बदल गए किराए के नियम! अब मकान किराए पर देने से पहले सोचना पड़ेगा

भारत में मकान किराए पर देना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा। सरकार ने हाल ही में किरायेदारी से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे मकान मालिक और किरायेदार दोनों को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहना होगा। अगर आप भी अपने घर को किराए पर देने की सोच रहे हैं, तो इन नए नियमों को जानना बेहद जरूरी है, वरना छोटी सी गलती आपको भारी नुकसान या कानूनी परेशानी में डाल सकती है।

क्यों बदले गए किराएदारी के नियम?

पिछले कुछ वर्षों में किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच विवादों की संख्या बढ़ती जा रही थी। बिना एग्रीमेंट, पुलिस वेरिफिकेशन के बिना किरायेदार रखना, किराया ना देना, या घर खाली न करना जैसे कई मामले सामने आ रहे थे। इन्हीं कारणों से सरकार ने Model Tenancy Act 2021 और उससे जुड़े दिशा-निर्देशों के जरिए किरायेदारी के नियमों में बदलाव किया।

नए किरायेदारी नियमों के प्रमुख बिंदु

1. बिना एग्रीमेंट अब किराए पर नहीं मिलेगा मकान

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना लिखित किराया समझौते (Rent Agreement) के अब किसी को भी किराए पर मकान देना अवैध माना जाएगा। एग्रीमेंट में किराया राशि, अवधि, रख-रखाव की शर्तें, और अन्य जरूरी बातें स्पष्ट होनी चाहिए।

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2. पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य

अब मकान मालिक को किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है। ऐसा न करने पर कोई अपराध होने की स्थिति में मकान मालिक भी कानूनी रूप से दोषी माना जा सकता है।

3. डिजिटल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन

कई राज्यों में किरायेदार और मकान मालिक दोनों के लिए डिजिटल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे ट्रांसपेरेंसी बनी रहे।

4. सुरक्षा राशि (Security Deposit) की सीमा

नए नियमों के अनुसार, मकान मालिक अधिकतम दो महीने का किराया बतौर सिक्योरिटी डिपॉजिट ले सकता है (गैर-आवासीय संपत्ति के लिए यह सीमा 6 महीने है)।

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5. बिना नोटिस घर खाली नहीं कराया जा सकता

मकान मालिक अब बिना उचित नोटिस (आमतौर पर 3 महीने) के किरायेदार को जबरन घर खाली करने को नहीं कह सकता।

6. भवन रखरखाव की जिम्मेदारी

नए नियमों में मकान मालिक और किरायेदार दोनों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। मकान की बड़ी मरम्मत का जिम्मा मालिक का है जबकि छोटे-मोटे रखरखाव किरायेदार को करना होगा।

मकान मालिकों के लिए क्या है जरूरी?

किरायेदारों के लिए क्या है जरूरी?

क्या होगा नियमों का उल्लंघन करने पर?

यदि कोई मकान मालिक या किरायेदार इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो:

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राज्य सरकारों की भूमिका

हालांकि Model Tenancy Act एक केंद्रीय कानून है, लेकिन इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। हर राज्य ने इसमें थोड़े-बहुत बदलाव करके अपनी स्थिति के अनुसार इसे अपनाया है। जैसे:

मकान किराए पर देने से पहले करें ये 5 जरूरी काम

  1. पूरा Rent Agreement तैयार करें और रजिस्टर्ड करवाएं।

  2. किरायेदार का आधार कार्ड, पहचान पत्र लें और पुलिस वेरिफिकेशन करवाएं।

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  3. किराया, जमा राशि, अवधि आदि को लिखित रूप में स्पष्ट करें।

  4. घर की फोटो/वीडियो पहले से रिकॉर्ड रखें।

  5. घर खाली कराने के लिए उचित नोटिस दें और कानून का पालन करें।

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निष्कर्ष

अब मकान किराए पर देना उतना सरल नहीं रहा जितना पहले था। नए नियम मकान मालिक और किरायेदार दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं, ताकि विवादों से बचा जा सके। यदि आप मकान मालिक हैं, तो आपको कानूनी रूप से पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना जरूरी है। वरना छोटी सी गलती बड़ी कानूनी झंझट में बदल सकती है। इसलिए, हर कदम सोच-समझकर और नियमों के अनुसार उठाएं।

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