भारत में जमीन और प्रॉपर्टी खरीदने का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। लोग शहरों से दूर हाईवे के पास प्लॉट खरीदकर घर या फार्महाउस बनाने की सोचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाईवे के पास मकान बनाने के लिए कई जरूरी नियम होते हैं? अगर आपने ये नियम नहीं माने तो भविष्य में आपका घर अवैध घोषित हो सकता है, जुर्माना लग सकता है या फिर तोड़फोड़ का नोटिस भी आ सकता है।
इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि हाईवे के नजदीक मकान बनाने से पहले कौन-कौन से कानून और नियम जानना जरूरी है।
हाईवे के पास प्रॉपर्टी खरीदना क्यों होता है रिस्की?
हाईवे के आसपास की जमीनें अक्सर सस्ती मिल जाती हैं। लोग सोचते हैं कि कनेक्टिविटी अच्छी है, तो यहां निवेश फायदेमंद होगा। लेकिन हाईवे के नजदीक ज़मीन पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और राज्य सरकार के नियम लागू होते हैं।
इन इलाकों में सेटबैक, नक्शा पास कराना, कन्वर्जन, और क्लियरेंस जैसे नियम अनिवार्य होते हैं। अगर इनका पालन नहीं किया तो प्रॉपर्टी विवाद में फंस सकती है।
सेटबैक नियम क्या होते हैं?
हाईवे के किनारे मकान बनाने में सबसे जरूरी होता है सेटबैक रूल। इसका मतलब होता है कि सड़क से आपकी बिल्डिंग कितनी दूरी पर होगी।
नेशनल हाईवे के लिए सामान्य तौर पर ये दूरी होती है:
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शहरी इलाकों में: 30 से 45 मीटर
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ग्रामीण इलाकों में: 25 से 40 मीटर
इस दूरी में कोई पक्का निर्माण नहीं होना चाहिए। यह दूरी इसलिए जरूरी है ताकि भविष्य में हाईवे चौड़ा करने या सर्विस लेन बनाने में कोई रुकावट न आए।
लैंड यूज़ कन्वर्जन कराना जरूरी
अगर आपने खेती की जमीन ली है तो उस पर सीधा मकान नहीं बना सकते। पहले उस जमीन का लैंड यूज़ बदलवाना जरूरी है। इसे रिहायशी में कन्वर्ट कराना होगा। इसके लिए तहसील या नगर निगम से अनुमति लेनी होती है। बिना कन्वर्जन मकान बनाया तो उसे अवैध मान लिया जाएगा।
प्लान अप्रूवल है जरूरी
आपके मकान का नक्शा लोकल अथॉरिटी से पास होना जरूरी है। हाईवे के पास कई इलाकों में विकास प्राधिकरण या पंचायत से नक्शा पास कराना पड़ता है। नक्शा पास न होने पर निर्माण गैरकानूनी माना जाएगा और तोड़फोड़ का आदेश भी आ सकता है।
रिजर्वेशन और एक्विजिशन से बचें
कई बार हाईवे के किनारे की जमीन को फ्यूचर रोड प्रोजेक्ट, फ्लाईओवर, या सेज ज़ोन के लिए रिजर्व कर दिया जाता है। अगर आपने बिना जाँच के जमीन खरीद ली तो कभी भी सरकार अधिग्रहण कर सकती है और आप मुआवज़े के झमेले में फंस सकते हैं।
जरूरी डॉक्यूमेंट्स जरूर चेक करें
हाईवे के पास ज़मीन खरीदते या घर बनाने से पहले ये दस्तावेज ज़रूर जांचें:
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जमीन का खसरा-खतौनी रिकॉर्ड
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लैंड यूज़ सर्टिफिकेट
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सेटबैक एरिया की रिपोर्ट
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नक्शा पासिंग डॉक्यूमेंट
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एनएचएआई से क्लीयरेंस (अगर ज़रूरत हो)
कानूनी कार्रवाई से कैसे बचें?
1 किसी भी एजेंट के कहने पर आंख बंद करके जमीन न लें।
2 लोकल अथॉरिटी से सभी अनुमति और नक्शा पास कराएं।
3 हाईवे अथॉरिटी से NOC (No Objection Certificate) ज़रूर लें।
4 जमीन के कागज रजिस्ट्री ऑफिस में वैरिफाई कराएं।
5 रियल एस्टेट लॉयर या एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
अगर नियम तोड़े तो क्या होगा?
अगर आप सेटबैक या अन्य नियमों का उल्लंघन करते हैं तो:
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मकान अवैध घोषित किया जा सकता है।
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NHAI कभी भी नोटिस देकर निर्माण हटवा सकती है।
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नगर निगम जुर्माना ठोक सकता है।
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बैंक से लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
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भविष्य में बेचने या ट्रांसफर में दिक्कत आएगी।
फायदे में रहना चाहते हैं तो ये काम जरूर करें
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हाईवे के पास की जमीन का रीजनल मास्टर प्लान देख लें।
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पास के इलाके में कोई प्रोजेक्ट या एक्विजिशन नोटिस तो नहीं है, ये भी चेक करें।
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प्रोफेशनल वास्तुकार या इंजीनियर से सलाह लें।
निष्कर्ष: प्लॉट खरीदने से पहले अलर्ट रहें
हाईवे के पास मकान बनाना फायदे का सौदा हो सकता है लेकिन नियमों की अनदेखी भारी पड़ सकती है। अगर आप भी अपना सपना पूरा करना चाहते हैं तो सेटबैक, नक्शा पासिंग, लैंड यूज़ कन्वर्जन और सभी अनुमति समय पर करवा लें।
इससे न केवल आपका पैसा सुरक्षित रहेगा, बल्कि भविष्य में किसी भी सरकारी कार्रवाई से बचाव होगा।