अगर आप भी बैंक से बार-बार ज्यादा कैश निकालते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने कैश ट्रांजैक्शन को लेकर नया नियम लागू किया है, जिसके बाद अब बैंक से ₹50,000 से ज्यादा कैश निकालना महंगा पड़ सकता है।
RBI के इस फैसले से जहां आम लोगों में हलचल मच गई है, वहीं बैंकिंग सेक्टर में भी हड़कंप मचा हुआ है। आइए जानते हैं नए नियम में क्या बदला है, किन लोगों को होगा असर और अब से क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
क्यों लिया RBI ने यह बड़ा एक्शन?
देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए RBI समय-समय पर नए नियम लागू करता है। डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए अब कैश निकासी को लेकर सख्ती बढ़ा दी गई है।
हाल के वर्षों में देखा गया कि बड़ी नकद निकासी का इस्तेमाल कई बार कालेधन को छुपाने या अवैध गतिविधियों में होता है। इसे रोकने के लिए ₹50,000 से ज्यादा की कैश निकासी पर सख्त नियम लगाए गए हैं।
नए नियम में क्या बदलाव हुआ?
नए नियम के तहत:
अब बैंक से एक दिन में ₹50,000 से ज्यादा कैश निकालने पर एक्स्ट्रा चार्ज लग सकता है।
कुछ बैंकों ने लिमिट के ऊपर निकासी पर कैश हैंडलिंग चार्ज लेना शुरू कर दिया है।
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो ज्यादा कैश निकासी को मॉनिटर करें और जरूरत पड़ने पर ग्राहक से निकासी की वजह भी पूछें।
बड़ी निकासी के लिए आपको पैन कार्ड और आधार कार्ड की डिटेल देना जरूरी होगा।
किन बैंकों पर लागू होगा यह नियम?
RBI ने यह निर्देश सभी पब्लिक और प्राइवेट बैंकों के लिए लागू किया है। हालांकि हर बैंक अपनी पॉलिसी के अनुसार लिमिट और चार्ज तय करेगा।
कुछ बैंकों ने पहले से ही महीने में 4-5 फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट तय कर रखी है। अब बड़ी रकम पर एक्स्ट्रा चार्ज के साथ डॉक्यूमेंटेशन भी जरूरी होगा।
कैश निकालने पर कितना चार्ज लगेगा?
अभी तक बैंकों ने औसतन 0.5% से लेकर 1% तक का कैश हैंडलिंग चार्ज तय किया है। उदाहरण के तौर पर अगर आप ₹1 लाख कैश निकालते हैं तो आपको ₹500 से ₹1,000 तक अलग से चार्ज देना पड़ सकता है।
इसके अलावा कुछ बैंक GST भी अलग से वसूल सकते हैं।
नकद निकासी पर नया TDS नियम भी लागू
सिर्फ चार्ज ही नहीं, अगर आप साल भर में ₹20 लाख या उससे ज्यादा कैश निकालते हैं तो उस पर TDS (Tax Deducted at Source) भी लागू होगा। इसके लिए आपको पैन कार्ड देना जरूरी है।
अगर आपने पैन कार्ड लिंक नहीं करवाया है तो TDS की दर और बढ़ सकती है।
बार-बार नकद निकासी करने पर क्या नुकसान?
ज्यादा कैश निकालने पर आपको कैश हैंडलिंग चार्ज देना पड़ेगा।
आपका TDS कटेगा।
बैंक आपसे निकासी की वजह पूछ सकता है।
आईटी डिपार्टमेंट आपके ट्रांजैक्शन को मॉनिटर कर सकता है।
जरूरत पड़ने पर नोटिस भी भेजा जा सकता है।
कैशलेस ट्रांजैक्शन क्यों जरूरी है?
RBI का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें। UPI, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और RTGS जैसे साधन आसान और सुरक्षित हैं।
कैशलेस लेनदेन से न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ती है बल्कि टैक्स चोरी और कालेधन को रोकने में मदद मिलती है।
नए नियम से किसे राहत?
कुछ कैटेगरी के लोगों को अब भी बड़ी नकद निकासी पर छूट मिल सकती है। जैसे:
शादी-ब्याह जैसे सामाजिक आयोजन
किसान जिनकी पहुंच बैंकिंग नेटवर्क तक कम है
छोटे व्यापारी जो नकद लेनदेन से काम चलाते हैं
हालांकि इसके लिए उन्हें संबंधित बैंक में प्रूफ देना होगा।
क्या कहता है RBI?
RBI ने साफ कहा है कि देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश निकासी पर सख्ती जरूरी है। नए नियम से बैंकिंग सिस्टम पारदर्शी रहेगा और कालेधन पर रोक लगेगी।
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि ग्राहकों को जागरूक करें और डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित करें।
बड़ी कैश निकासी के लिए क्या सावधानी रखें?
हर निकासी को ऑनलाइन ट्रैक रखें।
पैन और आधार अपडेट रखें।
कोशिश करें कि डिजिटल पेमेंट से ही बड़ा ट्रांजैक्शन करें।
बैंक के नियमों को ध्यान से पढ़ें।
जरूरत न हो तो एक साथ बड़ी रकम न निकालें।
क्या होगा अगर नियम तोड़े?
अगर आप बिना वजह बड़ी रकम निकालते हैं और नियम तोड़ते हैं तो बैंक आपका खाता सील कर सकता है। साथ ही आयकर विभाग से नोटिस भी आ सकता है। इसलिए सावधानी बरतना जरूरी है।
निष्कर्ष
अब बैंक से ₹50,000 से ज्यादा कैश निकालना आसान नहीं रहेगा। RBI के नए नियम से बार-बार नकद निकासी करने वालों को झटका लग सकता है। बेहतर होगा कि आप डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दें, कैश निकालने की लिमिट को समझें और अनावश्यक चार्ज और टैक्स से बचें।