अगर आप नौकरीपेशा हैं और EPF खाते में पैसा जमा कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं है। अब सिर्फ 10 साल की नौकरी करके भी आप EPFO पेंशन पाने के हकदार बन सकते हैं। हाल ही में सरकार और EPFO ने पेंशन स्कीम को लेकर बड़ी अपडेट दी है, जिससे लाखों कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा।
EPS क्या है और कौन ले सकता है पेंशन?
EPFO यानी Employees’ Provident Fund Organisation के तहत चलने वाली EPS स्कीम यानी Employees’ Pension Scheme हर कर्मचारी के लिए बेहद जरूरी है। EPS के तहत EPF खाते से हर महीने कर्मचारी के वेतन का कुछ हिस्सा पेंशन खाते में जाता है।
अब नया नियम ये कहता है कि अगर कोई कर्मचारी 10 साल तक लगातार नौकरी करता है और EPF में योगदान देता है, तो वो 58 साल की उम्र के बाद पेंशन का हकदार होगा।
EPS में कितना पैसा जमा होता है?
EPFO में कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए (Dearness Allowance) से 12% काटकर PF खाते में जाता है। इसमें से 8.33% राशि EPS में जाती है। उदाहरण के लिए अगर आपकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है तो हर महीने करीब 1,250 रुपये EPS में जाएंगे।
10 साल की सर्विस के बाद पेंशन का फायदा
पहले कई कर्मचारियों को लगता था कि अगर नौकरी कम साल की हुई तो पेंशन नहीं मिलेगी। लेकिन अब EPS नियमों के मुताबिक अगर किसी ने कम से कम 10 साल नौकरी की है और EPFO में कंट्रीब्यूट किया है तो वो उम्रभर पेंशन पा सकता है।
कितना पैसा मिलेगा हर महीने?
EPS से मिलने वाली पेंशन की राशि आपकी सैलरी और सेवा अवधि पर निर्भर करती है। EPS में पेंशन की गणना के लिए यह फॉर्मूला इस्तेमाल होता है:
(Last Drawn Salary × Pensionable Service) ÷ 70
मान लीजिए आपकी आखिरी सैलरी 15,000 रुपये थी और आपने 10 साल की नौकरी की है। तो:
15,000 × 10 ÷ 70 = 2,142 रुपये (लगभग)
यानी हर महीने आपको 2,142 रुपये की पेंशन आजीवन मिल सकती है। अगर सर्विस ज्यादा होती है तो ये अमाउंट और बढ़ सकता है।
EPS पेंशन के फायदे
10 साल बाद भी पेंशन पक्की
आजीवन पेंशन का फायदा
रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सहारा
परिवार को भी पेंशन का लाभ
अगर पेंशनधारक की मृत्यु हो जाए तो पत्नी या बच्चों को भी EPS से फैमिली पेंशन का फायदा मिलता है।
EPS पेंशन के लिए जरूरी शर्तें
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कम से कम 10 साल EPF कंट्रीब्यूशन जरूरी है।
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पेंशन की उम्र 58 साल तय है।
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अगर 58 साल से पहले रिटायर होते हैं तो कुछ शर्तों पर रिड्यूस्ड पेंशन ली जा सकती है।
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EPS खाता एक्टिव रहना चाहिए।
EPS पेंशन कैसे क्लेम करें?
फॉर्म 10D भरें: EPFO की वेबसाइट या ऑफिस से फॉर्म 10D डाउनलोड करें।
जरूरी डॉक्यूमेंट: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, सर्विस सर्टिफिकेट साथ लगाएं।
EPFO ऑफिस में जमा करें: डॉक्यूमेंट EPFO ऑफिस में जमा कर दें।
पेंशन ऑटोमैटिक ट्रांसफर: क्लेम अप्रूव होने के बाद हर महीने आपके अकाउंट में पेंशन आने लगेगी।
ऑनलाइन EPS पेंशन क्लेम कैसे करें?
अब पेंशन क्लेम ऑनलाइन भी किया जा सकता है। EPFO की वेबसाइट पर जाकर UAN नंबर और पासवर्ड से लॉगिन करें, सर्विस हिस्ट्री देखें और पेंशन क्लेम फॉर्म ऑनलाइन सबमिट करें।
EPS पेंशन में क्या नया बदलाव हुआ है?
सरकार और EPFO अब EPS स्कीम को और सरल बनाने पर काम कर रहे हैं। अब 10 साल की नौकरी के बाद ही पेंशन पक्की हो जाएगी। पहले बहुत से कर्मचारियों को 10 साल से कम सर्विस पर पेंशन नहीं मिलती थी, लेकिन अब ये नियम सभी कर्मचारियों के लिए बड़ा राहत लेकर आया है।
EPS पेंशन को लेकर जरूरी बातें
नौकरी बदलने पर भी EPS खाता ट्रांसफर हो सकता है।
EPS से पैसा निकालना नहीं होता, केवल पेंशन मिलती है।
नौकरी छोड़ने पर EPF का पैसा निकाल सकते हैं लेकिन EPS के लिए 10 साल की सर्विस जरूरी है।
निष्कर्ष
अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपकी सर्विस 10 साल या उससे ज्यादा है तो अब आप बेफिक्र होकर EPS पेंशन के हकदार बन सकते हैं। यह स्कीम आपके बुढ़ापे में आर्थिक सहारा बन सकती है। जरूरी है कि आप अपना EPF खाता समय से अपडेट रखें, KYC पूरी हो और UAN एक्टिवेटेड हो।
तो अगर आप भी सिर्फ 10 साल की नौकरी करके उम्रभर पेंशन पाना चाहते हैं तो EPS की हर जानकारी सही रखें और EPFO की गाइडलाइन फॉलो करें।