देश के लाखों कारोबारियों और जीएसटी करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर केंद्र सरकार और जीएसटी नेटवर्क (GSTN) की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। अब 1 जुलाई 2025 से पुराने GST रिटर्न फाइल करने की सुविधा समाप्त कर दी जाएगी। यह फैसला उन लोगों को खासतौर पर प्रभावित करेगा जिन्होंने किसी कारणवश पुराने वर्षों का GST रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं किया है।
आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कि यह नया नियम क्या है, किसे इसका असर होगा, कितने साल पुराने रिटर्न फाइल नहीं होंगे और कारोबारियों को अब क्या कदम उठाने चाहिए।
नया नियम क्या कहता है?
GSTN ने स्पष्ट किया है कि 1 जुलाई 2025 से GST पोर्टल पर केवल पिछले 3 साल तक के रिटर्न ही दाखिल किए जा सकेंगे। यानी यदि आपने जुलाई 2017 से अप्रैल 2022 तक का कोई रिटर्न नहीं भरा है, तो अब उसे फाइल करने की सुविधा खत्म हो जाएगी।
यह निर्णय टेक्निकल सुधार और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। इससे पोर्टल पर डेटा लोड कम होगा और रियल टाइम फाइलिंग को प्राथमिकता मिलेगी।
किन-किन रिटर्न पर पड़ेगा असर?
निम्नलिखित प्रकार के रिटर्न अब सीमित समय तक ही फाइल किए जा सकेंगे:
-
GSTR-1 (आउटवर्ड सप्लाई)
-
GSTR-3B (मासिक समरी रिटर्न)
-
GSTR-4 (कंपोजिशन स्कीम करदाताओं के लिए)
-
GSTR-9 / 9A (वार्षिक रिटर्न)
यदि इन रिटर्न्स को निर्धारित सीमा (3 साल) के बाद फाइल नहीं किया गया है, तो 1 जुलाई 2025 के बाद वो पोर्टल पर एक्सेस नहीं होंगे और न फाइल होंगे, न संशोधित।
क्यों लिया गया ये फैसला?
इस नियम के पीछे कई कारण हैं:
-
डेटा कंसोलिडेशन: पुराने रिटर्न की लगातार फाइलिंग से पोर्टल पर भारी लोड होता है।
-
अनावश्यक डिले रोकना: कई लोग जानबूझकर पुराने रिटर्न लेट फाइल करते हैं और इसका दुरुपयोग करते हैं।
-
क्लियर रेकॉर्ड मेनटेनेंस: सरकार अब एक तय सीमा के भीतर ही कर दायित्व तय करना चाहती है।
-
टैक्स चोरी पर लगाम: पुराने रिटर्न फाइल कर के फर्जी ITC क्लेम रोकना।
कितने साल पुराने GST रिटर्न नहीं भर सकेंगे?
सरकार की नई नीति के अनुसार:
-
3 साल से ज्यादा पुराने GST रिटर्न को फाइल नहीं किया जा सकेगा।
-
उदाहरण: अगर आप जुलाई 2025 में कोई रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, तो जुलाई 2022 से पहले के रिटर्न अब उपलब्ध नहीं होंगे।
-
इससे पहले के सभी पेंडिंग रिटर्न “लॉक” कर दिए जाएंगे।
इससे किन करदाताओं पर पड़ेगा असर?
-
छोटे और मिडियम एंटरप्राइजेज (SMEs)
-
कंपोजिशन स्कीम वाले व्यापारी
-
जो विदेश यात्रा या बीमारी के कारण समय पर फाइलिंग नहीं कर सके
-
टैक्स कंसल्टेंसी में देरी करने वाले फर्म्स
इन व्यापारियों को खास सतर्क रहने की जरूरत है ताकि आगे चलकर भारी पेनाल्टी या इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की समस्या न हो।
क्या नुकसान हो सकते हैं?
यदि आपने पुराने GST रिटर्न अभी तक नहीं भरे हैं और 1 जुलाई से पहले भी नहीं भरते, तो आपको:
-
भारी जुर्माना (Late fee + Interest)
-
ITC क्लेम का नुकसान
-
बैंक लोन, टेंडर, वित्तीय ऑडिट में परेशानी
-
जीएसटी नंबर कैंसिल होने का खतरा
अब क्या करना चाहिए?
-
1 जुलाई 2025 से पहले पुराने सभी रिटर्न तुरंत फाइल करें।
-
अपने CA या टैक्स कंसल्टेंट से संपर्क करें और लंबित फाइलिंग पूरी करें।
-
GST पोर्टल लॉगइन कर लंबित GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-9 आदि की जांच करें।
-
अगर कोई टेक्निकल गलती है, तो हेल्पडेस्क से संपर्क करें।
-
आगे से समय पर फाइलिंग करें ताकि भविष्य में परेशानी न हो।
सरकार की सलाह
CBIC और GSTN की ओर से पहले ही सभी करदाताओं को ईमेल, SMS और पोर्टल नोटिफिकेशन के माध्यम से अलर्ट भेजा जा रहा है ताकि वे समय रहते फाइलिंग पूरी कर लें। साथ ही, GST पोर्टल पर ‘Pending Returns’ नाम से एक सेक्शन दिया गया है जहां आप देख सकते हैं कि कितने रिटर्न अभी बाकी हैं।
निष्कर्ष
“1 जुलाई से लागू नया नियम – इतने साल पुराने GST रिटर्न नहीं भर सकेंगे” एक महत्वपूर्ण और चेतावनी देने वाली खबर है, खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए जो GST फाइलिंग को लेकर ढिलाई बरतते हैं। इस फैसले से साफ है कि सरकार अब GST सिस्टम को और ज्यादा सख्त, पारदर्शी और डिजिटल बनाना चाहती है।
अगर आपने पुराने GST रिटर्न फाइल नहीं किए हैं, तो 1 जुलाई 2025 से पहले जल्दी से जल्दी इस प्रक्रिया को पूरा करें, नहीं तो आपको आर्थिक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।