सोना खरीदारों के लिए अलर्ट! जानिए अगस्त-सितंबर तक क्या होगा 1 तोले का रेट

भारतीय बाजारों में एक बार फिर से सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सोने के भाव न केवल रोज़ बदल रहे हैं, बल्कि अगस्त और सितंबर तक इसके रेट में बड़ा उछाल या गिरावट आने की संभावना भी जताई जा रही है। ऐसे में जो लोग सोना खरीदने की सोच रहे हैं या निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह लेख बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

क्या है आज का 1 तोला सोने का रेट?

देश के प्रमुख महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमतों में अंतर देखने को मिलता है। 19 जून 2025 को, 24 कैरेट सोने की कीमत लगभग ₹72,000 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट की कीमत ₹66,000 के आसपास दर्ज की गई।

अगस्त-सितंबर 2025 तक क्या हो सकता है 1 तोले का भाव?

जानकारों की मानें तो अगस्त और सितंबर के महीने में सोने के रेट में तेज़ी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि अगर वैश्विक बाजारों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं होता, तो 1 तोला (10 ग्राम) सोना ₹75,000 से ₹78,000 तक जा सकता है। वहीं, अगर डॉलर की स्थिति मजबूत होती है और ब्याज दरों में बढ़ोतरी होती है, तो सोने के दाम में कुछ गिरावट भी हो सकती है।

सोना क्यों हो सकता है महंगा?

1. फेस्टिव सीजन की डिमांड

भारत में अगस्त से त्योहारी सीजन की शुरुआत हो जाती है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी और फिर नवरात्रि व दिवाली के चलते सोने की मांग बहुत बढ़ जाती है। यही वजह है कि इस अवधि में इसके दाम उछाल मारते हैं।

2. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता

अमेरिका और यूरोप में चल रही महंगाई और मंदी की आशंका भी सोने के रेट पर असर डालती है। लोग जब शेयर बाजार से दूरी बनाते हैं, तो वे सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर गोल्ड को चुनते हैं।

3. डॉलर और रुपये की चाल

अगर डॉलर कमजोर होता है और भारतीय रुपया मजबूत होता है, तो सोने के दाम में कुछ गिरावट आ सकती है। लेकिन फिलहाल डॉलर की स्थिति स्थिर है, जिससे रेट में गिरावट की संभावना कम है।

क्या यह सोना खरीदने का सही समय है?

अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो यह समय सोना खरीदने के लिए अच्छा माना जा सकता है। हालांकि, शॉर्ट टर्म में कीमतों में हल्का उतार-चढ़ाव आ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त से पहले सोना खरीदना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि त्योहारों के समय इसकी कीमतें और बढ़ सकती हैं।

डिजिटल गोल्ड और ETF में निवेश का विकल्प

जो लोग फिजिकल गोल्ड (सुनहरे आभूषण या सिक्के) में निवेश नहीं करना चाहते, उनके लिए डिजिटल गोल्ड या गोल्ड ETF (Exchange Traded Fund) बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें न तो स्टोरेज की चिंता होती है और न ही मेकिंग चार्जेस की झंझट।

क्या सरकार के किसी फैसले का पड़ेगा असर?

हाल ही में भारत सरकार ने गोल्ड इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर कुछ बदलावों के संकेत दिए हैं। अगर ड्यूटी बढ़ती है तो स्वाभाविक है कि सोने के रेट में इज़ाफा होगा। इसलिए निवेश से पहले सरकारी घोषणाओं पर नज़र बनाए रखना जरूरी है।

निष्कर्ष

सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो अगस्त-सितंबर 2025 से पहले का समय आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। जैसे-जैसे त्योहारों का सीजन नजदीक आएगा, वैसे-वैसे सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। ऐसे में सही समय पर निवेश करके आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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