितनी घटाई ब्याज दरें?
SBI ने हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि:
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सेविंग अकाउंट पर अब केवल 2.70% वार्षिक ब्याज मिलेगा (पहले की दर 3.00% थी)।
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वहीं, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरें भी कुछ अवधि के लिए घटाई गई हैं।
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1 से 2 साल की FD पर ब्याज दर अब 6.50% से घटाकर 6.25% कर दी गई है।
यह दरें 15 जून 2025 से लागू हो चुकी हैं।
क्यों की गई ब्याज दरों में कटौती?
SBI की ब्याज दरों में कटौती का मुख्य कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति और बाजार में चल रहे ब्याज दरों का ट्रेंड है। बैंकिंग सेक्टर में लिक्विडिटी अधिक होने के कारण बैंक को ज्यादा ब्याज देने की जरूरत नहीं पड़ रही है। इसके अलावा:
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महंगाई नियंत्रण में रखने के लिए
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मार्केट की स्थिरता बनाए रखने के लिए
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निवेश को बाजार की ओर मोड़ने के लिए
ब्याज दरों में यह कटौती की गई है।
सेविंग अकाउंट होल्डर्स पर असर
सेविंग अकाउंट एक ऐसा जरिया होता है जिसमें आम आदमी अपने दैनिक खर्चों से अलग पैसे जमा करता है। SBI की नई ब्याज दरों के चलते:
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ग्राहकों को सालाना ब्याज में करीब 10-15% की गिरावट देखने को मिलेगी।
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छोटे बचत करने वालों की कमाई में सीधी कटौती होगी।
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ईएमआई कटौती या इंश्योरेंस प्रीमियम देने के लिए रखी राशि पर भी असर पड़ेगा।
FD निवेशकों पर क्या असर होगा?
FD यानी Fixed Deposit को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, खासकर सीनियर सिटीजन और मिडिल क्लास के लिए। SBI की ब्याज कटौती से:
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FD से मिलने वाला वार्षिक रिटर्न घट जाएगा
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लॉन्ग टर्म निवेश की लाभप्रदता पर असर पड़ेगा
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सीनियर सिटीजन के लिए उपलब्ध अतिरिक्त ब्याज दर में भी मामूली बदलाव संभव है
क्या करना चाहिए अब?
1. ब्याज दरों की तुलना करें
अन्य बैंकों जैसे HDFC, ICICI, Axis Bank, और कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक अब भी अधिक ब्याज दे रहे हैं। तुलना करें और FD या सेविंग अकाउंट शिफ्ट करने पर विचार करें।
2. अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट पर नजर
अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं, तो म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, PPF, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करें।
3. FD Laddering अपनाएं
FD को एक साथ बड़ी रकम में निवेश करने के बजाय उसे अलग-अलग अवधि में बांटकर निवेश करें ताकि ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का असर कम हो।
सीनियर सिटीजन पर असर
सीनियर सिटीजन, जो अपनी पेंशन या रिटायरमेंट सेविंग्स को FD में रखते हैं, उन्हें भी इस फैसले से नुकसान होगा। SBI भले ही उन्हें कुछ अतिरिक्त ब्याज दे, लेकिन घटती दरों के चलते उनका मंथली रिटर्न कम हो जाएगा।
SBI ने क्यों लिया ये फैसला?
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बैंक का कहना है कि ब्याज दरों को मार्केट के अनुसार तर्कसंगत करना जरूरी है।
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RBI की रेपो रेट स्थिर होने या घटने पर भी बैंक अपनी नीति को उसी दिशा में समायोजित करता है।
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इस समय SBI के पास अधिक डिपॉजिट हैं, जिससे लोन देने की जरूरत कम पड़ रही है।
निष्कर्ष
SBI द्वारा सेविंग अकाउंट और FD पर ब्याज दरों में कटौती से आम ग्राहकों की आमदनी पर असर जरूर पड़ेगा, लेकिन यह फैसला बाजार की मजबूरियों और RBI की नीति के तहत लिया गया है। ऐसे में ग्राहकों को चाहिए कि वे ब्याज दरों की तुलना करें, विकल्प खोजें, और अपने पैसे का बुद्धिमानी से निवेश करें।
सरकार की कई योजनाएं और बैंकिंग विकल्प ऐसे हैं जो छोटे निवेशकों को बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए जानकारी और प्लानिंग जरूरी है।