अगर आप उत्तर प्रदेश में रहने वाले हैं और जल्द ही शादी करने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। यूपी सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब शादी का पंजीकरण पहले से थोड़ा अलग तरीके से होगा और कुछ नए दस्तावेज भी जरूरी कर दिए गए हैं। आइए जानते हैं नया नियम क्या है, क्या जरूरी दस्तावेज चाहिए और इससे आपको क्या फर्क पड़ेगा।
शादी रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है?
शादी के बाद उसका रजिस्ट्रेशन करवाना कानूनी रूप से बेहद जरूरी है। शादी रजिस्टर्ड होने से पति-पत्नी दोनों को कई कानूनी अधिकार मिलते हैं। इसके अलावा पासपोर्ट बनवाना हो, वीजा अप्लाई करना हो या बैंक और सरकारी योजनाओं का फायदा लेना हो — शादी का प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) जरूरी होता है।
पहले क्या था नियम?
पहले यूपी में शादी रजिस्ट्रेशन को लेकर लोगों में जागरूकता कम थी। लोग अक्सर रजिस्ट्रेशन को नजरअंदाज कर देते थे। कई बार पंचायत या मंदिर में शादी कर लेने को ही पर्याप्त माना जाता था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में ही सभी शादियों को रजिस्टर्ड करना अनिवार्य कर दिया था।
उत्तर प्रदेश में भी विवाह पंजीकरण अधिनियम लागू है, जिसके तहत शादी के 30 दिन के अंदर शादी रजिस्टर कराना जरूरी होता है। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता है।
नया नियम क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने शादी रजिस्ट्रेशन के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं ताकि फर्जी शादियों और धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके। नए नियमों के मुताबिक:
आधार लिंकिंग जरूरी: अब दूल्हा-दुल्हन दोनों के आधार कार्ड को शादी रजिस्ट्रेशन से लिंक करना होगा। इससे फर्जी पहचान का खतरा कम होगा।
गवाहों का सत्यापन: शादी रजिस्ट्रेशन के लिए गवाहों के दस्तावेज और मोबाइल नंबर भी सत्यापित किए जाएंगे।
डिजिटल रजिस्ट्रेशन: अब ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रेशन को और आसान बनाया गया है। OTP वेरिफिकेशन के बाद ही आवेदन पूरा माना जाएगा।
समयसीमा सख्त: शादी के 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। अगर देरी होती है तो जुर्माना देना होगा।
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
यूपी में शादी रजिस्ट्रेशन के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज तैयार रखने होंगे:
दूल्हा-दुल्हन का आधार कार्ड
आयु प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाणपत्र, हाई स्कूल सर्टिफिकेट)
एड्रेस प्रूफ (आधार, वोटर ID या पासपोर्ट)
पासपोर्ट साइज फोटो (दूल्हा-दुल्हन और दोनों गवाहों की)
शादी की फोटो या निमंत्रण पत्र
शादी का प्रमाण (पंडित/काजी द्वारा दिया गया प्रमाणपत्र)
दो गवाहों का ID प्रूफ और मोबाइल नंबर
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
उत्तर प्रदेश में शादी रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन करना बहुत आसान हो गया है। इसके लिए:
यूपी सरकार की igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
Marriage Registration सेक्शन में जाएं।
मांगी गई जानकारी भरें — नाम, पता, शादी की तारीख आदि।
दूल्हा-दुल्हन के आधार नंबर डालें और OTP से वेरिफाई करें।
जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
गवाहों की जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें।
फॉर्म सबमिट करें और रजिस्ट्रेशन शुल्क ऑनलाइन जमा करें।
आवेदन की रसीद को सुरक्षित रखें।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कहां होगा?
जो लोग ऑनलाइन आवेदन नहीं कर सकते वे अपने जिले के तहसील या नगर निगम कार्यालय में जाकर शादी रजिस्टर करवा सकते हैं। इसके लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेकर जरूरी दस्तावेज और गवाहों के साथ संबंधित अधिकारी के पास जाना होगा।
नियम बदलने से किसे होगा फायदा?
इन नए नियमों से सबसे बड़ा फायदा उन दंपतियों को होगा जो शादी को कानूनी रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं। आधार लिंकिंग और गवाह सत्यापन से फर्जी शादी, जबरन शादी या बहु विवाह जैसी धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी। इसके अलावा पासपोर्ट, वीजा या बैंक लोन जैसे कामों में शादी का प्रमाणपत्र और ज्यादा भरोसेमंद होगा।
नियम तोड़ने पर क्या होगा?
अगर कोई दंपति तय समय में शादी रजिस्टर्ड नहीं कराता तो उस पर जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा अगर दस्तावेज या पहचान फर्जी पाई गई तो शादी का प्रमाणपत्र रद्द किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
मैरिज सर्टिफिकेट के फायदे
विदेश यात्रा या वीजा के लिए जरूरी
बैंक या प्रॉपर्टी मामलों में कानूनी अधिकार मिलता है
तलाक या संपत्ति विवाद में मजबूत सबूत
महिला के अधिकारों की रक्षा
बच्चों की कानूनी मान्यता सुनिश्चित
लोगों को क्या करना चाहिए?
अगर आपकी शादी होने वाली है तो पहले से सभी दस्तावेज तैयार रखें। शादी के तुरंत बाद मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लें या तहसील ऑफिस में जाएं। गवाहों को भी पहले से सूचित कर दें ताकि कोई दिक्कत न हो।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में शादी रजिस्ट्रेशन के नियमों में बदलाव से अब प्रक्रिया और पारदर्शी और सख्त हो गई है। यूपी वालों के लिए अलर्ट! शादी रजिस्ट्रेशन के नियम अब बदल गए, इसलिए अगर आप भी जल्द शादी करने जा रहे हैं तो नए नियमों को ध्यान में रखकर ही पूरी प्रक्रिया पूरी करें। इससे भविष्य में किसी तरह की कानूनी परेशानी से बचा जा सकता है और आपके वैवाहिक जीवन को एक मजबूत कानूनी सुरक्षा मिलती है।