अगर आप भी ट्रेन में सफर करते हैं और लोअर बर्थ यानी नीचे की सीट लेना पसंद करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। रेलवे ने लोअर बर्थ अलॉटमेंट को लेकर नया नियम लागू किया है। अब लोअर बर्थ की सुविधा सबको नहीं मिलेगी बल्कि कुछ खास यात्रियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। आइए जानते हैं रेलवे का नया नियम क्या है, किसे फायदा होगा और किसे नहीं।
लोअर बर्थ क्यों जरूरी है?
भारतीय रेलवे में लोअर बर्थ हमेशा से ही सबसे ज्यादा डिमांड में रहती है। बुजुर्ग, महिला, मरीज या जिनके साथ छोटे बच्चे होते हैं — सबको यात्रा में नीचे की बर्थ पर सफर करना ज्यादा सुविधाजनक लगता है। ऊपर की सीट पर चढ़ना-उतरना बुजुर्गों या बीमार लोगों के लिए मुश्किल होता है। यही वजह है कि लोअर बर्थ की मांग हमेशा ज्यादा रहती है।
रेलवे का पुराना नियम क्या था?
पहले रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम में लोअर बर्थ अलॉटमेंट ऑटोमेटिक होता था। यानी अगर किसी यात्री ने बर्थ प्रिफरेंस में लोअर बर्थ मांगी तो सिस्टम सीट उपलब्ध होने पर उसे अलॉट कर देता था। हालांकि अक्सर ऐसा देखा गया कि जो लोग ज्यादा जरूरतमंद थे, उन्हें लोअर बर्थ नहीं मिल पाती थी। इसके चलते कई बार बुजुर्गों और महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान परेशानी झेलनी पड़ती थी।
नया नियम क्या कहता है?
रेलवे ने इस समस्या को देखते हुए अब लोअर बर्थ अलॉटमेंट के नियम में बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक अब लोअर बर्थ पहले उन यात्रियों को दी जाएगी जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है। इसके लिए रेलवे ने कुछ श्रेणियां तय की हैं।
किसे मिलेगी प्राथमिकता?
रेलवे ने जिन यात्रियों को लोअर बर्थ के लिए प्राथमिकता दी है, उनमें ये शामिल हैं:
सीनियर सिटीजन: 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुष यात्री और 58 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिला यात्रियों को लोअर बर्थ अलॉट करने की प्राथमिकता दी जाएगी।
गर्भवती महिलाएं: प्रेग्नेंट महिलाओं को भी लोअर बर्थ दी जाएगी, बशर्ते वे टिकट बुकिंग के वक्त मेडिकल प्रमाण दिखाएं।
मरीज: गंभीर बीमारियों से जूझ रहे यात्रियों को भी रेलवे लोअर बर्थ देने का प्रयास करेगा।
माता-पिता जिनके साथ 5 साल से कम उम्र के बच्चे हों: ऐसे यात्रियों को भी लोअर बर्थ का लाभ मिलेगा।
बाकी यात्रियों के लिए क्या नियम?
अगर आप सीनियर सिटीजन, प्रेग्नेंट महिला, मरीज या छोटे बच्चों के साथ यात्रा नहीं कर रहे हैं तो आपके लिए लोअर बर्थ मिलने की संभावना कम हो सकती है। अब सामान्य यात्री को सिर्फ तभी लोअर बर्थ मिलेगी जब प्रायोरिटी वाले यात्रियों के लिए सीटें बच जाएंगी।
टिकट बुक करते समय ध्यान रखें
अगर आप इनमें से किसी श्रेणी में आते हैं तो टिकट बुकिंग के समय सही कैटेगरी जरूर चुनें। उदाहरण के लिए सीनियर सिटीजन को अपनी उम्र सही दर्ज करनी होगी और जरूरत पड़ने पर ID प्रूफ दिखाना होगा। प्रेग्नेंट महिला या मरीज को मेडिकल डॉक्यूमेंट दिखाना पड़ सकता है।
रेलवे ने क्यों लिया यह फैसला?
भारतीय रेलवे को अक्सर यात्रियों की तरफ से शिकायतें मिलती थीं कि सीनियर सिटीजन या जरूरतमंद लोगों को लोअर बर्थ नहीं मिलती, जबकि जवान यात्री लोअर बर्थ लेकर ऊपर की सीटों पर चढ़ने में सक्षम होते हैं। इससे बुजुर्ग यात्रियों को बहुत दिक्कत होती थी। इसी वजह से रेलवे ने यह बदलाव किया है ताकि जरूरतमंदों को यात्रा के दौरान ज्यादा सहूलियत मिल सके।
क्या RAC या वेटिंग टिकट पर भी मिलेगा फायदा?
अगर आपने RAC या वेटिंग टिकट लिया है तो रेलवे कंफर्म सीट अलॉट करते समय भी यही प्राथमिकता रखेगा। यानी कंफर्मेशन के वक्त भी पहले बुजुर्ग, महिला, मरीज या छोटे बच्चे वाले परिवार को लोअर बर्थ देने की कोशिश की जाएगी।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग में कैसे होगा बदलाव?
IRCTC या अन्य रेलवे बुकिंग प्लेटफॉर्म पर लोअर बर्थ मांगने का विकल्प पहले से ही होता है। अब सिस्टम को अपग्रेड किया गया है ताकि उम्र, जेंडर और मेडिकल कंडीशन के आधार पर ऑटोमेटिक प्राथमिकता तय की जा सके। इसलिए अब आपको सही जानकारी देनी होगी ताकि आपको सुविधा मिल सके।
रेलवे की अपील
रेलवे ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे लोअर बर्थ के नए नियम को समझें और जरूरतमंद यात्रियों के साथ सहयोग करें। अगर कोई स्वस्थ युवा यात्री बुजुर्ग को अपनी सीट दे दे तो यह एक अच्छी मिसाल होगी। रेलवे भी अपने स्तर पर अधिक से अधिक लोअर बर्थ जरूरतमंदों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
ट्रेन यात्रा करने वालों के लिए जरूरी टिप्स
टिकट बुकिंग के समय सही जानकारी भरें।
अगर सीनियर सिटीजन हैं तो उम्र का प्रूफ साथ रखें।
मरीज या गर्भवती महिला के साथ मेडिकल सर्टिफिकेट रखें।
यदि जरूरत हो तो fellow यात्री से सीट बदलने की विनती करें।
निष्कर्ष
रेलवे का नया नियम जरूरतमंद यात्रियों के लिए राहत भरा कदम है। लोअर बर्थ अब सिर्फ उन्हें मिलेगी जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। अगर आप भी ट्रेन से सफर करने वाले हैं तो नए नियम को ध्यान में रखते हुए ही टिकट बुक करें। इससे बुजुर्ग, बीमार और बच्चों के साथ सफर करने वालों को बहुत राहत मिलेगी और यात्रा ज्यादा आरामदायक होगी।