अगर आप भी किराए पर मकान लेकर रहते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत में किराएदार और मकान मालिक के बीच विवाद होना आम बात है। कई बार मकान मालिक बिना नोटिस दिए किराएदार को घर खाली करने को कह देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
नई नीति के तहत किराएदारों को 7 नए अधिकार मिले हैं जिनके तहत 5 साल बाद भी मकान मालिक जबरदस्ती घर खाली नहीं करवा पाएंगे। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह नया नियम क्या कहता है और आपको किन अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए।
नया किराया कानून क्या कहता है?
सरकार ने किराएदारों और मकान मालिकों के बीच पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए नया मॉडल टेनेंसी एक्ट लागू किया है। इस एक्ट में किराएदारों को कई महत्वपूर्ण अधिकार दिए गए हैं, जिससे उनकी सुरक्षा मजबूत होगी।
क्यों जरूरी था नया कानून?
देश के कई शहरों में मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद आम बात बन गया था। कई बार मकान मालिक मनमानी बढ़ोतरी कर देते थे या बिना पूर्व सूचना के किराएदार को निकाल देते थे। इससे किराएदारों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में यह नया कानून राहत देने का काम करेगा।
जानिए किराएदार के 7 नए अधिकार
1. बिना नोटिस जबरन बेदखली नहीं
अब मकान मालिक किराएदार को बिना कानूनी नोटिस के जबरदस्ती घर खाली नहीं करवा सकता। किराएदार को कम से कम 3 महीने पहले नोटिस देना जरूरी होगा।
2. किराया बढ़ाने के नियम
मकान मालिक हर साल मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकता। नया कानून कहता है कि किराया बढ़ाने के लिए पहले एग्रीमेंट में ही शर्तें साफ होंगी। इसके अलावा किराया बढ़ाने से पहले किराएदार को लिखित सूचना देना जरूरी होगा।
3. रिपेयर और मेंटेनेंस का अधिकार
किराएदार को रहने के दौरान जरूरी रिपेयर और मेंटेनेंस की सुविधा मिलना जरूरी है। मकान मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि मकान रहने लायक हो।
4. सिक्योरिटी डिपॉजिट की लिमिट
अब मकान मालिक सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मनमानी रकम नहीं ले सकता। नया कानून कहता है कि आवासीय मकान के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट दो महीने से ज्यादा नहीं लिया जा सकता।
5. किराएदार का एग्रीमेंट
हर किराएदार और मकान मालिक के बीच लिखित एग्रीमेंट अनिवार्य होगा। बिना रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के कोई भी पक्ष मनमानी नहीं कर सकता।
6. किराएदार को नोटिस का हक
अगर मकान मालिक रिपेयर नहीं करवा रहा या एग्रीमेंट की शर्तें पूरी नहीं कर रहा तो किराएदार नोटिस देकर उचित कार्रवाई कर सकता है।
7. विवाद निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट
मॉडल टेनेंसी एक्ट के तहत किराए के मामलों के लिए अलग से टेनेंसी कोर्ट बनाए जाएंगे, जहां मकान मालिक और किराएदार के विवादों का समाधान जल्दी होगा।
5 साल बाद भी किराएदार कैसे रहेगा सुरक्षित?
नया कानून कहता है कि अगर किराए का एग्रीमेंट तय अवधि के बाद रिन्यू नहीं होता है तो भी किराएदार को तुरंत बेदखल नहीं किया जा सकता। उसे नोटिस देकर उचित समय देना होगा। ऐसे में 5 साल या उससे ज्यादा समय तक रहने वाले किराएदारों को जबरन हटाना आसान नहीं होगा।
मकान मालिक के लिए क्या नियम हैं?
कानून सिर्फ किराएदार के पक्ष में नहीं है, बल्कि मकान मालिक को भी अधिकार देता है। अगर किराएदार किराया नहीं चुकाता या मकान को नुकसान पहुंचाता है तो मकान मालिक कानूनी प्रक्रिया के जरिए घर खाली करवा सकता है।
लेकिन इसके लिए मकान मालिक को टेनेंसी कोर्ट में उचित सबूत देने होंगे।
क्या पुराने किराएदारों को भी मिलेगा फायदा?
जी हां, पुराने किराएदार भी इन नियमों का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते उनका एग्रीमेंट लिखित हो। अगर आपके पास पुराने किराए का कोई लिखित समझौता नहीं है तो तुरंत मकान मालिक से नया एग्रीमेंट बनवाएं।
किराएदारों के लिए जरूरी सुझाव
हमेशा किराए का एग्रीमेंट लिखित रखें।
किराया ऑनलाइन या रसीद लेकर ही दें।
मकान मालिक से मरम्मत और मेंटेनेंस से जुड़े सभी वादे लिखित में लें।
किसी भी विवाद में टेनेंसी कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं।
नया कानून कब से लागू होगा?
मॉडल टेनेंसी एक्ट को राज्यों को लागू करना है। कई राज्यों ने इसे आंशिक तौर पर लागू कर दिया है और बाकी राज्यों में भी जल्द लागू होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
अगर आप भी किराए पर रहते हैं तो अब चिंता की जरूरत नहीं। नया मॉडल टेनेंसी एक्ट आपके अधिकारों की रक्षा करेगा और मकान मालिक की मनमानी पर रोक लगेगी।
5 साल बाद भी मकान खाली कराने का दबाव नहीं होगा — बस ध्यान रखें कि आपके पास लिखित एग्रीमेंट हो और सभी नियमों का पालन हो।