भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण और सुंदर रेलवे रूट में से एक कटरा से श्रीनगर तक की यात्रा अब और भी आसान हो गई है। हाल ही में इस रूट पर पहली बार नियमित ट्रेन सेवा शुरू कर दी गई है, जो दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज – चिनाब ब्रिज – से होकर गुजरती है। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है, बल्कि अब यह जम्मू-कश्मीर की कनेक्टिविटी को पूरी तरह बदलने जा रहा है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कटरा से श्रीनगर तक की ट्रेन यात्रा में क्या-क्या खास है, चिनाब ब्रिज की विशेषताएं क्या हैं, रूट की पूरी डिटेल क्या है, और यह कैसे आम यात्रियों के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
कटरा-श्रीनगर रेलवे रूट: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
भारतीय रेलवे की यह परियोजना उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) के तहत बनाई गई है। यह रूट कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से स्थायी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
इस रूट की मुख्य बातें:
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कुल दूरी: लगभग 272 किलोमीटर
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प्रमुख स्टेशन: कटरा, रियासी, बनिहाल, काजीगुंड, श्रीनगर
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निर्माण काल: 2005 से लेकर 2024 तक
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कुल सुरंगें: 38 (कुल लंबाई 119 किलोमीटर)
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कुल पुल: 927 छोटे-बड़े पुल
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सबसे महत्वपूर्ण: चिनाब ब्रिज (दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज)
ट्रेन सेवा शुरू – यात्रियों को बड़ा तोहफा
अब तक जम्मू-कश्मीर में केवल बनिहाल से बारामुला तक ही ट्रेन चलती थी। कटरा से बनिहाल के बीच लिंक नहीं था। लेकिन अब पहली बार, कटरा से श्रीनगर तक सीधी ट्रेन सेवा शुरू की गई है, जिससे लोगों को सड़क मार्ग की असुविधा से राहत मिलेगी।
इस सेवा के लाभ:
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यात्रा का समय 12 घंटे से घटकर 6-7 घंटे हो गया है।
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बर्फबारी और भूस्खलन के दौरान भी ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।
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यात्रियों को सुरक्षित, सस्ती और सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।
चिनाब ब्रिज: दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज
चिनाब ब्रिज इस रूट का सबसे बड़ा आकर्षण है। यह ब्रिज रियासी जिले में चिनाब नदी पर बना है और इसकी ऊँचाई एफिल टावर से भी ज्यादा है।
विवरण | जानकारी |
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कुल लंबाई | 1,315 मीटर |
नदी से ऊँचाई | 359 मीटर |
निर्माण सामग्री | स्टील और कंक्रीट |
ब्रिज का प्रकार | Arch Bridge (आर्च ब्रिज) |
दुनिया में स्थान | सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज |
इंजीनियरिंग कंपनी | AFCONS Infrastructure |
चिनाब ब्रिज की विशेषताएं:
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266 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा भी झेलने की क्षमता
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भूकंप-रोधी डिजाइन
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ड्रोन और सेंसर्स से निगरानी
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100 साल तक सुरक्षित उपयोग योग्य
प्रमुख स्टेशन और दूरी
स्टेशन | दूरी (कटरा से) | अनुमानित समय |
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कटरा | 0 किमी | — |
रियासी | 40 किमी | 45 मिनट |
सलाल | 65 किमी | 1 घंटा 15 मिनट |
बनिहाल | 110 किमी | 2.5 घंटे |
काजीगुंड | 150 किमी | 3.5 घंटे |
श्रीनगर | 185 किमी | 4.5 से 5 घंटे |
अब ये सभी स्टेशन एक-दूसरे से रेलवे लाइन द्वारा जुड़े हुए हैं, जिससे आवागमन पहले से काफी आसान हो गया है।
इस प्रोजेक्ट के सामाजिक और आर्थिक लाभ
कटरा-श्रीनगर रेलवे रूट से न केवल कश्मीर के लोगों को फायदा होगा, बल्कि पूरे उत्तर भारत से जम्मू और कश्मीर की सीधी कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
फायदे:
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पर्यटन में बढ़ोत्तरी – कटरा (वैष्णो देवी) से श्रीनगर तक सीधा रेल मार्ग बनने से धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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व्यापारिक सुविधा – फल, सूखे मेवे, शॉल जैसे कश्मीरी उत्पाद अब आसानी से दूसरे राज्यों में पहुँच सकेंगे।
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रोज़गार के अवसर – रेलवे स्टेशन, लॉजिस्टिक हब और सपोर्ट सर्विसेज में रोजगार बढ़ेगा।
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सेना और आपात सेवाएं – जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बलों की तेज़ मूवमेंट संभव हो सकेगी।
कैसे करें यात्रा?
टिकट बुकिंग:
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IRCTC की वेबसाइट या ऐप से ऑनलाइन बुकिंग
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रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटर
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जन सुविधा केंद्र या रेल मित्र ऐप
ट्रेनों का समय:
ट्रेन नंबर और टाइमटेबल IRCTC पर उपलब्ध हैं। फिलहाल प्रारंभिक तौर पर यह सेवा दिन में दो बार शुरू की गई है।
किराया (अनुमानित):
क्लास | अनुमानित किराया (कटरा–श्रीनगर) |
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जनरल | ₹100–₹150 |
स्लीपर | ₹300–₹350 |
AC 3-Tier | ₹700–₹800 |
AC Chair Car | ₹600–₹700 |
निष्कर्ष
कटरा से श्रीनगर तक ट्रेन सेवा शुरू होना भारतीय रेलवे की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। न केवल यह कनेक्टिविटी को आसान बनाता है, बल्कि यह स्थानीय लोगों, तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों और व्यापारियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। चिनाब ब्रिज इस रूट को न केवल रोमांचक बनाता है, बल्कि भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक भी है।
अब श्रीनगर तक की यात्रा न केवल जल्दी होगी, बल्कि किफायती, सुरक्षित और मनमोहक भी।